कानपुर में भाजपा में ये क्या चल रहा है, किदवई नगर विधायक के आरोप पर पार्टी ने लिया संज्ञान
किदवई नगर के भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी का विकास कार्यों में कमीशन लेने का बयान वायरल होने पर भाजपा ने जांच के आदेश दिए हैं। प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने कहा कि मामले का संज्ञान लिया गया है और पूछताछ की जाएगी। विधायक ने सफाई में कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। किदवई नगर से भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने विकास कार्यों में 10 प्रतिशत कमीशन लिए जाने बयान इंटरनेट मीडिया में खूब प्रसारित हो रहा है। इस मामले में भाजपा के प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से उनके संज्ञान में भी यह मामला आया है। किस परिपेक्ष्य में यह बयान दिया गया है, इसकी जांच होगी। पार्टी इस मामले का संज्ञान लिया है, पूछताछ भी की जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर आयोजित होने वाले सेवा पखवाड़े के कार्यक्रमों की तैयारी को लेकर भाजपा में बैठकों का दौर चल रहा है। ऐसी ही एक बैठक गुरुवार 11 सितंबर को बर्रा के चंद्रलोक गेस्ट हाउस में हुई। इसमें विधायक महेश त्रिवेदी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हम लोगों को सैलरी मिल रही है। इसके अलावा विधायक निधि में भी ईमानदारी से 10 प्रतिशत कमीशन मिलता है। तुम लोगों को क्या मिलता है? इस बात पर वहां मौजूद कार्यकर्ता हंसने लगते हैं और तालियां गूंजती हैं। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रचलित होने के बाद अब भाजपा असहज हो गई है। पार्टी नेता बचाव की मुद्रा में हैं तो विपक्ष हमलावर।
हालांकि बाद में इस संबंध में विधायक महेश त्रिवेदी ने एक वीडियो इंटरनेट मीडिया में जारी करके बताया कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को यही बताया था कि वह तो विधायक हैं कहीं न कहीं वेतन ले लेते हैं। साथ ही लोगों में यह भी रहता है कि जनप्रतिनिधि हैं, पांच-10 प्रतिशत कमीशन तो आता ही होगा लेकिन उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया। उन पर कोई दाग नहीं निकाल सकता।
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भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करने वालों की जवाबदेही हो तय
भाजपा महामंत्री ने गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता की मृत्यु और रावतपुर थाने के अंदर एक युवक की मृत्यु को लेकर यह घटनाएं र्दुभाग्यपूर्ण हैं। प्रदेश में गूंगी-बहरी सरकार नहीं हैं। अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। सभी की जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को जनसरोकार के साथ सहभागी होकर चलना चाहिए। अधिकारियों को जनता के टैक्स के पैसे से सेलरी मिलती हैं, ऐसे में उन्हें जनता के प्रति जिम्मेदारी से काम करना चाहिए, वहीं जवाबदेही भी तय होंगी।
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