IIT Kanpur में बढ़ रहे आत्महत्या के मामले, स्टडी प्रेशर या कुछ और...?
IIT Kanpur Suicide Case कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में बुधवार को एक और छात्र की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शीर्ष संस्थानों में अव्वल आईआईटी कानपुर में छात्रों की मौत हर किसी को झकझोर रही है। युवा छात्र फंदे पर लटककर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ले रहे हैं।

जागरण संवाददाता, कानपुर। IIT Kanpur Suicide Case: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पढ़ाई की ख्वाहिश लेकर छात्र दाखिला लेते हैं। यहां पहुंचने के लिए बच्चे कड़ी मेहनत करते हैं। माता-पिता के सपने को पूरा करने के लिए आगे बढ़ते हैं। लेकिन उस समय दिल दहल जाता है जब सूचना मिलती है कि छात्र ने आत्महत्या कर ली। ऐसा ही मामला एक बार फिर आईआईटी कानपुर में आया है।
यह कोई पहला मामला नहीं है जबकि आईआईटी कानपुर के किसी छात्र ने जान दी हो। इससे पहले भी कई छात्र आत्महत्या कर चुके हैं। अब यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आखिर इसकी स्टडी प्रेशर है या कुछ और? इस पर कोई बोलने को तैयार नहीं।
हर साल कितने लोग आत्महत्या करते हैं?
दरअसल, पिछले कुछ समय से IIT Kanpur में छात्र छात्राओं के आत्महत्या का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। साल 2024 में भी कई मामले सामने आए थे। अब साल 2025 में भी एक के बाद एक छात्र जिंदगी छोड़ मौत को गले लगा रहे हैं। इस साल की शुरुआत में ही पीएचडी कर रहे एक छात्र ने अपने कमरे में एक सुसाइड नोट लिखकर फंदा लगा जान दे दी थी। अब बंद कमरे में एक छात्र का शव तीन दिन से फंदे से लटका था लेकिन इसकी जानकारी आईआईटी प्रशासन को हुई न छात्रों को। बदबू आने पर कमरा खोलकर देखा गया तो छात्र का शव फंदे से लटक रहा था। वहीं, फरवरी में शोधार्थी अंकित ने आत्महत्या की थी।
आइआइटी प्रशासन ने 24 घंटे आनलाइन हेल्पलाइन चालू रखने के साथ विशेषज्ञ काउंसलर किए हैं नियुक्त
आइआइटी में पिछले वर्षोंं में आत्महत्या के प्रकरण बढ़े हैं। छात्र हो या कर्मचारी किसी न किसी वजह से आत्महत्या कर रहा है। हालांकि, आइआइटी प्रशासन इन मामलों की रोकथाम के लिए सजग है। संस्थान में विद्यार्थियों व कर्मचारियों के लिए 24 घंटे में किसी भी समय काउंसलिंग करने के लिए विशेषज्ञ काउंसलर नियुक्त हैं। आनलाइन हेल्पलाइन की व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित है। संस्थान में मनोचिकित्सक व मनोवैज्ञानिक की नौ सदस्यीय टीम 24 घंटे काउंसलिंग के लिए रहती है। छात्रों, शिक्षकों, छात्रावास व अन्य को लगातार प्रीवेंशन आफ इंडिया फाउंडेशन के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। 30 स्नातक विद्यार्थियों पर नियुक्त फैकल्टी सलाहकार समय-समय पर काउंसलिंग करके विद्यार्थियों, कर्मचारियों के मानसिक स्तर का आकलन करके उन्हें उचित परामर्श प्रदान करते हैं। अब ऐसे में इतनी सारी व्यवस्थाएं होने के बाद भी एथलीट और बीटेक छात्र धीरज सैनी के आत्महत्या के प्रकरण ने आइआइटी की कार्यप्रणाली को सवालाें के घेरे में ला दिया है।
विकास के सुसाइड में ये थे सवाल
11 जनवरी 2024 को मेरठ निवासी एमटेक छात्र विकास मीणा ने आत्महत्या की थी। विकास के कमरे से पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि उसका अकादमिक प्रदर्शन बेहतर न होने के चलते उसने यह कदम उठाया था। उस समय आइआइटी के प्रशासनिक अफसरों ने दावा किया था कि वह कैंपस का माहौल बेहतर बनाएंगे। लेकिन घटना के एक सप्ताह बाद ही 18 जनवरी 2024 को झारखंड निवासी पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल ने आत्महत्या कर ली। इससे साफ है कि आइआइटी छात्रों को वह बेहतर माहौल नहीं दे सका जितने की छात्रों को जरूरत है।
अवसाद,अकेलापन और पढ़ाई के दबाव में जान दे रहे मेधावी
- केस चार : 19 दिसंबर 2023 को ओडिशा के कटक निवासी 34 वर्षीय पल्लवी चिल्का ने बतौर शोध फैकल्टी सदस्य के रूप में काम करते आत्महत्या कर ली। पल्लवी ने अगस्त में ही उसी साल अगस्त में कानपुर में ज्वाइनिंग ली थी। डा. पल्लवी आइआइटी जैविक विज्ञान व बायो इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ी थी।
- केस एक : 11 अक्टूबर 2024 को मूलरूप से उरई निवासी वर्तमान में चकेरी के सनिगवां में रहने वाली पीएचडी छात्रा प्रगति खायरा कैंपस में ही आत्महत्या कर ली थी। प्रगति ने पांच पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था। हालांकि उसमें उसने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था। प्रगति ने अकेलेपन की वजह से आत्मघाती कदम उठाया था।
- केस दो : 11 जनवरी 2024 को मेरठ निवासी एमटेक छात्र विकास मीणा ने आत्महत्या की थी। विकास के कमरे से पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला था, जिसमें लिखा था कि उसका अकादमिक प्रदर्शन बेहतर न होने के चलते उसने यह कदम उठाया था। उस समय आईआईटी के प्रशासनिक अफसरों ने दावा किया था कि वह कैम्पस का माहौल बेहतर बनाएंगे. लेकिन माहौल उतना बेहतर न हो सका जितने की छात्रों को जरूरत है।
- केस तीन : 18 जनवरी 2024 को कैंपस में झारखंड निवासी पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल ने आत्महत्या कर ली थी। प्रियंका 29 दिसंबर 2023 को आइआइटी पहुंची थी और महज 21 दिनों बाद ही प्रियंका ने कैंपस में आत्महत्या कर ली थी।
- - तीन मई 2006 को छात्र शैलेश कुमार शर्मा ने दी थी जान
- - 25 अप्रैल 2007 को जे भारद्वाज ने की थी आत्महत्या
- - 12 अप्रैल 2008 को छात्र प्रशांत कुमार कुरील ने की आत्महत्या
- - 30 मई 2008 को छात्र टोया चटर्जी ने दी जान
- - तीन जनवरी 2009 को एमटेक छात्र जी सुमन ने आत्महत्या की
- - 19 अप्रैल 2018 को फिरोजाबाद की पीएचडी छात्र भीम सिंह ने दी जान
- - सात सितंबर 2022 को वाराणसी की पीएचडी छात्र प्रशांत ने दी जान
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