Atul Subhash: मैरिज ब्यूरो से तय हुई थी शादी, पूसा में सिर्फ एक दिन रही अतुल की पत्नी निकिता
Atul Subhash suicide case News अतुल सुभाष की शादी मैरिज ब्यूरो से तय हुई थी। पत्नी निकिता सिंघानिया ने सिर्फ एक दिन उनके साथ बिताया और फिर बेंगलुरु चली गई। इसके बाद निकिता ने अतुल पर कई झूठे मुकदमे कर दिए। कोर्ट के चक्कर लगाते-लगाते अतुल थक गया और उसने आत्महत्या कर ली। उसे न्याय की कोई उम्मीद नहीं थी।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर, जौनपुर। मृत अतुल के पिता पवन ने फोन पर रोते हुए कहा कि हम लोग बर्बाद हो गए। बेंगलुरु से वह बिहार पहुंच चुके हैं। कहा कि निकिता ने केवल पैसे के लिए मेरे बेटे से शादी की। पैसा ही उसके लिए सब कुछ था। वह केवल एक दिन हम लोगों के साथ बिहार समस्तीपुर में रही। दूसरे दिन पति के साथ बेंगलुरु चली गई। इस पूरी घटना में निकिता, उसकी मां व उसके ताऊ का प्रमुख रोल है। उसके पिता बहुत सीधे थे। वह बीमार थे।
शादी के कुछ दिन बाद उनकी मृत्यु भी हो गई थी। शादी के दो साल बाद ही निकिता ने हम लोगों पर कई झूठे मुकदमे कर दिए। हमने अपने पोते को एक दिन भी गोद में नहीं खिलाया है। बेंगलुरु से कई बार बेटा अतुल और यहां से हम लोग कोर्ट जाते थे। कोर्ट के चक्कर काट-काट कर बेटा थक चुका था। उसे न्याय की कोई उम्मीद नहीं थी।
कोर्ट से 40 हजार भरण पोषण के आदेश के बाद भी निकिता ने हाई कोर्ट में अपील कर रखा था। वहां भी बेटे को बेंगलुरु से दौड़ कर जाना पड़ता था। हत्या व अन्य गंभीर धाराओं का मुकदमा निकिता ने किया था जिसे बाद में वापस ले लिया। कहा कि निकिता व उसकी मां ने हम लोगों को बर्बाद कर दिया।
अतुल सुभाष । फाइल फोटो - स्रोत - इंटरनेट मीडिया
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अतुल के पिता पवन मोदी के फुफेरे भाई श्रवण कुमार अग्रवाल ने बताया कि अतुल की शादी 26 अप्रैल 2019 में बनारस के होटल हिंदुस्तान इंटरनेशनल में हुआ था। अतुल की शादी मैरेज ब्यूरो से तय हुई थी। पत्नी निकिता सिंघानिया भी साफ्टवेयर इंजीनियर हैं। शादी के बाद एक दिन के लिए वह समस्तीपुर के पूसा रोड स्थित घर में रही। अगले दिन 28 अप्रैल को बेटे-बहू बेंगलुरु चले गए।
बेंगलुरु में पुत्र की आत्महत्या के बाद पवन मोदी पत्नी अंजू मोदी के साथ 10 दिसंबर को बेंगलुरु पंहुचे। साथ में अतुल का छोटा भाई विकास मोदी, रिश्तेदार प्रकाश मोदी और सूरत से रमेश मोदी भी पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव स्वजन को सौंप दिया। उन लोगों ने बेंगलुरु में ही अंत्येष्टि कर दी। वहां से स्वजन अस्थियां लेकर समस्तीपुर लौट रहे हैं।
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