बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र में साइबर सुरक्षा होगी मजबूत, मददगार बनेगा आईआईटी कानपुर
बंदरगाह और समुद्री क्षेत्र की साइबर सुरक्षा को और भी मजबूत किया जाएगा जिसमें आईआईटी कानपुर मददगार बनेगा। साइबर सुरक्षा को लेकर कई तरह के नए उपाय किए ज ...और पढ़ें
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आईआईटी कानपुर के सीथ्रीआइ हब नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में मौजूद आईआईटी के विशेषज्ञ व भारतीय बंदरगाह संघ के अधिकारी। संस्थान
जागरण संवाददाता, कानपुर। आईआईटी कानपुर का सीथ्रीआइ हब भारतीय बंदरगाहों पर साइबर सुरक्षा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। सीथ्रीआइ हब के नोएडा एक्सटेंशन सेंटर में भारतीय बंदरगाह संघ के अधिकारियों को आईआईटी के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने भारत के समुद्री और बंदरगाह क्षेत्र में साइबर सुरक्षा की तैयारियों को मजबूत करना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे से जुड़े उभरते साइबर खतरों से निपटने की क्षमता विकसित करने के बारे में बताया।
प्रशिक्षण के दौरान नियामक एवं अनुपालन आवश्यकताओं, इंटरनेट मीडिया खतरा विश्लेषण और डार्क वेब स्टडी, ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस जांच और संदिग्ध प्रोफाइलिंग, डिजिटल फारेंसिक्स और घटना प्रतिक्रिया, नेटवर्क सुरक्षा आंकलन तथा क्लाउड सुरक्षा जैसे विषय पर व्याख्यान सत्र हुए। सभी वक्ताओं ने समुद्री क्षेत्र के लिए मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर विचार साझा किए।
प्रशिक्षण सत्र के उद्घाटन पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि सीथ्रीआइ हब के माध्यम से आईआईटी कानपुर देश की महत्वपूर्ण अवसंरचना को सशक्त बनाने के लिए निरंतर क्षमता निर्माण और उन्नत साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण के प्रति प्रतिबद्ध है। ऐसे सुव्यवस्थित प्रशिक्षण कार्यक्रम, जो शैक्षणिक विशेषज्ञता और वास्तविक साइबर सुरक्षा अनुभव को जोड़ते हैं, समय की आवश्यकता हैं और भारत के बंदरगाह एवं समुद्री क्षेत्र को उभरते साइबर खतरों से निपटने में सक्षम बनाएंगे।
यहां भारतीय बंदरगाह संघ के कार्यकारी निदेशक (आईटी) डा. अरविंद भिसिकर, आइआइटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल, अखिलेश वरियार व सीथ्रीआइ हब की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा. तनिमा हाजरा सहित अन्य विशेषज्ञ मौजूद रहे।
इधर, प्रो. अमित अग्रवाल को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को आईआईटी के भौतिक विज्ञानी प्रो. अमित कुमार अग्रवाल को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार : विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर सम्मान से सम्मानित किया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में किया गया। क्वांटम फिजिक्स संबंधी शोध एवं अनुसंधान कार्य के लिए प्रो. अग्रवाल को पुरस्कार दिया गया है। क्वांटम फिजिक्स में उनके 180 से ज्यादा शोध पत्रों का प्रकाशन हो चुका है। अक्टूबर 2025 में ही राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, भारत (एनएएसआई) ने फेलो उपाधि भी दी है। प्रो. अमित अग्रवाल की जन्मभूमि धनबाद और कर्मभूमि कानपुर है। वह आइआइटी में 2012 से भौतिक विज्ञान के शिक्षक हैं।

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