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    ग्राम पंचायत में चल रहा था अजब-गजब खेल, खुलासा हुआ तो IAS दीक्षा जैन भी रह गईं सन्न; कर दी ये बड़ी कार्रवाई

    IAS Deeksha Jain उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायत सचिव की लापरवाही सामने आई है। मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने सचिव को निलंबित कर दिया है। सचिव के पंचायत से नदारद रहने पर पत्नी उसकी नौकरी का पूरा काम संभालती थी। विकास कार्यों का भुगतान न करते हुए विकास कार्यों में भी रुचि नहीं दिखाई।

    By shiva awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 11 Dec 2024 04:03 PM (IST)
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    मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा (फाइल फोटो) जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। गांवों में विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायत सचिव के अजब-गजब खेल पर मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन भी चौंक गईं। सचिव के पंचायत से नदारद रहने पर पत्नी उसकी नौकरी का पूरा काम संभालती थी। विकास कार्यों का भुगतान न करते हुए विकास कार्यों में भी रुचि नहीं दिखाई। लापरवाही पर जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार की रिपोर्ट पर जिला विकास अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने सचिव को निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच कल्याणपुर खंड विकास अधिकारी को दी गई है।

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    जिला विकास अधिकारी ने बताया, ग्राम पंचायत सचिव प्रदीप कुमार के पास अकबरपुर सेंग, ददारपुर कटहा व बेदीपुर का काम था।

    अगस्त में कल्याणपुर से बिल्हौर ब्लॉक भेजा गया, पर तैनाती के तीन माह बाद भी स्वच्छ भारत मिशन, गोशाला निर्माण, प्रधानों का मानदेय भुगतान न करना व ग्राम पंचायतों में खुद न आकर पत्नी से कार्य कराने समेत तमाम सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने की शिकायत प्रधान ने खंड विकास अधिकारी से की। जांच के बाद सप्ताह भर पहले विकास भवन में भी मुख्य विकास अधिकारी की समीक्षा में लापरवाही मिली।

    सचिव को किया गया निलंबित

    जिला पंचायत राज अधिकारी ने खंड विकास अधिकारी दिनेश वर्मा से जांच कराई तो बात सही निकली। काम पत्नी कर रही थी, जबकि सचिव केवल सरकारी कागजों में हस्ताक्षर करते थे। सचिव को निलंबित कर शिवराजपुर ब्लाक से संबद्ध किया गया है।

    डीडीओ ने बताया, सचिव प्रदीप की लगातार विकास कार्यों में लापरवाही बरतने की शिकायतों पर जांच में आरोप सही मिले। उसे निलंबित किया गया है।

    शिकायतों का निस्तारण हो पारदर्शी, गड़बड़ी पर कार्रवाई

    नर्वल तहसील में एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार ने लोगों की शिकायतें सुनी। तहसील के सभी पटलों को देखा। कमियां मिलने पर हिदायत देकर शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार को निर्देशित किया। तहसील कर्मियों की बैठक लेकर पारदर्शिता से जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर निर्देश दिए। हिदायत देते हुए कहा कि लापरवाही व गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    डीएम राकेश कुमार सिंह ने लोगों की सहूलियतों व शिकायतों पर निष्पक्ष व त्वरित कार्रवाई के लिए नई व्यवस्था शुरू की है। सभी तहसीलों में सप्ताह में एक दिन जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहेंगे। मंगलवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार पहुंचे और 11 शिकायतों पर उन्होंने सुनवाई की। एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार ने बताया कि शिकायतों के निस्तारण को टीमें बना दी गई हैं। अगले निरीक्षण में यदि निर्देशों के पालन में लापरवाही मिली तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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