पीड़ित होटल संचालिका प्रज्ञा ने किया राजफाश, अखिलेश दुबे समेत पांच आरोपितों के खिलाफ दिया ये बयान
कानपुर में एक होटल संचालिका ने रंगदारी के मामले में मजिस्ट्रेटी बयान दिया है जिसमें अखिलेश दुबे समेत कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। संचालिका का कहना है कि 2010 में रंगदारी न देने पर आरोपियों ने होटल में घुसकर मारपीट की थी। 2011 में दर्ज मुकदमे में पुलिस ने जल्दबाजी में रिपोर्ट लगा दी थी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। पांच घंटे में मुकदमा खत्म करने के मामले में 14 साल बाद पुनर्विवेचना हुई तो कई नाम सामने आ गए। पीड़ित होटल संचालिका ने मजिस्ट्रेटी बयान में अपनी आपबीती बयां की। उन्होंने बताया कि रंगदारी न देने पर सिर्फ अजय निगम ही होटल में नहीं आया था, बल्कि अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी, बेटा रोहित अवस्थी, अजय का भाई अनुज व दो-तीन अज्ञात लोग असलहा लेकर आए थे और उन्हें लात-घूंसों से पीटा था। हालांकि अब अजय की मृत्यु हो चुकी है। पुलिस अब बयान के आधार पर सभी नामजद को आरोपित वारंट भेजा जाएगा।
साकेत नगर निवासी होटल संचालिका प्रज्ञा त्रिवेदी ने बताया कि 2009 में उन्होंने बारादेवी स्थित एक होटल लिया था। आरोप है कि अखिलेश दुबे ने होटल चलाने के लिए दो लाख रुपये प्रतिमाह रंगदारी मांगी थी। रुपये न मिलने पर दिसंबर 2010 में अखिलेश दुबे आफिस के टाइपिस्ट अजय निगम व अन्य असलहाधारियों के साथ होटल में आकर लात-घूंसों से पीटा। वह रिश्तेदार से जबरन 1.20 लाख रुपये भी ले गए।
उन्होंने अखिलेश दुबे, अजय निगम समेत आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन अखिलेश के प्रभाव में मुकदमा नहीं लिखा गया। बल्कि उसका नाम हटा अजय निगम व अज्ञात पर कोर्ट के आदेश पर जूही थाने में 31 जनवरी 2011 में मारपीट, डकैती, धमकी की धारा में मुकदमा हुआ, जिसकी विवेचना उप निरीक्षक राजेश कुमार तिवारी ने की और मेरे बयान लिए बिना प्रभावशाली लोगों के बयान अंकित कर करीब पांच घंटे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी।
पीड़िता ने आठ सितंबर 2025 को इस प्रकरण में कोर्ट से पुनर्विवेचना कराए जाने की गुहार लगाई, जिस पर बुधवार को अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन ईशा अग्रवाल की कोर्ट में पीड़िता का पक्ष सुना गया और पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए कि मामले की जांच एसीपी स्तर के अधिकारी से तीन दिन के भीतर कराएं और तत्कालीन विवेचक राजेश कुमार तिवारी के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक जांच शुरू कराएं। इस पर पुलिस आयुक्त ने प्रकरण की पुनर्विवेचना एसआइटी के सदस्य एसीपी नौबस्ता चित्रांशु गौतम और तत्कालीन विवेचक पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जांच एसीपी बाबूपुरवा दिलीप सिंह को दी।
शुक्रवार रात पुलिसकर्मियों ने प्रज्ञा के घर पहुंचकर बयान लिए और घटनाक्रम जाना था। दो दिन पहले पुलिस ने प्रज्ञा के मजिस्ट्रेटी बयान कराए। प्रज्ञा ने अपने बयान में कहा कि उस दिन होटल में अखिलेश दुबे, उसके करीबी एक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश अवस्थी, उसका बेटा रोहित, अजय निगम व उसका भाई अनुज निगम और दो-तीन अज्ञात असहले लेकर आए थे। रुपये न मिलने पर उन लोगों ने लात-घूंसों से पीटा व समय पर रुपये भिजवाने के लिए धमकाया था।
होटल संचालिका प्रज्ञा त्रिवेदी के मजिस्ट्रेटी बयान के अवलोकन कर लिए गए हैं। उन्होंने अखिलेश दुबे, भूपेश अवस्थी, रोहित, अजय निगम व अनुज निगम का नाम बताया है। उन्हें आरोपित बना आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी जांच चल रही है।
- दीपेंद्र नाथ चौधरी, डीसीपी दक्षिण
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