Delhi Blast : उप्र मेडिकल काउंसिल ने निरस्त किया शाहीन का पंजीकरण, आरिफ के खिलाफ कार्डियोलाजी कानपुर का एक्शन
दिल्ली विस्फोट मामले में उत्तर प्रदेश मेडिकल काउंसिल ने शाहीन का पंजीकरण रद्द कर दिया है। कार्डियोलॉजी कानपुर ने भी डॉक्टर आरिफ के खिलाफ कार्रवाई की है। यह निर्णय विस्फोट में उनकी संभावित भूमिका की जांच के बाद लिया गया है। परिषद और कार्डियोलॉजी विभाग दोनों ही मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई कर रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। दिल्ली बम धमाके के षडयंत्र में शामिल जीएसवीएम मेडिकल कालेज में वर्ष 2006 से 2013 तक लगभग आठ साल फार्माकोलाजी की प्रवक्ता व 15 महीने तक विभागाध्यक्ष रही डा. शाहीन का पंजीकरण उप्र मेडिकल काउंसिल ने तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के बाद अब उप्र मेडिकल कौंसिल ने डाक्टरी पंजीकरण निरस्त कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। वहीं, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलाजी) के सीनियर रेजिडेंट का भी पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है। हृदय रोग संस्थान की ओर से आरिफ को बर्खास्त करने व वेतन रोकने का पत्राचार चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय (डीजीएमइ) को किया गया है।
उप्र मेडिकल कौंसिल की अधिकारिक वेबसाइट पर इंडियन मेडिकल कौंसिल की ओर से प्रोफेशनल कन्डकट एटीकेट एंड एथिक्स रेगुलेशन के खिलाफ कार्य करने वाली गतिविधियों में डा. शाहीन पर कार्रवाई की गई है। उसकी डाक्टरी का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन कानपुर शाखा की पहल पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुख्यालय दिल्ली की ओर से डा. शाहीन की सदस्यता खत्म की गई थी।
बताया जा रहा है कि आतंकी कनेक्शन में कार्डियोलाजी से जांच एजेंसी की ओर से हिरासत में लिए गए जम्मू कश्मीर के डा. आरिफ मीर की सैलरी पर रोक लगाने व उसे बर्खास्त करने के लिए पत्र लिखा गया है। आरिफ संस्थान में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट सुपर स्पेशियलिटी (नीट-एसएस-2025) काउंसिलिंग के जरिए एक अगस्त 2025 में हुआ था। श्रीनगर में प्रारंभिक पढ़ाई व एमबीबीएस करने वाले मो. आरिफ की नीट एसएस परीक्षा में 1608 रैंक हासिल कर दूसरी काउंसिलिंग के जरिये संस्थान में डाक्टरेट आफ मेडिसिन (डीएम) के लिए आए।
डा. आरिफ ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) लखनऊ के लिए पहली काउंसिलिंग में आवेदन किया था। सीट नहीं मिलने के बाद कार्डियोलाजी उनकी दूसरी पसंद थी, जहां डा. यासिर के अलीगढ़ में जाने के बाद खाली हुई सीट पर रैंक के हिसाब से उसे सीट मिली थी।

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