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    Air Pollution: कानपुर की हवा जहरीली, खराब AQI यंत्रों से छिपाया जा रहा वास्तविक प्रदूषण स्तर

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 07:47 PM (IST)

    कानपुर में वायु प्रदूषण का स्तर दिल्ली-गुड़गांव जैसा गंभीर है, लेकिन आधिकारिक आंकड़े इसे कम दिखाते हैं। शहर के कई इलाकों में AQI 250-330 तक पहुंच गया ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर में प्रदूषण के आकड़े देश के बड़े शहरों दिल्ली, गुड़गांव, गाजियाबाद के बराबर पहुंच गया है। बीते विधानसभा सत्र में कानपुर के वायु प्रदूषण के मामले को जब विपक्ष के विधायक की तरफ से उठाया गया तो, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने खुद शहर के प्रदूषण को लेकर कहा था कानपुर की हवा ठीक है। वहीं प्रदूषण विभाग की ओर से जारी हो रहे आकड़ों पर गौर करें तो कानपुर में पिछले एक सप्ताह से वायु गुणवत्ता सूचकांक एक्यूआई 123 से 136 के बीच में है।

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    ये एक्यूआई बताता है कि शहर का वायु प्रदूषण का स्तर ना ज्यादा खराब है और नहीं ठीक है, पर वहीं दूसरी ओर से शहर के विभिन्न इलाकों के एक्यूआई का आकड़ा इसके ठीक उल्ट आ रहा हैं। मंगलवार को ही देवकी नगर का एक्यूआइ 330, पनकी साइट वन का एक्यूआइ 260, पनकी का एक्यूआइ 255, कल्याणपुर का एक्यूआइ 250 तक पहुंच गया हैं। वहीं दूसरे इलाकों में एक्यूआइ 200 से ऊपर ही दर्ज हो रहे हैं।


    जहां उड़ रही धूल, वहां मापक यंत्र नहीं

    शहर में जिन इलाकों में धूल सबसे ज्यादा उड़ रही है, वहां पर प्रदूषण मापक यंत्र ही नहीं हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग साफ सुथरे इलाकों के एक्यूआइ के आधार पर पूरे शहर की प्रदूषण की स्थिति को बेहतर बता रहा है। यह एक तरह से पूरे शहरवासियों के सेहत के साथ खिलवाड़ करने के समान है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से शहर में चार प्रदूषण मापक मीटर से रीडिंग लिया जा रहा हैं।

     

    यह है प्रदूषण का पूरा खेल

    खेल यह है कि इन चार प्रदूषण मापक यंत्र में से आइआइटी में लगा यंत्र का डाटा अपलोड नहीं होता है, राष्ट्रीय शकर्रा संस्थान में लगा मापक यंत्र में पीएम-2.5 और पीएम 10 का डाटा शून्य दर्शा रहा है, वहीं किदवई नगर के एफटीआइ पर लगे मापक यंत्र में बिजली की सप्लाई नहीं है। राष्ट्रीय शकर्रा संस्थान में लगे प्रदूषण मापक यंत्र का रखरखाब काफी खराब हालत में है, यंत्र के ऊपर पेड़ों की लटाएं लटकी हुई है। जबकि उसके डिस्पले सिस्टम भी पूरी तरह से अपडेट डाटा नहीं दिखा रहा है।वहीं किदवई नगर स्थित एफटीआइ के मेन गेट के गार्ड रूम के ऊपर लगे यंत्र की स्थिति भी काफी खराब है बिजली की सप्लाई न होने के साथ ही यहां पर रखरखाव की ठीक नहीं हैं।


    विभाग की तरफ से सब ठीक

    जो डाटा यूपी प्रदूषण नियंत्रण विभाग केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग से लेकर जारी कर रहा है, उसमें शहर के एक्यूआइ को ज्यादा खराब नहीं दिखा रहा हैं। जबकि शहर के जिन इलाकों में पेड़ पौधों के साथ ही सड़कों की स्थिति ठीक है वहां का एक्यूआई और पनकी, दादानगर औद्योिगिक क्षेत्र, रामादेवी, नौबस्ता, भैरोघाट जैसे स्थानों पर एक्यूआइ काफी अधिक रहता हैं। इन इलाकों में प्रदूषण को मापने के लिए कोई यंत्र लगाया नहीं गया हैं। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से रोजाना प्रदूषण की स्थिति मैनुअल पता लगाया जाता हैं। इसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग की रीडिंग से नहीं जोड़ा जाता है।

     

    बीते सात दिनों में शहर की एक्यूआइ की स्थिति

    • दिनांक--------एक्यूआइ श्रेणी
    • 29 दिसंबर ---136 खराब
    • 28 दिसंबर ---96 सामान्य
    • 27 दिसंबर ---118 खराब
    • 26 दिसंबर ---132 खराब
    • 25 दिसंबर ---137 खराब
    • 24 दिसंबर ---123 खराब
    • 23 दिसंबर ---209 हानिकारक

     

    बीते छह सालों में शहर की औसत एक्यूआइ की स्थिति

    • साल ------एक्यूआइ
    • 2020-----149
    • 2021-----150
    • 2022-----133
    • 2023-----118
    • 2024-----118
    • 2025-----138

     

    30 दिसंबर को शहर की एक्यूआइ की स्थिति

    • क्षेत्र का नाम----------एक्यूआइ
    • देवकी नगर ----------330
    • पनकी साइट वन -----260
    • कल्याणपुर ----------257
    • पनकी---------------255
    • अशोक नगर----------248
    • गुरुदेव पैलेस ---------248
    • किदवई नगर ---------247