Kanpur Weather Update: कानपुर में शरद पूर्णिमा की रात पहले बरसे बदरा, फिर चमके चंद्रदेव
कानपुर में आज तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई मौसम विभाग ने पहले ही इसका पूर्वानुमान जताया था। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की वापसी हो रही है जिससे अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। बारिश के कारण खेतों में खड़ी धान की फसल को नुकसान हुआ है और गन्ना व आलू की फसल पर भी इसका असर पड़ा है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से सोमवार को मानसून वापसी का सिस्टम तो नहीं बना बल्कि देर शाम बदरा जरूर बरसे। शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रदेव बादलों से जद्दोजहद कर चमकते रहे। शक्ति चक्रवात के असर से शाम को नम हवा चलने से बादल छाए और करीब पांच मिमी तक वर्षा हुई।
रात 10 बजे तक काकादेव में 4.9, नौबस्ता में 5.3, सिविल लाइंस में 5.2, कंपनीबाग क्षेत्र में 5.8 मिमी वर्षा का स्तर दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, अब अगले 48 घंटे में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। 10 अक्टूबर के बाद से मानसून वापसी के अनुकूल मौसमी सिस्टम बनने और उत्तर-पश्चिमी हवा आने से गंगा के मैदानी इलाकों में पारा गिरने की संभावना बढ़ गई है।
इधर, सीएसए के कृषि मौसम विज्ञान केंद्र में सोमवार को अधिकतम तापमान 35.3 और न्यूनतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। वातावरण में नमी का अधिकतम प्रतिशत 86 और न्यूनतम प्रतिशत 53 रहा। दक्षिण-पश्चिम दिशा से 4.9 किमी प्रति घंटा की गति से हवा चली।
सीएसए के कृषि मौसम तकनीक अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि अगले 48 घंटे में जिले में गरज चमक के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है। किसानों को सलाह है कि खड़ी फसलों की सिंचाई, कीटनाशी, रोगनाशी एवं बुवाई का कार्य स्थगित रखें। खेतों में जलनिकासी का उचित प्रबंध करें। पशुपालक अपने पशुओं को वर्षा व तेज हवा चलने के दौरान पेड़ के नीचे, बिजली के पोल के पास न बांधे।
अगले पांच दिन में प्रदेश में मानसून वापसी की हो सकती है शुरुआत
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि सोमवार शाम को पश्चिमी विक्षोभ का ही असर रहा जिससे नम हवा चलने से बादल आए और सोमवार शाम को वर्षा हुई। मंगलवार देर रात तक कानपुर मंडल में बादलों की आवाजाही बढ़ी रहेगी। कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की भी संभावना है। अगले चार से पांच दिन में उत्तर प्रदेश से मानसून वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के बिहार से सटे पूर्वी जिलों में भारी बारिश की संभावना अभी बनी रहेगी। 10 अक्टूबर के बाद मानसून वापसी के अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी, जिससे गंगा के मैदानी इलाकों में पारा गिरने की शुरुआत होगी।
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