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    उरई के डाकघर में सीबीआई टीम की रेड, मचा हड़कंप, एसडीआई समेत तीन कर्मियों को ले गई साथ

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 07:04 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के उरई में सीबीआई की टीम ने डाकघर पर छापा मारा, जिससे हड़कंप मच गया। टीम एसडीआई समेत तीन कर्मचारियों को अपने साथ ले गई। यह ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, उरई। एट के डाकघर में संविदा पर तैनात पोस्टमैन का स्थानांतरण बिहार राज्य के पटना जिला में हो गया था। उसे रिलीव करने के लिए एसडीआइ (सब डिवीजन निरीक्षक) कोंच ने 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। उसने पहले 5 हजार रुपये दिए थे। पूरे रुपये न देने पर उसकी वेतन रोक दी गई थी। इससे परेशान होकर तीन दिन पहले उसने सीबआइ लखनऊ से शिकायत की थी।

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    मंगलवार को सीबीआइ की टीम ने एसडीआइ के सहयोगी शाखा डाकपाल व उसके साथी को ढाई हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ लिया। दोनों शाखा डाकपाल ने कहा कि वह एसडीआइ के लिए रुपये ले रहे हैं। इसके बाद सीबीआइ की टीम ने कोंच डाकघर पहुंचकर एसडीआइ को भी हिरासत में लिया और अपने साथ लखनऊ ले गई।

     

    पूरे रुपये न देने पर रोका था वेतन

    एट डाकघर में तैनात पोस्टमैन कृष्ण कुमार का स्थानांतरण आनलाइन प्रक्रिया के तहत बिहार राज्य पटना जिले में हो गया था। वह बिहार राज्य का ही निवासी था और दो साल पहले ही संविदा पर जिले में आया था। इसके बाद उसे रिलीव होना था जिसके एवज में एसडीआई (सब डिवीजन निरीक्षक) कोंच प्रतीक भार्गव ने उससे 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। कृष्ण कुमार ने पांच हजार रुपये उन्हें पहले दे दिए थे। पूरे रुपये न देने पर एसडीआई ने उसकी वेतन भी रोक दी थी। जब उसने तीन दिन पहले वेतन लगाने के लिए कहा तो फिर से उससे शेष 10 हजार रुपये मांगे। इससे परेशान होकर उसने इसकी शिकायत सीबीआइ लखनऊ से कर दी थी।

     

    डाकपाल को रुपये देने को कहा

    लखनऊ की टीम के बताए अनुसार कृष्ण कुमार ने ढाई हजार रुपये मंगलवार को देने की बात एसडीआइ से कही। एसडीआइ ने वह रुपये अकोढ़ी के शाखा डाकपाल को देने के लिए कहा। इसके बाद ढाई हजार रुपये लेकर मंगलवार को प्रतीक भार्गव के साथी सुमित यादव शाखा डाकपाल अकोढ़ी को दिए। उसी समय सीबीआइ की टीम ने डाकघर कार्यालय में घुसकर सुमित की जेब में रखे ढाई हजार रुपये बरामद कर लिए और उसके हाथ धुलवाए तो केमिकल के कारण पानी का रंग बदल गया। उसी के साथ मौजूद आमिर खान शाखा डाकपाल चंदुर्रा को भी पकड़ लिया। उन दोनों ने टीम के सदस्यों को बताया था कि उन लोगों ने एसडीआइ प्रतीक भार्गव के कहने पर रुपये लिए हैं।

     

    गेट बंद करने से मचा हड़कंप

    इसके बाद सीबीआइ की टीम दोनों को लेकर कोंच पहुंची। मुख्य डाकघर में दोपहर ढाई बजे टीम के सात सदस्य सब डिवीजनल निरीक्षक (एसडीआइ) प्रतीक भार्गव के कक्ष में पहुंचे और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। इससे डाकघर के सभी कर्मचारी परेशान हो गए। कुछ ही देर में दरवाजा खुला तो टीम के सदस्य एसडीआइ प्रतीक भार्गव पकड़कर बाहर लाए। फिर सभी ने अपने आईकार्ड निकाले और डाकघर के कर्मचारियों से कहा कि वह सीबीआइ से आए हैं और आपके एसडीआइ को अपने साथ ले जा रहे हैं। इतना कहने के बाद वह एसडीआइ को अपने गाड़ी में बैठाकर ले गए। एसडीआइ प्रतीक भार्गव एक वर्ष पूर्व झांसी से स्थानांतरित होकर कोंच में नियुक्त हुए थे।

     

    जानें किसने क्या कहा


    कोंच के पोस्ट मास्टर विनोद कुमार ने बताया कि सीबीआइ के अधिकारी आए थे और बिना कुछ बताए एसडीआइ प्रतीक भार्गव को पकड़ कर ले गए। टीम ने कार्यालय में कोई अभिलेख भी नहीं देखे। एसडीआइ के आफिस में कमरा बंद था अंदर क्या हुआ उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

     

    एट पोस्ट मास्टर अजय प्रताप ने बताया कि पोस्टमैन किशन कुमार उनके यहां अटैच था और वह संविदा कर्मी था। उसी की शिकायत पर सीबीआइ की टीम ने कार्रवाई की है।

     

    अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। अगर टीम आई होगी तो उन लोगों को अपने साथ ले गई होगी।

     

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