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    कानपुर में रामादेवी एलिवेटेड पुल पर भीषण हादसा, ड्योढ़ी घाट से पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने गए चाचा-भतीजे की मौत

    Updated: Wed, 31 Dec 2025 07:55 PM (IST)

    कानपुर के रामादेवी एलिवेटेड पुल पर एक दर्दनाक सड़क हादसे में चाचा-भतीजे की मौत हो गई। वे महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट से पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर ल ...और पढ़ें

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    मृतक रघुराज सिंह और मृतक हिम्मत सिंह की फाइल फोटो। स्वजन

    जागरण संवाददाता, कानपुर। रामादेवी एलिवेटेड पुल पर मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर घाट की रसीद लेकर लौट रहे बाइक सवार चाचा-भतीजे की सड़क हादसे में मौत हो गई। दोनों महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट से होकर लौट रहे थे, तभी पीछे से आ रहे अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। इससे दोनों उछल कर डिवाइडर पर गिरे और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद राहगीरों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शिनाख्त के बाद परिवार वालों को सूचना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे के वक्त बाइक चला रहा भतीजा हेलमेट लगाए हुआ था, जो हादसे की जगह पर अलग पड़ा था।

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    बिधनू के गढ़ेवा मंझावन निवासी 45 वर्षीय रघुराज यादव बुधवार सुबह अपने 27 वर्षीय भतीजे हिम्मत सिंह यादव के साथ बाइक से महाराजपुर ड्योढ़ी घाट गए थे। वहां से लौटते वक्त रामादेवी एलिवेटेड पुल पर दोनों गुरु हरराय एकेडमी स्कूल के सामने पहुंचे थे, तभी तभी तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दी, जिससे उछलकर दोनों डिवाइडर पर सिर के बल जा गिरे। सिर डिवाइडर से टकराने के कारण दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

     

    मृतक हिम्मत के पिता विजयपाल उर्फ बड़की ने बताया कि छोटा भाई रघुराज उनके साथ किसानी करता था, जबकि बेटा हिम्मत खुद की बोलेरो किराए पर चलाता था। दोनों के लौटने में देरी हुई तो उनके छोटे बेटे रोहित ने फोन किया, लेकिन करीब आधे घंटे तक कोई जवाब नहीं मिला। करीब पौने दो बजे पुलिस ने काल उठाया और हादसे की सूचना दी। विजय पाल ने बताया कि हिम्मत की करीब पांच साल पहले शादी हुई थी। परिवार में उसकी पत्नी प्रेमिता, दो वर्षीय बेटी काव्या और एक छह माह का बेटा बाबू है, जबकि उनके छोटे भाई रघुराज के परिवार में पत्नी अनीता, बेटा निखिल व शादीशुदा बेटी आरती है।

     

    उनके अनुसार कई दिन से दोनों ड्योढ़ी घाट जाने की सोच रहे थे। बुधवार सुबह अचानक जल्दबाजी में निकल गए। क्या पता था कि ऐसी खबर मिलेगी। भाई और बेटा दोनों ने गहरा जख्म दिया है। सर्दी में बोलेरो से जाने के बजाय बाइक से गए। चाचा-भतीजे की मौत पर पोस्टमार्टम पहुंचे स्वजन शव देखकर बिलख पड़े। चकेरी थानाप्रभारी अजय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि सीसी कैमरे की फुटेज से अज्ञात वाहन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।

    पिता के बैंक खाते से निकलवाने थे 49 हजार रुपये

    विजयपाल ने बताया कि उनके पिता हीरालाल की वर्ष 2011 में मौत हो गई थी। उनका अंतिम संस्कार महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट पर हुआ था। कुछ दिन पहले बैंक से फोन आया कि पिता के खाते में जमा-निकासी नहीं हो रही है। इस पर उन्हें मौत की खबर दी गई। अधिकारियों ने बताया था कि उनके खाते में 49 हजार रुपये जमा हैं। उनका मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर रुपये निकाल लें। इसलिए चाचा-भतीजे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए घाट की रसीद लेकर लौट रहे थे।