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    कानपुर में हिंसा की साजिश का ये नया ठिकाना, जुबैर और तौसीफ का मकसद खतरनाक

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:52 PM (IST)

    कानपुर के सुजातगंज में अजमेरी मस्जिद के पास हिंसा की साजिश रचने के आरोप में जुबैर अहमद खान और तौसीफ को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस दोनों के कनेक्शन और कुंडली खंगाल रही है। जुबैर पर मस्जिद के पास भीड़ जुटाकर भड़काऊ ऑडियो सुनाने का आरोप है। पुलिस उसके मोबाइल की सीडीआर और फुटेज जांच रही है साथ ही उसके साथियों की पहचान की जा रही है।

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    तौसीफ और जुबैर को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस

    जागरण संवाददाता, कानपुर। कभी आतंकियों व शहर का माहौल बिगाड़ने वालों का ठिकाना जाजमऊ हुआ करता था लेकिन इस बार सुजातगंज का नाम सुर्खियों में है। सुजातगंत की जिस अजमेरी मस्जिद के पास हिंसा की साजिश रचने के लिए लोगों को भड़काऊ आडियो सुनाने के आरोपित जुबैर अमहद खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उसी के पास से एटीएस ने तौसीफ को भी दबोचा।

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    एक ही मुहल्ले के पास हिंसा का प्रयास करने वाले दोनों आरोपितों के अब एटीएस कनेक्शन व उनकी कुंडली खंगाल रही है। उसके मोबाइल नंबरों की सीडीआर (काल डिटेल रिकार्ड) व मोबाइल फोन की जांच के साथ ही उसके साथ भीड़ जुटाने वाले साथियों की पहचान के लिए फुटेज जांचे जा रहे हैं।

    जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी ने 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद साथियों के साथ मिलकर अजमेरी मस्जिद के पास पहले लोगों की भीड़ जुटाकर भड़काऊ आडियो सुना हिंसा फैलाने का प्रयास किया था। सुजातगंज चौकी प्रभारी राजमोहन मिश्र ने जुबैर अहमद समेत 25 अज्ञात के खिलाफ रेलबाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिस ने जुबैर को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया था। पुलिस को भड़काऊ आडियो भी मिला।

    खुफिया ने जांच शुरू की तो पता चला कि जुबैर सुजातगंज में अजमेरी मस्जिद में ही नहीं बड़ी मस्जिद, छोटी मस्जिद, नूरानी मस्जिद, नई मस्जिद, अजमल मस्जिद सात मस्जिद में भी सक्रिय था। वह वहां जाकर लोगों को गुमराह कर हिंसा फैलाने की तैयारी कर रहा था। उसी सुजातगंज अजमेरी मस्जिद के पास मुजाहिदीन आर्मी बना हिंसा की योजना बनाने वाले मो. तौसीफ की गिरफ्तारी के बाद एटीएस दोनों के कनेक्शन खंगालने में जुट गई है। दोनों के बैंक खातों व सुजातगंज में उन दोनों के संपर्क में रहने वालों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है। बीते कुछ माह में दोनों से संपर्क रखने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

    इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए पुलिस विभाग से लिया था बीआरएस

    मूलरूप से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर के महेंद्र गांव निवासी जुबैर अहमद खान उर्फ जुबैर गाजी सुजातगंज के चंदारी में रह रह रहा है। 1998 बैच का सिपाही जुबैर शहर में ही यातायात पुलिस में तैनात था। वर्ष 2015 में कई बार वसूली की शिकायत व विभागीय जांच के बाद भ्रष्टाचार में उसे बर्खास्त कर दिया गया था लेकिन कोर्ट में उसने शरण ली तो बहाली हो गई थी। वर्ष 2021 में उन्नाव से उसने बीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्त) ले लिया था। पुलिस अधिकारी के अनुसार जुबैर ने इस्लाम का अध्ययन व प्रचार-प्रसार के लिए बीआरएस लिया था।

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