CSJMU Kanpur में राज्यपाल ने कहा, गांवों के बदलाव की कहानी लिखेंगे विद्यार्थी, सर्वे कर सरकार को सौंपें रिपोर्ट
कानपुर में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के 40वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए गांवों में हो रहे बदलावों की सराहना की और छात्रों से गांव-गांव जाकर समस्याओं का पता लगाने का आग्रह किया। उन्होंने शिक्षा पर्यावरण नारी सशक्तिकरण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर भी बात की।

जागरण संवाददाता, कानपुर। विश्वविद्यालयों ने जिन गांवों को गोद लिया है वहां बदलाव दिखाई देने लगा है अब समय है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी गांव-गांव जाकर समस्याओं की पहचान करें और अपनी सर्वे रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपें। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के 40 वें दीक्षा समारोह में मेधावी छात्राओं को सम्मानित करने के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि सरकारों के पास इतना संसाधन नहीं होता कि वह गांव- गांव जाकर वहां की सफाई, स्वास्थ्य, पानी जैसी समस्याओं को देख सके।
उन्होंने कहा कि कुलाधिपति व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों ने पांच-पांच गांवों को गोद लिया है। छात्रों और शिक्षकों के प्रयास से गांवों की दिशा और दशा दोनों बदली है। इन गांवों को देखकर आसपास के गांव भी जागरूक हो रहे हैं। इसलिए मैं कहती हूं कि हर गांव में विद्यार्थियों को जाना चाहिए। उनका सर्वे कर समस्याओं की जानकारी विश्वविद्यालय कुलपति के माध्यम से जिलाधिकारी और प्रदेश सरकार तक पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों की जिम्मेदारी है कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर विकास की कार्य योजना तैयार करें। आज हमारी सबसे बड़ी समस्या है कि हम पढ़ना नहीं चाहते है। अगर हम पढ़ेंगे नहीं तो कैसे अपने देश के बारे में जान पाएंगे। हमें लाइब्रेरी में जाकर किताबों को पढ़ना चाहिए। एनईपी का लक्ष्य 2030 तक देश के 50 प्रतिशत लोगों को उच्च शिक्षित बनाना है लेकिन अभी तक सिर्फ 30 प्रतिशत लोग ही इस दायरे में है।
उन्होंने कहा कि आज मंच से छोटे-छोटे बच्चों ने पर्यावरण पर बहुत अच्छा संदेश दिया। जब हम पर्यावरण, सस्टेनेबिलिटी पर काम करेंगे तभी विकसित भारत बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छोटी-छोटी चीजों पर कितना काम कर रहे हैं। हम सुन तो लेते हैं लेकिन करते नहीं है। नारी सशक्तीकरण के लिए कितना काम हो रहा है। नारी पढ़ी लिखी नहीं होगी तो देश का विकास कैसे होगा। सबसे ज्यादा सरवाइकल कैंसर के मरीज उत्तर प्रदेश में है। 10 में से 5 महिला इससे पीड़ित है। टीकाकरण का काम शुरू हो चुका है। सीएसजेएम यूनिवर्सिटी भी पिछले दो सालों से इस पर काम कर रह रही है, जो की बहुत ही खुशी की बात है।
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