चपरासी बहरा, फार्मासिस्ट न दवा-पट्टी
संवाद सूत्र, माधौगढ़ : अन्ना पशु जहां किसानों के लिए समस्या बने हैं, वहीं खेतों में लगाए जाने वा
संवाद सूत्र, माधौगढ़ : अन्ना पशु जहां किसानों के लिए समस्या बने हैं, वहीं खेतों में लगाए जाने वाले आरी वाले तार और तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आकर घायल भी होते हैं। ऐसे पशुओं और पशुपालक के मवेशियों के इलाज के लिए पशु अस्पताल कितने तैयार हैं, इसकी बानगी सोमवार को जिलाधिकारी के निरीक्षण में देखने को मिली। कम से कम माधौगढ़ के पशु अस्पताल में बहरा चपरासी चिकित्सक की आवाज नहीं सुन पाता है। अस्पताल में न तो फार्मासिस्ट है और न ही दवा-पट्टी की कोई व्यवस्था है। शिकायत के बाद डीएम ने एसडीएम को समस्या दूर कराने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानों, चौकीदारों और ग्रामीणों के साथ बैठक के बाद जिलाधिकारी डा. मन्नान अख्तर, पुलिस अधीक्षक अरविन्द चतुर्वेदी का काफिला पशु अस्पताल की ओर घूम गया। औचक निरीक्षण में चौंकाने वाली जानकारी मिली, जो व्यवस्था की पोल खोलती है। उन्होंने पशु चिकित्साधिकारी एनके शर्मा से स्टाफ के बारे में पूछा तो जवाब मिला कि एक बहरे चपरासी के साथ अस्पताल चला रहा हूं। कई बार शिकायत के बाद भी अभी तक फार्मासिस्ट नहीं आया है। मल्हम पटटी के लिए न दवा है और न ही पट्टी। अस्पताल में बिजली कनेक्शन नहीं है। डीएम ने डाक्टर से घायल गाय की मौके पर पटटी करने की बात कही तो कर्मचारी न होने का बात सामने आई। डीएम ने पशु चिकित्साधिकारी एनके शर्मा से अस्पताल मे शौचालय बनवाने के निर्देश दिए। डीएम ने एसडीएम मनोज कुमार सागर से कहा कि कर्मचारी भेजकर डाक्टर का सहयोग करें। जिससे सुधार हो सके।