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    IIT Kanpur छात्र आत्महत्या मामला: जय को किसका था खौफ? पापा की कसम खाओ...किसी सीनियर-दोस्त ने फोन तो नहीं किया

    By Ankur SrivastavaEdited By: Anurag Shukla
    Updated: Tue, 30 Dec 2025 03:11 PM (IST)

    आईआईटी कानपुर में छात्र जय सिंह मीणा की आत्महत्या के मामले में परिवार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि जय किसी सीनियर या दोस्त से डरा हुआ ...और पढ़ें

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    दिंवगत जय के भाई धर्मेंद्र, बहन डा. ज्योति और चचेरी बहन पारुल। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। आईआईटी कानपुर में छात्र आत्महत्या मामले ने एक बार फिर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्र हमेशा परिवार वालों को फोन करता था कि किसी सीनियर या दोस्त काल तो नहीं आया था। परिवार वालों का आरोप है कि जय डरा सहमा रहता था। जैसे उसके किसी का डर था। वह कहता था वे लोग बहुत पावरफुल हैं।  

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    आईआईटी के हास्टल में बीटेक छात्र के आत्महत्या करने के मामले में घरवालों ने किसी के द्वारा छात्र के डराने-धमकाने की आशंका जताई। उन्होंने बताया कि छात्र किसी से इतना डरा हुआ था कि वह अक्सर घरवालों को काल कर पूछता था कि किसी सीनियर या दोस्त की काल तो नहीं आई थी। मना करने पर कहता था कि पापा कसम खाओ, सच सच बताओ। जब कारण पूछते तो बोलता कि वे लोग बहुत पावरफुल हैं, पर हम सब ठीक कर लेंगे। यहां तक कई बार कहने पर भी वह आइआइटी में भी आने से रोक देता था। मामले में दिवंगत की डाक्टर बहन ने कल्याणपुर थाने में तहरीर दी। पोस्टमार्टम के बाद परिवार शव लेकर गांव चले गए।

     

    हास्टल नंबर दो के कमारा नंबर 148 में रहता था

    अजमेर के अवधपुरी निवासी जय सिंह मीणा कानपुर आइआइटी में बायोलाजिकल इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्र थे। वह आइआइटी के हास्टल नंबर दो के कमरा नंबर 148 में सहपाठी के साथ रहते थे। बड़े भाई धर्मेंद्र मीणा ने बताया कि जय दीपावली में घर आया था और 15 दिन रुकने के बाद वापस चला गया था। उसकी पहले बैक लगी थी, लेकिन चार दिसंबर को बैक हट गई थी। मां तारादेवी को मंगलवार को अपने गांव जाना था। उनका रिजर्वेशन भी हो चुका था, पर भाई ने मां को रविवार रात फोन करके कहा कि वह सोमवार की शाम घर आ रहा है। रिजर्वेशन कैंसिल कर दो और हम दोनों रिजर्वेशन करा कर साथ चलेंगे।

     

    शव चादर के फंदे से लटका था

    धर्मेंद्र बताया कि इसके बाद उन्होंने मां का ट्रेन का रिजर्वेशन कैंसिल कर दिया। सोमवार सुबह रिजर्वेशन कराने को लेकर जय को लगभग 10 बजे काल की, लेकिन उठा नहीं। इसके बाद परिवार के सभी लोगों ने 50 बार से ज्यादा काल की, पर फोन रिसीव नहीं हुआ। अनहोनी की आशंका पर उन्होंने जय के कई पढ़ने वाले छात्रों को फोन किया एक छात्र ने विकास मीना नाम के छात्र को जय के कमरे में भेजा पर दरवाजा अंदर से बंद मिला। कई बार आवाज लगाने पर भी कोई प्रतिक्रिया न होने पर खिड़की से जाकर तो उसका शव चादर के फंदे से लटका मिला।

     

    जय की कलाई कटी मिली

    जानकारी पर आईआईटी प्रशासन और कल्याणपुर थाने का फोर्स पहुंचा। दरवाजा तोड़कर पुलिस कमरे में पहुंची और शव उतारा। जंच में जय की कलाई कटी मिली, जिससे अनुमान लगाया गया कि उसने पहले कलाई की नस काटी, फिर फंदा लगा जान दे दी। धर्मेंद्र ने बताया मंगलवार सुबह लगभग सात बजे वह बहन डा. ज्योति, चेचेरी बहन पारुल व उनके पति नरेंद्र समेत परिवार के लोगों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे।

     

    आईआईटी आने से मना करता था

    धर्मेंद्र ने बताया कि साल भर से जय अक्सर फोन करके पूछता था कि किसी सीनियर या किसी दोस्त का फोन तो नहीं आया था जब मना करते थे तो वह दिवंगत पिता की कसम भी दे देता था इसके बाद जब उसके कारण पूछते तो वह कहता था कि मैं सही हूं लेकिन वे लोग बहुत पावरफुल हैं पर हम सब ठीक कर लेंगे उसकी इन बातों से लेकर परिवार चिंता करता था और आईआईटी में आने की बात कहते थे, पर वह गुस्सा जाता और साफ मनाकर देता था कि वह नहीं चाहता कि कोई यहां आए। कल्याणपुर थाना प्रभारी राजेंद्रकांत ने बताया कि तहरीर के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।