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    IIT Kanpur के स्टार्टअप की अनोखी उड़ान, चलती-फिरती लैब और परिंदों जैसे Drone

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 04:07 PM (IST)

    आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप नवाचार और तकनीक के माध्यम से नए आयाम छू रहा है। यहां उड़ते ड्रोन से लेकर चलती-फिरती पैथोलाजी लैब जैसे इनोवेशन हो रहे हैं। प्रतीक शर्मा ने बिजली के हादसों को रोकने वाली डिवाइस बनाई है जिसका उपयोग केस्को कर रहा है। आईआईटी कानपुर ने चिड़ियों की तरह उड़ने वाला ड्रोन भी तैयार किया है।

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    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के स्टार्टअप को देश को दे रहे नए आयाम।

    जागरण संवाददाता, कानपुर। IIT Kanpur का स्टार्टअप दुनिया में तेजी से नए आयाम छू रहा है। नवाचार और तकनीक के दम पर युवा ऐसे अनोखे आइडिया ला रहे हैं जो न सिर्फ देश, बल्कि दुनिया को भी चौंका रहे हैं। IIT कानपुर ने स्टार्टअप क्रांति से देश को नए अवसर दिए। जहां से उड़ते ड्रोन से लेकर चलते-फिरते पैथोलाजी लैब तक के इनोवेशन निकल रहे हैं। पढ़ें, ऐसे ही इनोवेशन की कहानी शोधार्थी की जुबानी...।

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    चलती फिरती पैथालोजी लैब करेगी रोगों की पहचान

    ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब रोगियों के उपचार के लिए कई दिन तक पैथालोजी रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना होगा। आइआइटी के स्टार्टअप योलोहेल्थ ने ऐसी मशीन तैयार की है, जो 60 से अधिक जांच परिणाम देती है। जीसीसी इनोवेशन समिट में कई स्टार्टअप की प्रदर्शनी भी लगाई गई। शिवांग सिंह ने बताया कि इस मशीन की मदद से शरीर की 16 सामान्य जांच, पांच लाइफ स्टाइल संबंधी जांच, लिपिड प्रोफाइल, 10 यूरीन टेस्ट, नेत्र रोग विकार जांच समेत 90 से अधिक जांच की जा सकती हैं। इसके परिणाम भी 70 प्रतिशत से अधिक सटीक हैं। मशीनों को एक कंप्यूटर प्रणाली से जोड़ा गया है।

    बिजली लाइन हादसों को रोकने वाली डिवाइस

    आइआइटी के शोधार्थी प्रतीक शर्मा ने बिजली के हादसों को रोकने वाली डिवाइस प्रदर्शित की है। इसका प्रयोग केस्को कर रहा है। जल्द ही अन्य महानगरों में भी इसका प्रयोग शुरू होगा। आइआइटी के प्रो. अंकुश शर्मा के निर्देशन में उन्होंने शोध कार्य पूरा किया है। जब बिजली लाइन में फाल्ट की सूचना जेई के पास पहुंचती है तो डिवाइस से लाइनमैन को सूचना दी जाती है। इससे सप्लाई बंद हो जाती है। फाल्ट ठीक होने पर लाइनमैन जेई को सूचना देता है, फिर जेई एक ओटीपी भेजता है। फिर आपूर्ति शुरू होती है।

    चिड़िया है या ड्रोन(Drone)

    आइआइटी कानपुर के अनस्टेडी एयरोडायनैमिक्स ने आटोनोमस आर्निथाप्टर यानी चिड़ियों की तरह उड़ने वाला ड्रोन तैयार किया है। इसे आइआइटी के प्रो. देवोपम दास के निर्देशन में तैयार किया गया है। शोधकर्ता श्रमन दास ने बताया कि अभी 1.6 मीटर पंखों की लंबाई में बड़ी चिड़िया व पांच इंच की छोटी चिड़िया तैयार की गई है। इसमें मेटल का इस्तेमाल हुआ है, जो रडार की पकड़ में नहीं आएगा। एक किमी. की ऊंचाई तक 300 से 400 मीटर की दूरी में इसे उड़ाया जा सकता है।

    लैपटाप को चार्ज करने वाला बैग

    पीएसआइटी के बीबीए तीसरे साल के छात्र ध्रुव और बीटेक कंप्यूटर साइंस की छात्रा श्रुति ने ऐसा बैग और लैपटाप टेबल तैयार की है। इससे कहीं भी लैपटाप चार्ज हो सकता है। बिजली कनेक्शन जरूरी नहीं है। एक बैग या पैड में छह हजार एमएच की बैटरी लगाई गई है।

    सोलर पैनल की धूल साफ करेगा रोबोट

    स्टार्टअप जेटसन रोबोटिक्स के जतिन ने सोलर पैनल को साफ करने वाला रोबोट तैयार किया है। इससे सोलर पैनल को साफ करने में पानी का प्रयोग नहीं होता है। एक हजार सोलर पैनल को छह घंटे में साफ करने वाले रोबोट में ब्रश व कैमरे लगे हैं। इसका पेटेंट भी कराया गया है।

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