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    अजब खेल! दबंगों ने चंद घंटों में लिखवाया फैसला, ट्रक भी हुआ गायब; अपहरण मामले में पुलिस पर खड़े हुए सवाल

    Updated: Wed, 19 Mar 2025 07:35 PM (IST)

    हापुड़ में 13 साल की बच्ची के साथ हुई छेड़छाड़ और अपहरण के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज करने में देरी की और आरोपी पक्ष के लोगों ने उनसे जबरन फैसला लिखवा लिया। घटना में इस्तेमाल ट्रक भी गायब है। इस मामले ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

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    बच्ची के अपहरण एवं छेड़छाड़ करने का मामला हापुड़ में चर्चा का विषय बना हुआ है। जागरण फोटो

    संवाद सहयोगी, जागरण, बहादुरगढ़। हापुड़ में बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में दो युवकों द्वारा 13 वर्षीय बच्ची के अपहरण एवं छेड़छाड़ करने का मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

    इस प्रकरण में पुलिस की निष्क्रियता एवं दबंग लोगों द्वारा चंद घंटों में पीड़ित पक्ष के लोगों से फैसला लिखवाना, दो युवकों के स्थान पर एक युवक पर रिपोर्ट दर्ज करना, घटना में प्रयुक्त ट्रक को गायब करने जैसे कार्य पुलिस पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं।

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    मुंह दबाकर ट्रक में अंदर खींच लिया

    साहब हम लोग तो मुज्जफरनगर जिले के रहने वाले हैं। बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में कोल्हू पर मेहनत मजदूरी करते हैं। मंगलवार की सुबह करीब चार बजे हमारी 13 वर्षीय बेटी शौच के लिए खेत में जा रही थी। इस बीच वहां खड़े एक ट्रक में सवार दो युवकों ने हमारी बेटी का मुंह दबाकर उसके अंदर खींच लिया।

    वहीं, जब काफी देर तक भी बच्ची वापस नहीं आई तो परिजन उसको तलाश करते हुए ट्रक के पास पहुंचे तो वहां से अजीब से आवाज आ रही थी। ट्रक में जाकर देखा तो बच्ची बेहोश पड़ी हुई थी और उसमें दो युवक थे। परिजन ने पकड़ने का प्रयास किया तो वह दूसरी खिड़की से कूदकर फरार हो गए।

    पांच बजे पहुंच गए थे पुलिस के पास

    पीड़िता के परिजन ने बताया कि सुबह करीब पांच बजे वह थाने पहुंच गए थे। इसके बाद पुलिस ने कुछ देर में आने की बात कही। साहब पुलिस तो नहीं पहुंची, लेकिन आरोपी पक्ष के पांच लोग पहुंच गए और हमसे फैसला लिखवा लिया। इस बीच आरोपी पक्ष के दबंग लोग ट्रक लेकर भी चले गए।

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    पीड़िता के परिजनों ने बताया कि साहब हम तो दूसरे जिलों के रहने वाले है। यहां की पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। वहीं, हम लोगों के पास इन दबंग लोगों से लड़ने के लिए कोई संसाधन तक नहीं है। दोपहर तक भी जब पुलिस नहीं पहुंची और दबंगों ने फैसला लिखवा लिया तो उसके बाद हम क्या करते।

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    इसके बाद मामला मीडिया पर वायरल हुआ तो शाम के समय पुन: नाबालिग को थाने बुलाया गया। इस दौरान वीड़ियो में बच्ची के कपड़ों पर खून के निशान बच्ची के साथ हुई घटना की स्थिति को साफ बयां कर रहे थे।

    सुबह से शाम तक रह गया एक आरोपी

    इस पूरे मामले में पीड़ितों के मुताबिक, दो आरोपी थे, लेकिन शाम होते होते इसमें मात्र एक आरोपी रह गया। अब यह पूरा प्रकरण क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। पुलिस से पहले दबंगों का पहुंचना, फैसला लिखवाना, घटना में प्रयुक्त ट्रक को गायब करना, दो आरोपी में से एक आरोपी रह जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है।

    अनसुलझे सवाल, जनता मांगे जबाव

    • क्या गरीब होना इस जमाने में जुर्म है।
    • वह पांच लोग काैन थे जो पीड़ितों से फैसला लिखवाकर ले गए।
    • घटना में प्रयुक्त ट्रक के बारे में पुलिस अनजान को क्यो बन रही है।
    • सुबह तक दो आरोपित तो शाम तक एक आरोपित कैसे रह गया।
    • पांच किलोमीटर की दूरी तय करने में पुलिस को नौ घंटे क्यो लगे।
    • सुबह तक गंभीर आरोप तो शाम तक मारपीट कैसे रह गई।

    बोले थानाध्यक्ष

    हमको तो ट्रक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमे तो एक युवक के बारे में शिकायती पत्र दिया गया था, जिसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। जल्द ही आराेपित को गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी। - महेंद्र सिंह, थाना प्रभारी निरीक्षक, बहादुरगढ़