Kanpur jail: शादिक ने किया दोस्ती का कत्ल तो असरुद्दीन ने बहा दिया था खून, अब मृतक के बहनोई को सता रहा डर
Kanpur jail कानपुर जेल से फरार असरुद्दीन से मृतक के बहनोई को जान का खतरा सता रहा। उसने बताया कि सुबह झुग्गी पर पहुंची पुलिस से फरार होने की जानकारी हुई। मृतक के बहनोई ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। नौ जनवरी 2024 को पत्नी से अवैध संबंध के लिए दोस्त को मार डाला था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। Kanpur jail: जेल की त्रिस्तरीय सुरक्षा तोड़कर हत्यारोपित असरुद्दीन के फरार होने से मृतक 22 वर्षीय शादिक का बहनोई दहशत में है। उसे अपनी जान का खतरा सता रहा है। दरअसल जाजमऊ के ताड़बगिया स्थित अवैध बसी बस्ती में नौ जनवरी 2024 की शाम 22 वर्षीय शादिक की हत्या कर दी गई थी। इसी बस्ती में रहने वाले उसके बहनोई माजम ने असरुद्दीन पर हत्या का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था। असरुद्दीन घटना के बाद से अपने जुगाड़ के रिक्शा समेत फरार था।
वहीं, शुक्रवार सुबह बस्ती पहुंची पुलिस से असरुद्दीन के जेल से फरार होने की सूचना से वादी बेहद डर और दहशत में हैं। उनका कहना है कि पहले वह साले की हत्याकर आसानी से असम भाग निकला धा। अब वह करीब डेढ़ साल बाद जेल की कड़ी सुरक्षा और चौकसी के बीच भाग निकला है। तो ,उसका मुझ तक पहुंचना कोई बहुत आसान है। इसलिए उसे स्वयं के साथ अपने परिवार की जान का खतरा सता रहा है।
वादी माजम ने बताया की सुबह बस्ती के पास बनीं दुकान पर पुलिस पहुंची थी। वहां ,पुलिस ने बुलाकर उन्हें जानकारी दी। इसके बाद से वह काफी दहशत में है। बताया कि आरोपित ने घटना को वारदात के 15 दिन पहले ही अपनी पत्नी अख्तरी को असम स्थित मायके में छोड़ आया था। इसके बाद वह यहां वापस नहीं लौटी। उसके एक ढ़ाई -तीन साल का बेटा भी है।
वहीं आरोपित असरूद्दीन के पिता हाफीजुद्दीन उसकी दोनों मम्मी के अलावा भाई और बहन भी इसी बस्ती की झुग्गी में रहते हैं। मामले में जाजमऊ थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह का कहना है कि वादी आरोपित के जेल से भाग जाने की जानकारी दी गई है। वहीं उसे पूछताछ के लिए भी बुलाया गया है। जिससे भागे बंदी असरूद्दीन के किसी ठिकाने का पता चल सके। वादी को डरने व घबराने की जरूरत नहीं हैं।
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शादिक ने किया दोस्ती का कत्ल, तो असरुद्दीन ने बहा दिया खून
शादिक की हत्या आरोपित बंदी असरुद्दीन की पत्नी अख्तरी के बीच पनपे प्रेम से अवैध संबंध में हुई थी जिसका कबूलनामा गिरफ्तारी के बाद असरूद्दीन ने किया था। असम से हुई गिरफ्तारी के उसने पुलिस से दोस्त शादिक को पत्नी के साथ आपत्तिजनक देखा था। जिससे उसका दिमाग खराब हो गया था। फिर उसका दिमाग काम नहीं कर रहा था। फिर , शादिक को खूब नशे कर , मौका मिलते ही जमीन पर पड़े बिस्तर में नशे की हालत में उसकी हत्या कर दी थी। कहा था , उसे जो मिला मारा, तब तक मरता रहा , जबतक उसकी सांसें नहीं रुकीं। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया था। बतादें की यह सभी मूल रूप से असम के जिला व थाना बरपेटा के खुनकुशी कालोनी बारपेटा , बरपेटा निवासी हैं।
कबाड़ के व्यापार के लिए बसाई झुग्गी-झोपड़ी , असल पहचान करना आसान नहीं
जाजमऊ के तिवारीपुर ताड़बगिया स्थित हरी बिल्डिंग के पास कई सालों से झुग्गी में बसी बस्ती में कबाड़ को खरीदने और बटोरकर लाने वाले परिवार रहते हैं, जो बाहर के ही रहने वाले हैं. बताया गया कि वह जाजमऊ इलाके को अजिनुल नाम के व्याक्ति के लिए काम करते हैं. जिसे वह ठेकेदार के नाम से जानते हैं। जो उसने काम के बदले सभी आर्थिक जरूरतें पूरी करता करता है, या यूं कह लें कि कबाड़ के व्यापार के लिए बस्ती बसाई गई है। जिनकी भाषा, बोलचाल भी अलग है, इसकी वास्तविक पहचान क्या है, यह तो जांच का बिषय है। लिहाजा यहां रहने वालों की पहचान ठिकाना दिए ठेकेदार के ही पास हो सकती है।
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