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    कानपुर में वक्फ संपत्तियों की रुकेगी हेराफेरी, हर एक की इस तरह होगी पहचान

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 06:04 PM (IST)

    कानपुर में वक्फ संपत्तियों का हिसाब-किताब अब आनलाइन होगा। जिले की 1669 वक्फ संपत्तियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर दर्ज होगा। सरकार हेराफेरी रोकने के लिए डेटाबेस बना रही है जिससे हर संपत्ति को विशेष पहचान मिलेगी। दिसंबर तक यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है। सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड समन्वयकों की नियुक्ति कर रहे हैं।

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    वक्फ संपत्तियों का ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर दर्ज होगा।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। सरकार ने वक्फ संपत्तियों के हिसाब-किताब व निगरानी के लिए काम शुरू कर दिया है। जिले की 1669 वक्फ संपत्तियों का सारा ब्योरा रिकार्ड करने की कवायद भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सुन्नी व शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कोआर्डिनेटरों की नियुक्ति भी कर दी गई है। वक्फ विभाग के अनुसार जिले में 1669 वक्फ संपत्तियां है। सरकार की ओर से वक्फ संपत्तियों के लेखा-जोखा के लिए बनाए गए उम्मीद पोर्टल पर इनको दर्ज कर प्रत्येक को विशिष्ट पहचान दी जाएगी। इन संपत्तियों की निगरानी अल्पसंख्यक मंत्रालय करेगा।

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    वक्फ संशोधन कानून बनने के बाद अब वक्फ संपत्तियों से संबंधित पूरा ब्योरा उम्मीद पोर्टल पर दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सरकार वक्फ संपत्तियों का डाटा बेस तैयार करा रही है। इनमें जिले की भी वक्फ संपत्तियां शामिल हैं। सरकार के निर्देश पर जिले में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया गया था। सर्वे के अनुसार जिले में 1669 वक्फ संपत्तियां है। इनमें 538 सरकारी प्रकृति की हैं।

    सदर तहसील में सुन्नी वक्फ की 914, शिया वक्फ की 34,घाटमपुर में 189,बिल्हौर में 388 और नर्वल में 144 संपत्तियां हैं। उम्मीद पोर्टल पर दर्ज किए जाने वाले ब्योरे में वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय, मुतवल्ली व प्रबंधन, वक्फकर्ता का नाम, वक्फ संख्या, उसका क्षेत्रफल, प्रारूप आदि की जानकारी देनी होगी। पोर्टल पर दर्ज होने वाले ब्योरे के साथ वक्फ संपत्तियों को मिलने वाली विशिष्ट पहचान संख्या का उपयोग उनकी निगरानी में किया जाएगा। इससे वक्फ संपत्तियों में होने वाली हेराफेरी रुकेगी।

    सहायक सर्वे कमिश्नर वक्फ पवन कुमार सिंह ने बताया कि वक्फ संपत्तियों का ब्योरा दर्ज कराने के लिए हेल्प डेस्क स्थापित की गई है। उम्मीद पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों का विवरण दर्ज कराने के लिए मुतवल्लियों की प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वक्फ संपत्तियों का विवरण दर्ज कराने की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी करनी है।

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