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    भारतीय वायुसेना ने दी मिग-21 को विदाई, कानपुर के सुबोध ने निभाई अहम भूमिका

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    कानपुर के सुबोध दीक्षित ने मिग 21 की विदाई समारोह की तैयारी में योगदान दिया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें वायु सेना ने इस ऐतिहासिक पल के लिए बुलाया। उन्होंने रक्षामंत्री और वायु सेना अध्यक्ष के समक्ष एयर शो की योजना प्रस्तुत की। अपने कार्यकाल में उन्होंने कई प्रशंसा पत्र प्राप्त किए और उनकी लेखन कला के लिए राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया।

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    मिग 21 लड़ाकू विमान की विदाई की तैयारी करने वाले स्क्वाड्रन लीडर सुबोध दीक्षित। स्वयं

    जागरण संवाददाता, कानपुर। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान मिग 21 की विदाई समारोह की तैयारी कराने की उपलब्धि नौबस्ता के राजीव विहार निवासी सुबोध दीक्षित ने हासिल की है। 26 सितंबर को चंडीगढ़ में इस ऐतिहासिक पल की रूपरेखा तैयार करने वाली टीम के वो सदस्य बने। हाल ही में स्क्वाड्रन लीडर पद से सेवानिवृत्त हुए सुबोध को वायु सेना के अधिकारियों ने मिग 21 की विदाई की तैयारी के लिए चंडीगढ़ बुलाया। वहां पहुंचकर वाे इस अविस्मरणीय पल के साक्षी बने।

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    राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एयर शो का अनुभव रखने वाले सुबाेध बताते हैं कि मिग 21 के जांबाज लड़ाकू पायलटों के साथ मिलकर एयर शो की तैयारी की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायु सेना अध्यक्ष और चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह, पश्चिमी वायु कमान के वायु कमान अधिकारी सहित देश व विदेश से बुलाए गए अतिथियों के समक्ष मिग 21, जगुआर बम वर्षक विमान, लाइट कांबैट एयरक्राफ्ट तेजस जैसे विमानों को एयर शो में प्रदर्शित किया। वायु सेना प्रमुख द्वारा मिग 21 के विमान को उड़ाए जाने की रूपरेखा को रक्षा मंत्री के समक्ष सुनाने की उपलब्धि मिली।

    ऐसा है इनका कार्यकाल

    स्क्वाड्रन लीडर सुबोध अपने कार्यकाल के दिनों के बारे में बताते हैं कि उन्हें अपनी स्क्वाड्रन के विमानों का टेक आफ देखना इतना पसंद था कि वे राजस्थान की भीषण गर्मी में रनवे के किनारे घंटों तक खड़े होकर मिग 21 विमान की बारीकियों को समझते रहते थे। ट्रैफिक कंट्रोल आफिसर के तौर पर स्क्वाड्रन लीडर सुबोध दीक्षित को वर्ष 2019 और वर्ष 2023 में वायु कमान मेंटेनेंस कमान नागपुर और सेंट्रल एयर कमांड प्रयागराज से प्रशस्ति पत्र मिल चुका है। वे मार्शल अर्जन सिंह से लिखित रूप से प्रशंसा पत्र प्राप्त करने वाले अधिकारी रहे है। 25 मई 2024 को उनकी विभिन्न पुस्तकों को लिखने की कला की वजह से उन्हें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र दिया। तीनों सेनाओं के विभिन्न उच्चाधिकारियों से भी उन्हें 20 से भी अधिक प्रशंसा पत्र प्राप्त हो चुके है।

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