जोड़ों के दर्द की वजह अर्थराइटिस नहीं ये है, आयुर्वेद में इस तरह घर बैठे आसान इलाज
कानपुर में डा. रेनू यादव ने हेलो डाक्टर कार्यक्रम में बताया कि आयुर्वेदिक उपचार से सीजनल बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने जोड़ों के दर्द बुखार और गठिया जैसी समस्याओं के लिए घरेलू उपचार बताए। उन्होंने सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह दी। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी अदरक का काढ़ा पीने और हरड़ का चूर्ण खाने के फायदे बताए।

जागरण संवाददाता, कानपुर। सीजनल फ्लू में खांसी, बुखार, जुकाम और जोड़ों का दर्द, अर्थराइटिस, चेस्ट संक्रमण, गैस्ट्रो और कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बना हुआ है। जो अनदेखी करने पर गंभीर हो जाता है। इससे बचाव में आयुर्वेदिक उपचार कारगर साबित हो रहा है। आयुर्वेद प्राकृतिक और समग्र उपचार पर केंद्रित है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए जड़ी-बूटियों, आहार और जीवनशैली में बदलावों पर निर्भर करता है।
चिकित्साधिकारी डा. रेनू यादव।
इसकी मदद से प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, तनाव कम करने, पाचन में सुधार करने, वजन प्रबंधन में मदद करने और मधुमेह व गठिया जैसी पुरानी बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है। यह बातें शनिवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय बैरी-बिठूर की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रेनू यादव ने पाठकों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कही। पेश है बातचीत के मुख्य अंश...
- 48 वर्ष की हूं, पैर में दर्द की समस्या रहती है और शरीर में कमजोरी लगती है? - सुनीता, विश्व बैंक। पवन कुमार, दबौली।
- जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं। एक बार जोड़ों के दर्द के लिए एक्सरे और कुछ जांच करा लें। इसके साथ ही विटामिन डी की पूर्ति करने के लिए खाने में हरी सब्जियों के साथ मोटा अनाज, दूध, दही का सेवन करें। इसके साथ ही नियमित हल्का योग और प्राणायाम करें। अगर संभव हो तो टहलने की आदत डालें। ऐसा करने से मांसपेशियों बेहतर होगी और चलने में समस्या नहीं होगी।
- सीजनल बुखार बार-बार आ रहा है। इसके साथ ही जोड़ों में दर्द की समस्या बनी रहती है? - नवल किशोर गुप्ता, सीसामऊ। राधा कृष्ण त्रिपाठी, गीता नगर।
- अगर तेज बुखार बार-बार आ रहा है, तो गर्म पानी, सूप, अदरक, अजवाइन का पेय पिएं, यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है। आयुर्वेदिक में संक्रमण बुखार के इलाज के लिए वात, कफ, पित्त का ख्याल रखना चाहिए। एक बार बैरी स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में दिखा लें। वर्षा के मौसम में वायरस का अटैक ज्यादा रहता है। इस लिए स्ट्रीट फूड और बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थ से बचें।
- 80 वर्ष का हूं, पैर के दोनों घुटने काम नहीं कर रहे हैं? - सूबेदार राज कुमार सिंह, गंगा बैराज। रामसेवक, सरसौल।
- एक बार घुटनों की जांच कराकर दिखा लें। अगर यह उम्र के कारण कमजोर हो रहे घुटनों की समस्या है, तो आप आयुर्वेदिक उपचार ले सकते हैं। काला तिल और गुड़ रात के समय दूध के साथ लें। यह जोड़ों के लिए लाभदायक होगा। पोषण युक्त भोजन डाइट में शामिल करें। अधिक तेल-मसालेदार भोजन के प्रयोग से बचें। हर दिन करीब 30 मिनट टहलने की आदत डालें।
- एक महीने से लगातार बुखार की समस्या है, हाथ-पैर में दर्द की समस्या भी बनी है? - जितेंद्र प्रताप सिंह, चौबेपुर। सुरेश अवस्थी, पांडु नगर।
- कम प्रतिरोधक क्षमता के कारण बुखार बार-बार आ रहा है। इस कारण कमजोरी और जोड़ों में दर्द रहता है। ऐसे में घर में बना ही ताजा खाना खाएं, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। पर्याप्त नींद लें, उबालकर ही पानी पिएं। एक बार आयुर्वेदिक चिकित्सालय में जरूर दिखा लें। इसके साथ ही तुलसी, अदरक का काढ़ा बनाकर पिएं। यह प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करता है और शरीर को रोग से मुक्त रखता है।
- बुखार और अब जोड़ों में दर्द हो रहा है। क्या यह अर्थराइटिस हो सकता है? क्या - आव्या, यशोदा नगर।संतोष शर्मा, लालबंगला।
- बुखार के साथ जोड़ों का दर्द संक्रमण का लक्षण है। इसलिए इससे परेशान न हो। अगर जोड़ों में सुई जैसी चुभन हो रही है, तो घबराएं नहीं, आयुर्वेदिक तरीके से ही आप घर पर इलाज कर सकते हैं। घर पर हर्र का पाउडर पीसकर सुबह खाली पेट लेना शुरू कर दें। इसके साथ ही एक बार बैरी स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय में जरूर दिखा लें। खाने में प्रोटीन कम मात्रा में लें। हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें।
- मेरी उम्र 65 वर्ष है और एक पैर के घुटने में दर्द रहता है? - सिमोई पाल, किदवई नगर।
- यह चोट का दर्द हो सकता है, एक बार एक्सरे कराकर किसी भी चिकित्सक को दिखा लें। इसके साथ आप घर पर भी इसका इलाज करा सकते हैं, आप घर में हर्र के पाउडर को गर्म पानी के साथ खाली पेट खाएं। ऐसा करने से शरीर के जोड़ों में दर्द समाप्त हो जाएगा।
- जुकाम, बुखार, खांसी और जोड़ों में दर्द की समस्या है? - गुड़िया, नौबस्ता दयालपुरम। आशा लता, लालबंगला। आशुतोष शर्मा, बर्रा।
- वायरल संक्रमण के लक्षण हैं, ऐसे में घर पर ही टमाटर और हरी सब्जियों का सूप पिएं। विटामिन सी वाले पदार्थ, नींबू, आंवला का सेवन करें। इससे प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी और आप रोग मुक्त रहेंगे। त्रिफला का चूर्ण एक चम्मच रात में लेने से पेट से जुड़ी जटिलताएं कम होगी और पाचन तंत्र बेहतर होने से शरीर रोग मुक्त रहेगा और प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी।
- किसी भी खाने का स्वाद और सुगंध नहीं आती है। क्या करें? - लाला प्रेम चंद्र श्रीवास्वत, शिवराजपुर।
- एक बार खून की कुछ जांच कराकर एक बार नजदीक स्वास्थ्य केंद्र में दिखा लें। तब तक आप गर्भ पानी में नीम की पत्ती डालकर उसकी भाप लें। ऐसा करने से उसकी स्वाद और सुगंध ग्रंथि बेहतर होगी। विटामिन सी और बी-12 वाले खाद्य पदार्थ का सेवन करें। ऐसा करने से आपकी यह समस्या ठीक हो जाएगी। आप तुलसी, अदरक, काली मिर्च का काढ़ा बनाकर ले सकते हैं।
- जुकाम और बुखार की समस्या रहती है, गठिया हो गई है। आयुर्वेदिक उपचार कैसे करें? - अशोक कुमार सिंह, रामकृष्ण नगर।
- बार-बार बुखार और जुकाम प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से होता है। इसलिए खान-पान बेहतर करें। पोषण युक्त डाइट लें। पानी उबालकर ही पिएं और हरड़ को खाली पेट लेने से आपकी कब्ज की समस्या दूर हो जाएगी।
- कमर में दर्द बना रहता है। लंबे समय से दर्द से परेशान हूं? - धीरेंद्र सिंह, नौबस्ता।
- कमर में दर्द बैठने के गलत तरीके और अधिक गाड़ी चलाने के कारण होता है। एक बार विटामिन और बी-12 की जांच करा लें। पोषण युक्त फाइबर वाली डाइड लें। अधिक समस्या होने पर एक एक्सरे कराकर दिखा लें।
इन्होंने किए प्रश्न
जय प्रकाश तिवारी, बर्रा। अभिनव मिश्रा, नौबस्ता। माया रावत, नानकारी। पुष्पा देवी रामादेवी। पुष्पेंद्र सिंह गोविंद नगर। पूजा शुक्ला श्याम नगर। अंजलि द्विवेदी पी रोड। संजय वर्मा, फजलगंज। शशि यादव, कल्याणपुर।संगीता सिंह, दबौली।
आयुर्वेदिक में इसका प्रयोग लाभकारी
- शरीर में दर्द, कब्ज, पेट से जुड़ी समस्याओं पर हर्र का चूर्ण लाभकारी होता है।
- वायरल संक्रमण और मौसमी बीमारियों से बचाव में तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा पिएं।
- जोड़ों के दर्द में भी हर्र का प्रयोग लाभकारी होता है। यह सूजन और अन्य समस्याओं से बचाता है।
- हल्दी वाला दूध और सूप प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसका प्रयोग करने से पेट से जुड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।
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