Hardoi News: विवाहिता की हत्या में मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा, 20-20 हजार रुपये का जुर्माना
हरदोई में अपर सत्र न्यायाधीश कुसुम लता की अदालत ने एक विवाहिता की हत्या के मामले में सास और बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मृतका के पिता ने दहेज के लिए उत्पीड़न और हत्या का आरोप लगाया था। अदालत ने पति और सास को दोषी पाया और सजा सुनाई।

जागरण संवाददाता, हरदोई। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या एक कुसुम लता ने विवाहिता की हत्या के मामले में दोषी मां-बेटे (मृतका के पति-सास) को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार सिंह व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंदन सिंह के अनुसार वादी रफीक अहमद पुत्र स्व. रमजान निवासी ग्राम सिसवारा पोस्ट गहदों थाना माल जनपद लखनऊ ने 23 अप्रैल 2017 को पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसकी पुत्री समा का विवाह लगभग पांच वर्ष पूर्व मो. वसीम पुत्र बन्ने मियां निवासी नानकगंज झाला थाना कोतवाली देहात के साथ किया था, तब से दामाद व उसके परिवार के लोग अतिरिक्त दहेज के रूप में दो लाख रुपये व बाइक की मांग कर रहे थे।
दहेज न मिलने पर ससुर बन्ने मियां, सास अनीसा बानो, ननद हीना, देवर नसीम, जेठ नफीस, सलमान व सानू उसकी पुत्री के साथ मारपीट करते थे। 28 मार्च 2017 से खाना पानी बंद कर दिया था, जब भी कोई आता कमरा खोलकर उसकी पुत्री को मारता-पीटता। उसकी पुत्री की हालत नाजुक हो गई थी। 30 मार्च 2017 की सुबह 9:30 बजे अनीसा व हीना ने उसकी पुत्री के दोनों हाथ पकड़ लिए। मो. वसीम ने मिट्टी के तेल से भरी पिपिया उसकी पुत्री समा के ऊपर डाल दी और आग लगा दी। उसकी पुत्री 90 प्रतिशत तक जल गई। लखनऊ के एक अस्पताल में उसे भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने मृतका के पति मो. वसीम व सास अनीसा बानो को सामूहिक हत्या का दोषी पाया और आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
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