Akhilesh Dubey Case: जानें कौन है अखिलेश का सहयोगी विमल, 4 अक्टूबर तक नहीं हो सकती गिरफ्तार
कानपुर में भाजपा नेता रवि सतीजा पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की के मामले में नया मोड़ आया है। पुलिस के अनुसार अधिवक्ता विमल यादव ने लड़की का इंतजाम किया था। अदालत ने विमल यादव को 4 अक्टूबर तक गिरफ्तारी से राहत दी है पर जांच जारी रहेगी। आरोप है कि विमल होटल हड़पना चाहता था और उसने रवि सतीजा को धमकाया भी था।

जागरण संवाददाता, कानपुर। भाजपा नेता रवि सतीजा पर दुष्कर्म का मुकदमा कराने के लिए जिस लड़की काे पीड़ित बनाकर पेश किया गया, उस लड़की का इंतजाम अधिवक्ता विमल यादव ने किया था। इस बात का पर्दाफाश खुद उस लड़की ने किया था, जिसके बयानों के आधार पर पुलिस ने विमल यादव को भाजपा नेता से जुड़े मुकदमे में आरोपित बनाया था।
विमल ने इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत की ओर रुख किया था। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आरोपित की गिरफ्तारी पर 4 अक्टूबर 2025 तक रोक लगा दी है। हालांकि इस दौरान विवेचना चलती रहेगी।
उस्मानपुर की महिला ने छोटी बहन से दुष्कर्म का प्रयास, पाक्सो समेत धाराओं में कोर्ट के आदेश पर बर्रा के जूही डब्ल्यू ब्लाक निवासी भाजपा नेता व होटल मालिक रवि सतीजा पर मुकदमा कराया था। जब इस मामले में पुलिस जांच हुई तो रवि सतीजा के बयानाें व अन्य साक्ष्यों के आधार पर सामने आया कि जिस लड़की ने झूठा मुकदमा कराया था उसकी कहानी कहीं और से नहीं बल्कि भाजपा नेता के ही होटल की दूसरी मंजिल पर अवैध रुप से रहने वाले अखिलेश दुबे गैंग के अधिवक्ता विमल यादव ने लिखी थी।
विमल होटल को हड़पने की तैयारी कर रहा था। वह बिना किसी अनुमति के होटल की छत पर टावर तक लगवाने लगा था। विरोध करने पर उसने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर वाट्सएप पर मैसेज कर धमकाया और एक लड़की का नाम लेते हुए उन्हें फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दी। फरवरी 2024 में जिस लड़की का नाम लेकर धमकाया गया, उसी ने भाजपा नेता के खिलाफ दिसंबर 2024 में मुकदमा दर्ज करा दिया। अखिलेश दुबे इसी मामले में जेल में हैं। लड़की ने विमय यादव का नाम लिया था, जिसके बाद गिरफ्तारी के बाद विमल ने अदालत की ओर रुख किया था।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्र की कोर्ट ने इस मामले में विमल की याचिका पर सुनवाई की। विमल ने अदालत को बताया कि वह उक्त प्रकरण में हाई कोर्ट गया है। हालांकि हाई कोर्ट ने अभी याचिका स्वीकार नहीं की है। फिर भी स्थानीय अदालत ने 4 अक्टूबर तक अंतिम अवसर दिया है। हालांकि यह भी स्पष्ट किया है कि इस दौरान विवेचना चलती रहेगी और आरोपित विवेचना में सहयोग करेगा।
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