Interview: आइटीआइ में प्रशिक्षु पढ़ेंगे एमएमवी, एआइ, डाटा साइंस के पाठ्यक्रम, खुलेंगे रोजगार के अवसर
उत्तर प्रदेश सरकार युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए आईटीआई में कई बदलाव कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काउंसिलिंग सेल स्थापित करने पर जोर दिया है। आईटीआई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डेटा साइंस जैसे नए कोर्स शुरू करने की तैयारी है। इंडस्ट्री एडवाइजरी बोर्ड पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाने में मदद करेगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर। राज्य सरकार का पूरा जोर युवाओं को बेहतर शिक्षा देने के साथ उन्हें हुनरमंद बनाने पर है। कौशल विकास मिशन, राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ), प्रादेशिक सेवायोजन सहित अन्य संस्थान इस दिशा में काम कर रहे हैं। बीते रविवार को लखनऊ में हुए समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आइटीआइ में काउंसिलिंग सेल स्थापित करने पर जोर दिया। ताकि सेल के जरिये छात्रों को उद्योग, बाजार और विदेश की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जा सके।
आइटीआइ में प्रशिक्षुओं को परंपरागत प्रशिक्षण की बजाय आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) और मैकेनिक मोटर व्हीकल (एमएमवी) और डाटा साइंस, कंप्यूटराइज्ड मशीनों पर प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी है। दैनिक जागरण संवाददाता विवेक मिश्र को दिए साक्षात्कार में नोडल आइटीआइ (राजकीय), पांडु नगर के प्रधानाचार्य हरीश कुमार मिश्रा ने आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में बताया।
हरीश कुमार मिश्रा, नोडल प्रधानाचार्य, राजकीय आइटीआइ, पांडु नगर। स्वयं
- उद्योगों की मांग के अनुसार कुशल श्रमिक नहीं मिल पा रहे हैं, क्या वजह है ?
- वर्तमान समय में उद्योग तकनीक आधारित होते जा रहे हैं। युवाओं में कौशल आधारित प्रशिक्षण की कमी देखी जा रही है। इसलिए आइटीआइ भी अब उद्यमियों की मदद से उद्योगों की जरूरत के अनुसार हुनरमंद युवा तैयार करने की कार्ययोजना बना चुका है। इंडस्ट्री एडवाइजरी बोर्ड गठित कर नए पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे।
- प्रशिक्षण का स्तर परंपरागत बना हुआ है। इसे बदल रहे हैं क्या ?
- निश्चित तौर पर परपंरागत ट्रेडों में बदलाव की जरूरत है। उद्यमियों और अनुदेशकों के समन्वय से विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षण ले रहे युवाओं को अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराने के मौके देने, प्रशिक्षण का स्तर और बेहतर करने, उद्योगों की जरूरत के अनुसार युवाओं में कौशल विकास करने पर लगातार काम हो रहा है।
एआइ, डाटा साइंस, आइओटी तकनीक अपनाने की दिशा में काम हो रहा है ?
स्थानीय उद्योग प्रतिनिधियों के साथ इंडस्ट्री एडवाइजरी बोर्ड बनाया जा रहा है। यह बोर्ड पाठ्यक्रम इंटर्नशिप उपकरण अद्यतन और प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में अपना मार्गदर्शन एवं सहयोग देगा। नई तकनीक जैसे एआइ, आइओटी, सीएनसी मशीनिंग, डाटा विश्लेषण आदि को उद्योग प्रतिनिधियों के सहयोग से पाठ्यक्रम मेंं शामिल करने की तैयारी है।
- पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाने के लिए शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों की मदद लेंगे ?
- पाठ्यक्रम को आधुनिक एवं नवीनतम स्तर पर लाने के लिए विशेषज्ञों की अहम भूमिका रहेगी। सीएसजेएमयू, एचबीटीयू, आइआइटी व उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाने का काम करेंगे। ताकि प्रशिक्षुओं को उद्योगों के बदलते स्वरूप के अनुसार तैयार किया जा सके।
- आइटीआइ में इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन हब विकसित करेंगे ?
- बड़े शिक्षण संस्थानों में इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन हब स्थापित हो चुके हैं। हमारी भी प्लानिंग चल रही है कि नोडल आइटीआइ में इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन हब स्थापित किया जाए। ताकि प्रशिक्षुओं को नए नवाचार करने का अवसर मिले। उनके नवाचारों को इनक्यूबेट कर उनके करियर को बेहतर प्लेटफार्म दिया जा सके। फिलहाल, रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराई जा रही है।
- मुख्यमंत्री ने आइटीआइ में काउंसिलिंग सेल खोलने को कहा है, इसके क्या फायदे होंगे ?
- आइटीआइ में आने वाले प्रशिक्षु मनचाही ट्रेड से प्रशिक्षण तो ले लेते हैं लेकिन उसके बाद वो किस दिशा में जाएंगे, ये तय नहीं कर पाते। इसलिए मुख्यमंत्री द्वारा आइटीआइ में काउंसिलिंग सेल खोलने का आह्वान निश्चित तौर पर युवाओं के लिए अहम पड़ाव साबित होगा। जल्द ही राजकीय आइटीआइ में कांउसिलिंग सेल का संचालन शुरू कराकर प्रशिक्षुओं को करियर संबंधी जानकारी दी जाएगी।
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