कानपुर में व्यावसायिक की जगह दिखाया आवासीय, गृहकर बढ़ाने को हर जोन में चिह्नित हो रही ऐसी संपत्तियां
कानपुर नगर निगम ने राजस्व वसूली में तेजी लाने के लिए बकायादारों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। निगम का लक्ष्य 750 करोड़ रुपये की वसूली का है जिसके लिए व्यावसायिक संपत्तियों की पहचान की जा रही है और बड़े बकाएदारों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। गृहकर और लाइसेंस शुल्क की समीक्षा के साथ-साथ पार्किंग और विज्ञापन शुल्क से भी आय बढ़ाने की योजना है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। नगर निगम का पूरा फोकस अब चालू वित्तीय वर्ष में तय राजस्व वसूली 750 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है। अभी तक सिर्फ 190 करोड़ रुपये हो पायी है। छह माह में 560 करोड़ रुपये वसूलने है। इसको लेकर बकाएदारों को नोटिस दी जा रही है। साथ ही हर जोनल प्रभारियों व राजस्व निरीक्षकों को आदेश दिए गए है कि व्यावसायिक संपत्तियों को चिह्नित करे।
कई ऐसी व्यावसायिक संपत्तियों है जो नगर निगम में आवासीय दर्ज है और मौके पर व्यावसायिक प्रयोग हो रहा है। ऐसे ही कई गेस्ट हाउस भी आवासीय दर्ज है। इसके अलावा भवन की जगह अपार्टमेंट खड़े हो गए है। इन पर शिकंजा कसने से नगर निगम की आय बढ़ेगी। साथ ही राजस्व निरीक्षकों का खेल भी सामने आएगा।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने सभी जोनल प्रभारियों को आदेश दिए है कि हर हाल में लक्ष्य पूरा किया जाए। इसके लिए छूटे भवनों को चिह्नित करके नोटिस दी जाए और व्यावसायिक इमारतों पर शिकंजा कसा जाए। जोन दो, तीन और पांच में राजस्व निरीक्षकों के साथ निजी कर्मचारी कार्य कर रहे है। यह बकायदा रसीद बुक लेकर वसूली करते है।
सुविधा शुल्क मिलने पर कम दिखा दिया जाता है। जांच की जाए तो खेल सामने आएगा। कई राजस्व निरीक्षक दूसरे शहर से आते है। ऐसे में सुबह देर से आते है और शाम को जल्दी चले जाते है। इनकी उपस्थिति चेक की जाए तो मामला पकड़ में आ जाएगा। आला अफसरों ने जांच शुरू कर दी है।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने बताया कि बड़े बकाएदारों को नोटिस दी जा रही है। कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अफसरों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
गृहकर बकाएदारों की जोनल कार्यालयों में लगेगी सूची
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने अफसरों को आदेश दिए हैं कि कितने लोगों ने गृहकर जमा किया है और कितनों ने नहीं, इसकी समीक्षा करें। बिल में गड़बड़ी है तो उसकी जांच कराकर गृहकर जमा कराएं। साथ ही कई मकानों का लोगों ने परिवर्तन कर लिया है। आवासीय की जगह व्यावसायिक और अपार्टमेंट बना लिए हैं। शापिंग कांप्लेक्स बन गए हैं। इन सभी को नए सिरे से गृहकर तय करके नोटिस दी जा रही है। लाइसेंस शुल्क की भी समीक्षा की जा रही है। नवंबर से 35 स्थानों पर पार्किंग चालू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए वाहन खड़े करने का किराया तय कर दिया गया है। व्यवस्था संचालन खुद नगर निगम करेगा। वहीं, अभी विज्ञापन शुल्क केवल तीन करोड़ रुपये आ रहा है, इसे 20 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। घरों व गेस्ट हाउस में होर्डिंग व एलईडी से हो रहे विज्ञापन पर कर लगाने के आदेश राजस्व निरीक्षकों को दिए गए हैं। नगर आयुक्त ने सभी छह जोनल प्रभारियों को आदेश दिए हैं कि हर हाल में वसूली लक्ष्य पूरा किया जाए।
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