दीनू के साथी अरिदमन ने कोर्ट को बताया कि मुझे गंभीर बीमारी, रंजिशन झूठा फंसाया गया
कानपुर कोर्ट ने 50 हजार के इनामी अधिवक्ता अरिदमन सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा। अधिवक्ता ने लिवर सिरोसिस से पीड़ित होने की बात कही और इलाज की मांग की। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को इलाज का निर्देश दिया। उसपर अपहरण रंगदारी और डकैती के आरोप है जिसके चलते अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा की कोर्ट ने 50 हजार के इनामी अधिवक्ता अरिदमन सिंह की 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। अधिवक्ता ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि उसे लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी है। डाक्टर ने तत्काल लिवर प्रत्यारोपण की सलाह दी है। जेल में उसे संक्रमण का खतरा होगा। उसे अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
कोर्ट ने जेल अधीक्षक से कहा कि अरिदमन के स्वास्थ्य की दशा का परीक्षण विशेषज्ञ चिकित्सकों से कराएं। किसी उच्च चिकित्सा संस्धान से उसके इलाज की व्यवस्था की जाए।
केशव नगर डब्ल्यू ब्लाक निवासी जूता व्यापारी राकेश अरोड़ा उर्फ लोरी ने दीनू उपाध्याय, धीरज दुबे, उसका भाई नीरज दुबे और अज्ञात आरोपितों पर अपहरण, डकैती, मारपीट, रंगदारी मांग धमकाने की धाराओं में कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि 17 सितंबर 2021 की रात आरोपित कार से उनका अपहरण कर मैनावती मार्ग ले गए और फोन, 64 हजार रुपये लूट लिए। इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा व 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी थी।
विवेचना में बार एसोसिएशन के पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह, दीपक जादौन, गोपाल सिंह, मनु उपाध्याय, नारायण सिंह भदौरिया, राम खिलावन, संजय उपाध्याय, विकास ठाकुर उर्फ विक्की, अनूप शुक्ला का नाम प्रकाश में आया था। दीनू, अरिदमन पिंटू सेंगर हत्यकांड के भी आरोपित थे। गुरुवार को कोतवाली पुलिस ने उसे बहराइच के रुपईडीहा से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने न्यायिक रिमांड मंजूर कर लिया। अधिवक्त की तरफ से लिवर सिरोसिस से पीड़ित होने के कारण इलाज का प्रार्थनापत्र दिया गया। कोर्ट ने जेल अधीक्षक को नियमानुसार इलाज की व्यवस्था करने का आदेश दिया।
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जमानत प्रार्थनापत्र खारिज
अधिवक्ता अरिदमन सिंह की ओर से अदालत में जमानत प्रार्थनापत्र दिया गया। इसमें कहा गया कि उसने कोई अपराध नहीं किया है। उसे रंजिशन झूठा फंसाया गया है। उसे जमानत दी जाए। अभियोजन ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उस पर अपहरण, रंगदारी वसूलने और डकैती का गंभीर आरोप है। इसलिए जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त किया जाए। कोर्ट ने जमानत प्रार्थनापत्र खारिज कर दिया।
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