Hardoi News: कर्ज के बोझ तले दबी मनरेगा को राहत देंगे 850 करोड़, जिले में भी है करीब डेढ़ अरब की उधारी
हरदोई में मनरेगा योजना के अंतर्गत श्रमिकों और सामग्री भेजने वालों का लगभग डेढ़ अरब रुपया बकाया है जिससे वे परेशान हैं। तीन सालों में ही एक अरब 41 करोड़ से अधिक की धनराशि का बजट लंबित है। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा मनरेगा के लिए 850 करोड़ रुपये का बजट जारी होने से जिले को राहत मिलेगी। इस बजट से सामग्री और प्रशासनिक मद में भुगतान किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, हरदोई। हर हाथ को काम देने का दावा कराने वाली मनरेगा के स्वयं के हाथ पिछले काफी समय से खाली हैं। सिर्फ जिले में ही करीब डेढ़ अरब की उधारी है, जिसको लेकर जिम्मेदार तो चिंतित थे ही, मनरेगा श्रमिक से लेकर सामग्री भेजने वालों के भी माथे पर बल पड़ गए थे।
हालांकि, शुक्रवार को प्रदेश की मनरेगा के लिए करीब 850 करोड़ रुपये का बजट जारी किया जाएगा, जिससे जिले की मनरेगा को भी राहत मिलेगी।
तीन सालों के ही आंकड़ों को देखें तो मनरेगा को इसी जनपद में एक अरब 41 करोड़ 64 लाख से अधिक की धनराशि के बजट का इंतजार है। वर्ष 2023-24 में 23 करोड़ 32 लाख, वर्ष 2025-26 में 13 करोड़ 86 लाख तो वर्ष 2024-25 में सर्वाधिक एक अरब 4 करोड़ से अधिक की उधारी है।
इसके बावजूद भी जिले की मनरेगा साइटों पर काम शुरू रखने का दावा किया गया है, लेकिन हालत यह है कि अधिकांश गांवों में उधारी देख श्रमिक मनरेगा से जी चुराने लगे हैं। फिलहाल, राहत भरी खबर है।
मनरेगा योजना के तहत सामग्री व प्रशासनिक मद में बजट जारी किया जा रहा है। एक अगस्त को मनरेगा में सामग्री मद में 830 करोड़ रुपये व प्रशासनिक मद में 25 करोड़ की राशि जारी होगी।
कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्मिकाें के मानदेय भुगतान से पूर्व उनके लंबित ईपीएफ की धनराशि की एमआईएस पर बुकिंग अवश्य कर ली जाए, जिससे कार्मिकों के मानदेय के भुगतान के बाद ईपीएफ का भुगतान भी किया जा सके।
सामग्री मद में प्राप्त धनराशि से केवल वित्तीय वर्ष 2023-24 के कुशल, अर्द्धकुशल एवं सामग्री मद की लंबित देयता का भुगतान किया जाएगा। इस धनराशि से केवल वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रशासनिक मद के तहत आने वाले समस्त देयताओं का का भुगतान किया जाएगा।
-सान्या छाबड़ा, सीडीओ
मनरेगा में उधारी
वर्ष | बकाया |
2023-24 | 23 करोड़ 32 लाख 35 हजार |
2024-25 | 1 अरब 4 करोड़ 45 लाख 49 हजार |
वर्ष 2023-24 में श्रम, सामग्री व टैक्स का बकाया
श्रम
- अकुशल- 13 लाख 11 हजार
- कुशल- 8 लाख 15 हजार
- सामग्री- 20 करोड़ 82 लाख
- टैक्स- 2 करोड़ 18 लाख
वर्ष 2024-25 में श्रम, सामग्री व टैक्स का बकाया
श्रम
- अकुशल- 66 लाख
- कुशल- 1 करोड़ 52 लाख
- सामग्री- 92 करोड़ 52 लाख
- टैक्स- 9 करोड़ 74 लाख
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