दीवारें भी बनेंगी शिक्षक, बदले-बदले नजर आएंगे आंगनबाड़ी केंद्र
जागरण संवाददाता हापुड़ शासन की नई नीति के अनुसार अब आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ पुष्टाह
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
शासन की नई नीति के अनुसार अब आंगनबाड़ी केंद्र सिर्फ पुष्टाहार खिलाने तक ही सीमित नहीं रहेंगे। बल्कि वहां आने वाले बच्चों को प्री प्राइमरी भी पढ़ाया जाएगा। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की सूरत बदलने का काम चल रहा है। बच्चों को तस्वीरों के माध्यम से गिनती, महीनों के नाम, अक्षर ज्ञान आदि सिखाए जाएंगे। कुल 887 केंद्रों को प्री प्राइमरी स्कूलों की तरह से सजाया संवारा जा रहा है। इन केंद्रों को अब (ईसीसीई) अर्ली चाइल्ड केयर एंड एजूकेशनल के रूप में जाना जाएगा। यहां तीन से छह वर्ष के बच्चों की देखभाल के साथ उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा। जिले में कुल 887 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों को प्री प्राइमरी के रूप में विकसित करने से पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। डायट पर ब्लाक लेवल ट्रेनिग और डिस्ट्रिक्ट लेवल ट्रेनिग हो चुकी है। अब बीआरसी पर ट्रेनर अन्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का काम करेंगे। फरवरी तक केंद्रों पर एक दिन छोड़कर बच्चों को बुलाया जा रहा है। तीन से पांच वर्ष के बच्चे बृहस्पतिवार एवं शनिवार तथा पांच से छह वर्ष के बच्चे सोमवार और बुधवार को आएंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी ज्ञान प्रकाश तिवारी ने बताया कि एक अप्रैल से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ईसीसीई शुरू होगी। केंद्रों की दीवारों पर पेंटिग में पहाड़े, विभिन्न प्रकार के पेड़, जानवर आदि के फोटो सजे होंगे, जिन्हें देखकर बच्चे गिनती पहाड़े सीख सकेंगे। अपने आसपास पाई जाने वाली वस्तुओं के बारे में जानकारी कर सकेंगे। दीवार पर ईको बोर्ड भी लगा होगा, जिस पर बच्चे अपनी इच्छानुसार गिनती पहाड़े लिख सकेंगे। माडल बनेंगे आंगनबाड़ी केंद्र जिले के केंद्रों को माडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां टाइल्स के साथ वाल पेंटिग, फर्नीचर, बेबी टायलेट, वाश बेसिन, खिलौने, बोर्ड आदि की सुविधा प्रदान की गई है। मार्च माह में इनके पुनरोद्धार का काम पूरा हो जाएगा। एक अप्रैल से इन केंद्रों पर विधिवत बच्चों को नई व्यवस्था के अनुरूप शिक्षा प्रदान की जाएगी।