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    पहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के खात्मे पर शुभम के पिता ने जताई खुशी, बोले- प्रधानमंत्री और सेना का आभार

    By atul mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Mon, 28 Jul 2025 09:10 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड के मारे जाने पर भाजपा कार्यकर्ता शुभम द्विवेदी के घर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। शुभम के पिता ने सेना और प्रधानमंत्री का आभार जताया। शुभम की पत्नी ने कहा कि आतंकियों के मारे जाने से शांति मिली है। परिवार ने भारत-पाकिस्तान एशिया कप पर विरोध जताया।

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    शुभम की पत्नी एशान्या और पिता संजय। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ आतंकी हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की धर्म पूछकर निर्मम हत्या हुई थी। जिसमें चकेरी के श्यामनगर निवासी सीमेंट कारोबारी शुभम द्विवेदी भी शामिल थे। भारतीय सेना ने इस हमले का मास्टरमाइंड रहा हाशिम मूसा,सुलेमान शाह समेत तीन आतंकियों को आपरेशन महादेव के तहत सावन के तीसरे सोमवार को खात्मा हुआ। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता सोमवार को श्यामनगर स्थित शुभम के घर पहुंचे। जहां उन्होंने श्रद्धांजलि देकर पिता समेत स्वजन को मिठाई खिलाई। इस दौरान आतंकियों के खात्मे पर सभी ने खुशी जाहिर कर भारतीय सेना जिंदाबाद , शुभम द्विवेदी अमर रहे के नारे लगाए।

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    इस दौरान शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि उनके परिवार के साथ हुई घटना के बाद से ही भाजपा परिवार उनके साथ खड़ा रहा। बहुत खुशी का दिन है कि भारतीय सेना ने हमले के मास्टरमाइंड समेत तीन आतंकियों को कश्मीर में ढेर कर दिया। वह इसके लिए देश के प्रधानमंत्री और सेना का आभार व्यक्त करते हैं। संजय ने कहा कि शहर आए प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट में मुलाकात के दौरान भरोसा दिया था कि वह आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे, आपरेशन सिंदूर जारी रहेगा।

    उन्होंने कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। अगर सवाल उठाने वालों के साथ ऐसा होता , तो शायद उन्हें हमारे दुख दर्द का पता चलता। पाकिस्तान आतंक का दूसरा नाम है। हमें इससे किसी भी तरह से रिश्ते नहीं रखने चाहिए। उन्होंने , आपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को अपने राष्ट्रीय झंडे में लपेटकर सम्मान दिया था। ऐसे में उनसे आतंक के सिवाय क्या उम्मीद की जा सकती है।

    वहीं , शुभम की पत्नी ऐशान्या ने कहा कि मेरे सामने शुभम को धर्म पूछकर मारने आतंकियों के सेना द्वारा मारे जाने की खबर से बहुत शांति मिली है। वास्तव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। कहा कि आतंकी घटनाओं में देश के सभी राजनीतिक दलों के एक जुट होना चाहिए। पाकिस्तान ने पहलगाम का हमला पहली बार नहीं किया है। कई घटनाओं से उसके आतंकवाद को पालने की पोल खुली है।

    यह भी पढ़ें- पहलगाम हमले पर पी चिदंबरम के बयान पर शुभम के पिता और पत्नी के निकले आंसू, बोले- ये राष्ट्रनीति की हत्या

    इस दौरान बीजेपी के कानपुर बुंदेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के 97 दिनों के बाद कश्मीर के हरवन इलाके में भारतीय सेना ने तीनों आतंकियों को मार गिराया। इस क्रम में शुभम को श्रद्धांजलि अर्पित कर मिष्ठान वितरण कर खुशी मनाई गई। इस दौरान शुभम की बहन आरती पांडेय, गोपी पांडेय, बीजेपी दक्षिण जिलाध्यक्ष शिवराम सिंह, राम बहादुर यादव, श्यामनगर मंडल अध्यक्ष आलोक वर्मा, जिला मंत्री आशीष साहू, पार्षद निर्देश सिंह चौहान, एलबी सिंह पटेल, गणेश शुक्ला, विनोद मिश्रा, अनूप अवस्थी, मनीष त्रिपाठी, अनुराग शर्मा, अर्जुन बेरिया,संजय कटियार, अनुराग शुक्ला, संदीप ठाकुर,आलोक वर्मा,जितेंद्र सचान ,केपी चौहान,प्रवीण मिश्रा आदि ने खुशी जाहिर की।

    भारत-पाकिस्तान एशिया कप पर जताया विरोध

    शुभम के पिता संजय द्विवेदी ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद बीसीसीआइ द्वारा सितंबर में भारत - पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट मैच का फैसला लेना बहुत निराशाजनक है। सरकार को आतंकी देश पाकिस्तान से सभी तरह के रिश्ते नहीं रखने होंगे। दोहरा मापदंड नहीं अपनाना चाहिए। कि आतंक और मैच एक साथ हो। कहा कि हम इस निर्णय को रद्द करने की मांग करने के साथ फैसले का विरोध करते हैं।

    कहा कि प्रधानमंत्री को इस पर सख्त रुख अपनाना चाहिए। वहीं शुभम की पत्नी ऐशान्या ने कहा कि सुना था कि लोग भूल जाते हैं, लेकिन इतनी जलती भूल जाते हैं ,यह नहीं सोंचा था। पाकिस्तान के पहलगाम हमले में मैंने अपने पति को खोया है, आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी थी। अब घटना के महज तीन माह बाद ही एशिया को में बीसीसीआइ द्वारा पाकिस्तान के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के साथ खेलना मेरी भावनाओं के साथ मजाक जैसा है, जो बहुत गलत है। ऐसा लग रहा है कि हम भारतीय आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। कहा कि वह देश की सेना सहयोग देने वालों का धन्यवाद देती हैं।