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    मोबाइल टेक्नोलाजी स्टार्टअप को तकनीक सहयोग देगा IIT Kanpur, सिक्स जी के लिए बढ़ा रहे कदम

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 11:25 PM (IST)

    आईआईटी कानपुर 5जी और 6जी तकनीक पर काम करने वाले स्टार्टअप्स को अपने इनक्यूबेशन सेंटर से जोड़ने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए 1 अक्टूबर को एक वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। आईआईटी इन स्टार्टअप्स को तकनीकी सहयोग भी देगा जिससे देश में मोबाइल तकनीक और उपकरण निर्माण को बढ़ावा मिल सके। संस्थान जल्द ही एक राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित करने की योजना बना रहा है।

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    फाइव जी टेक्नोलाजी से संबंधित स्टार्टअप का वेबीनार एक अक्टूबर को।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। मोबाइल फोन की फाइव जी और सिक्स जी टेक्नोलाजी क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप को आइआइटी कानपुर अपने इंक्यूबेशन सेंटर का हिस्सा बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए स्टार्टअप कंपनियों को आइआइटी के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर से जोड़ा जाएगा। सेंटर की ओर से पहली अक्टूबर को एक वेबीनार का आयोजन भी किया जा रहा है।

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    आइआइटी कानपुर में फाइव जी और सिक्स जी टेक्नोलाजी को लेकर अनुसंधान कार्य कई साल से जारी हैं। आइआइटी की फाइव जी टेक्नोलाजी का प्रयोग टाटा समूह की कंपनी देश में कर रही है। फाइव और सिक्स जी टेक्नोलाजी पर हो रहे अनुसंधान और इस क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप के साथ आइआइटी कानपुर एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश में है जिससे देश में मोबाइल टेक्नोलाजी और उपकरण निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।

    इस क्षेत्र में काम कर रहे स्टार्टअप को आइआइटी अपना तकनीकी सहयोग भी देने के लिए तैयार है। इसी सिलसिले में आगामी एक अक्टूबर को स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर का वेबीनार होने जा रहा है। इसके बाद एक राष्ट्रीय सम्मेलन भी करने की तैयारी है।

    साइबर तकनीक की जानकारी ही साइबर हमलों से बचाव

    आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) की भूमिका जीवन के हर क्षेत्र में तेजी से बढ़ी है। पिछले सालों के दौरान लगभग हर रोज एआइ और मशीन लर्निंग आधारित टूल सामने आए हैं, जिनकी मदद से मानसिक स्वास्थ्य और उद्यमिता विकास भी किया जा सकता है। आइआइटी कानपुर में शनिवार को आयोजित फिक्की फ्लो, आइडियाज मैटर मोस्ट और आइआइटी सी3आइ हब की ओर से आयोजित एआइ युग में डिजिटल ट्रस्ट कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी।

    आइआइटी के टेक्नोपार्क में आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि तेज़ी से विकसित हो रही डिजिटल दुनिया में प्रौद्योगिकी, नैतिकता, सुरक्षा, शासन और मानसिक स्वास्थ्य सभी क्षेत्रों में एआइ की भूमिका बढ़ रही है। डिजिटल दुनिया की चुनौतियों को देखते हुए आज के दौर में सभी को साइबर सुरक्षा के लिए जागरूक होना पड़ेगा। साइबर तकनीक की जानकारी ही साइबर हमलों से बचाव है। इस अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य समर्थक और मोटिवेशनल स्पीकर नैना मोर की पुस्तक ‘टी कप्स एंड टर्निंग प्वाइंट्स’ का लोकार्पण भी किया गया। लेखिका ने बताया कि उन्होंने आम लोगों के संघर्ष, साहस, प्रेम, आनंद और पुनः खोज को दर्शाने की कोशिश अपनी कहानियों में की है। कार्यक्रम का संचालन फिक्की फ्लो की चेयरपर्सन कृति श्राफ और डा. शेफाली राज ने किया।

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