उरई में फर्जी आधार कार्ड बना जमीन बेची, कालपी कोतवाल, सब इंस्पेक्टर निलंबित, तत्कालीन सीओ पर भी गिरेगी गाज
कालपी में फर्जी आधार कार्ड से जमीन बेचने के मामले में तत्कालीन सीओ कोतवाल और एक इंस्पेक्टर पर गाज गिरी है। एसआईटी जांच में दोषी पाए जाने पर दो को निलंबित कर दिया गया है जबकि सीओ पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। आरोपियों ने मिलकर फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों को बचाने का प्रयास किया था। यह मामला 2023 का है।

जागरण संवाददाता, उरई। कालपी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम छौंक में 28 अगस्त 2023 को कूटरचित दस्तावेज व महिला का फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दो करोड़ 17 लाख में 26 बीघा जमीन बेची गई थी। मामले में 13 लोग उस समय जेल गए थे। बाद में सात लोगों के नाम प्रकाश में आने के बाद उन्हें भी जेल भेज दिया था। इस मामले की उस समय जांच तत्कालीन सीओ देवेंद्र पचौरी के नेतृत्व में क्राइम इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ व पुलिस कार्यालय में तैनात उप निरीक्षक परमहंस तिवारी ने की थी। जिसमें तीनों लोगों ने मिलकर फर्जी आधार बनाने वालों के साथ मुख्य आरोपितों को बचा लिया था।
अब इस मामले की दोबारा से जांच के लिए एसआइटी टीम का गठन किया गया है। जिसकी जांच में प्रथम दृष्टया तत्कालीन सीओ, वर्तमान कालपी कोतवाली प्रभारी परमहंस तिवारी व विवेचक मोहम्मद अशरफ दोषी मिले जिसमें दोनों को शासन स्तर से निलंबित कर दिया गया है। जबकि तत्कालीन सीओ पर कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक ने डीआइजी को पत्र भेजा है।
बीते दिनों फर्जी आधार कार्ड बनाने के मामले में जालौन के बापूसाहब मुहल्ला निवासी बीएसएनएल फ्रेंचाइजी धारक धर्मेंद्र सक्सेना को कोलकाता से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की सीआइडी ने कोलकाता से गिरफ्तार किया था। उनके विरुद्ध गलत तरीके से अंडमान निकोबार की फ्रेंचाइजी से जिले में आधार कार्ड बनाने का मुकदमा दर्ज था। उनकी फ्रेंचाइजी की जांच के लिए बीएसएनएल के एजीएम ने भी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा था जिसे ब्लैक लिस्टेड घोषित किया गया है।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद दो साल पुराने मामले को री-ओपन कर फर्जी आधार कार्ड बनाकर बेची की जांच शुरु हुई है। जिसमें फर्जी आधार कार्ड से 2023 में दो करोड़ 17 लाख की जमीन बेच दी गई। इस मामले की दोबारा जांच के लिए पुलिस अधीक्षक ने एसआईटी गठित की है।
यह था मामला
कालपी तहसील के मौजा छौंक स्थित जमीन विद्यावती के नाम अभिलेखों में दर्ज थी। उस जमीन का बैनामा कराने के लिए धमना निवासी एक महिला का फर्जी आधार कार्ड विद्यावती के नाम से बनाया गया था। इसमें कई लोगों ने साजिश रची और उक्त महिला को विद्यावती पुत्री मुनीश्वर पत्नी रघुवीर के रूप में रजिस्ट्रार कार्यालय कालपी में पेश कर करीब 26 बीघा जमीन का बैनामा कराने के बाद रुपये हड़प लिए थे। इस मामले में 30 सितंबर 2023 को उरई के सुशील नगर निवासी कोमल सिंह, जमरोही खुर्द निवासी जितेंद्र सिंह ने कालपी कोतवाली में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज, अधिकारियों को गुमराह करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज करा था। ,
आरोपितों में कालपी के आलमपुर निवासीगण संदीप, नमन, महेंद्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, नया रामनगर उरई निवासी मनीष, ग्राम धमना निवासी जगमोहन, कदौरा निवासी व कालपी का तत्कालीन एचडीएफसी बैंक कर्मी जितेंद्र, सदर बाजार कालपी निवासी सचिन, छौंक निवासी आशीष सिंह, कालपी के एक्सिस बैंक में तत्कालीन मैनेजर खतराना टोला इटावा निवासी अनमोल मिश्रा, फफूंद औरैया निवासी आशुतोष दुबे, औरैया के ग्राम केशमपुर निवासी प्रशांत तिवारी को गिरफ्तारी कर जेल भेजा था।
इसके बाद इस मामले में तत्कालीन सीओ देवेंद्र पचौरी जो कि बदायूं जिले के उझानी तहसील में, जांच टीम में शामिल रहे उप निरीक्षक परमहंस तिवारी व कालपी कोतवाली के क्राइम इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ जो झांसी जिल में हैं ने मिलकर विवेचना की थी। जिसमें सात नाम और सामने आए थे जिन्हें भी बाद में जेल भेज दिया था। जब धर्मेंद्र सक्सेना द्वारा अंडमान निकोबार की आधार कार्ड बनाने वाली फ्रेंचाइजी से जिले में आधार कार्ड बनाने का मामला सामने आया तो कालपी के धोखाधड़ी प्रकरण की पुलिस अधीक्षक डा. दुर्गेश कुमार ने दोबारा से जांच कराने के लिए एसआइटी का गठन कर दिया था।
इस पूरे मामले में तत्कालीन सीओ देवेंद्र पचौरी, कालपी कोतवाल परमहंस तिवारी व क्राइम इंस्पेक्टर मोहम्मद अशरफ भी दोषी पाए। उन्होंने घटना से जुड़े कुछ मुख्य आरोपित, फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह को बचा लिया था। इस कारण दोनों उप निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है। तत्कालीन सीओ पर कार्रवाई के लिए डीआइजी को पत्र भेजा गया है।
फर्जी आधार कार्ड व कूटरचित दस्तावेजों से जमीन बेचने के मामले में तत्कालीन सीओ देवेंद्र पचौरी, कालपी कोतवाल परमहंस तिवारी व मोहम्मद अशरफ पर कार्रवाई की गई। जांच अभी चल रही और भी दोषी सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
डा. दुर्गेश कुमार, पुलिस अधीक्षक
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