कानपुर नगर निगम सदन बैठक में हल्ला बोल, मनमाने गृहकर को लेकर पार्षदों का हंगामा, मेयर की तबियत बिगड़ी
कानपुर नगर निगम सदन में गृहकर को लेकर जमकर हंगामा हुआ। पार्षदों ने मनमाने बिलों और ब्याज वसूली का विरोध किया। उनका आरोप था कि सुविधा शुल्क लेकर बिल कम किए जा रहे हैं। नगर आयुक्त ने शासन के आदेश का हवाला दिया और शिविर लगाने की बात कही। महापौर की तबीयत बिगड़ने से सदन स्थगित हो गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। नगर निगम सदन नगर निगम व जलकल के मूल बजट और पुनरीक्षित बजट को लेकर बैठक मंगलवार को बुलायी गयी थी। दोपहर एक बजे बैठक बुलायी गयी थी। आधा घंटे देर से सदन शुरू हुआ जो करीब डेढ़ बजे सदन शुरू हुआ तो पार्षदों ने बढ़े और मनमाने गृहकर बिलों को लेकर हल्ला बोल दिया। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि यह सदन बजट के लिए बुलाया गया है।
कांग्रेस पार्षद दल के नेता ने कहा कि पहले जनता सर्वोपरि है। गृहकर के मामले का निस्तारण कराया जाए। गृहकर के मुद्दे पर चर्चा हो नहीं तो कांग्रेस सदन का बहिष्कार कर देगी। भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने कहा कि जनता पर जबरन टैक्स लगाया जा रहा है। धीरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी पार्षद एक है। बढ़ा टैक्स दो साल पूर्व से लगाकर ब्याज सहित भेज दिया है। ऐसे में आम जनता की क्या गलती है? और नहीं उसको 10 प्रतिशत छूट दी गयी जबकि वह लगातार टैक्स जमा कर रहा है।
सोहेल ने कहा कि किस आधार पर बिल को ठीक किया जा रहा है। एआरबी बढ़ायी जानी चाहिए उसके साथ लोगों को आपत्ति मांगी जाए। गृहकर बढ़ाकर भेज दिया गया यह गलत है। पहले बढ़ा दिया गया बाद में सुविधा शुल्क लेकर कम हो गया। भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने कहा कि एक तो गृहकर बिल पिछले दो साल से बढ़ाकर ब्याज सहित दे दिया। एक तो बिल बढ़ाया और ब्जाय भी लगा दिया यह गलत है। जनता ने तो गृहकर जमा किया है बाद में बिल बढ़ाया गया तो फिर ब्याज क्यों लगाया गया है। ब्याज हटाया जाए।
इसको लेकर अवधेश त्रिपाठी, यशपाल सिंह, विकास जायसवाल व आरती त्रिपाठी ने भी कहा कि जनता पर जबरन टैक्स लगाया जा रहाौ। इसको ठीक किया जाए। नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने कहा कि शासन के आदेश के तहत वर्ष 2016 में टैक्स संशोधित हुआ था। इसके बाद वर्ष 2022 में संशोधित किया गया है। शासन का कहना है कि कम गृहकर लोग दे रहे है। जहां पर घरों में बढ़ोत्तरी या आवासीय से व्यावसायिक हो गए है। उसके आधार पर कर बढ़ा कर दिया गया है। पिछले दो साल पूर्व सेबढ़ा कर दिया गया है। गड़बड़ बिल है तो उनके लिए एक माह में जोनवार शिविर लगाकर निस्तारण कराया जाएगा।
पार्षदों ने कहा कि राजस्व निरीक्षक को बता है तो फिर कैसे अनाप शनप बिल बढ़ाकर भेजा जा रहा है। बाद में सुविधा शुल्क लेकर कम कर दिया जाता है। वहीं कुछ पार्षद गृहकर का मुद्दा छोड़कर पिछले एक साल में किए गए भुगतानों की जांच की मांग की। इस दौरान महापौर की तबीयत खराब होने पर सदन स्थगित कर दिया और 25 सितंबर को सदन बुलाया है।वहीं बजट भी रखा गया लेकिन पास नहीं हुआ। बजट को मुख्य लेखाधिकारी में सदन पटल से रखा था। वहीं सपा व कांग्रेस के पार्षदों ने बुधवार को गृहकर के मुद्दे पर बैठक बुलायी है। उसमें आगे की रणनीति तय होगी।
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