UP News: करोड़ों की जमीन पर बड़ा खेल, सामने आया घोटाले का पूरा सच; अफसर भी हैरान
Bulldozer Action हापुर में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हो रहा है बड़ा घोटाला। नए नाले बनाकर करोड़ों की जमीन को अतिक्रमण के हवाले किया जा रहा है। दुकानदारों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सड़क पर ही बनाए जा रहे हैं नाले। जगह-जगह से आड़ा-तिरछा हो रहा है नाला निर्माण। इससे बढ़ सकती है जाम की समस्या। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।
ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। तहसील चौपला से बुलंदशहर रोड का वर्तमान अस्तित्व करीब 40 साल पहले का है। इस मार्ग पर दोनों ओर दुकानों के सामने चार-पांच फिट जगह छोड़कर नालों का निर्माण किया गया था। अब पीडब्ल्यूडी ने इस मार्ग का चौड़ीकरण किया है।
सड़क को चौड़ा करने के साथ ही विद्युत पोल शिफ्ट करने और नालोंं-डिवाइडर का दोबारा से निर्माण करने का कार्य भी किया जा रहा है। इस मार्ग पर पीडब्ल्यूडी ने एक ओर जहां विद्युत लाइनों को शिफ्ट करने में लाखों रुपये का खेल कर दिया गया, वहीं अब नाला निर्माण में भी नया घपला सामने आया है।
लोगों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और ठेकेदार ने माफिया से मिलकर दोनों ओर के नाले को सड़क पर बना दिया है। यहां पर पहले नालों के स्थानों पर नए नाले बनाने की बजाय उससे पांच-सात फिट सड़क की ओर को निर्माण करना आरंभ कर दिया है। जहां पर पर मार्केट के मालिकों से ठेकेदार व इंजीनियर की मिलीभगत हो गई, वहां पर नाला सड़क की ओर बना दिया और जहां पर नहीं हुई, वहां पर पहले के स्थान पर ही निर्माण किया गया है।
ऐसे में जगह-जगह नाला आड़ा-तिरछा बन रहा है। नए नाले बनाने में छोड़ी गई जमीन पर दुकानदारों और अतिक्रमणकारियों का कब्जा होता जा रहा है। इस स्थान पर खोखा व ठेले खड़े होने लगे हैं। ऐसे में चौड़ीकरण के नाम पर हुए इस खेल में बुलंदशहर रोड पर वाहनों का सामान्य आवागमन पहले से भी ज्यादा जाम और अव्यवस्था का शिकार हो सकता है।
यह है स्थिति
मेरठ-बुलंदशहर स्टेट हाईवे शहर के अंदर तहसील चौपला के पास से होकर निकलता है। यहां से लेकर बुलंदशहर रोड पर नए हाईवे पर वाहनों की संख्या ज्यादा है और सड़क की चौड़ाई कम थी। इस मार्ग का निर्माण करीब 40 साल पहले हुआ था। तब मार्ग के दोनों ओर दुकानों-मकानों से चार-पांच फिट की जगह छोड़कर नाले बनाए गए थे। हालांकि इन नालों का कहीं पर निकास नहीं दिया गया। ऐसे में नालों में लगातार ओवरफ्लो की समस्या रहती है।
इन नालों के ड्रेनेज को छोटी नालियों में डालकर बड़े नाले तक पहुंचाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिल सकी। अब इस मार्ग का चौड़ीकरण कराया जा रहा है। मेरठ रोड से बुलंदशहर बाईपास तक हो रहे इस चौड़ीकरण में तहसील चौपला से बुलंदशहर बाईपास तक का मार्ग भी शामिल है।
यह हो रहा खेल
इस मार्ग की निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी है। उसके विद्युत लाइन शिफ्ट करने का कार्य पावर कारपोरेशन को सौंपा हुआ है। यहां पर पावर कारपोरेशन ने विद्युत पोल शिफ्ट करने के नाम पर खेल कर दिया है। पोल को तीन-चार फिट हटाकर लगाया गया है, जबकि नाले की साइड में 10-15 जमीन खाली पड़ी है। ऐसे में उक्त जमीन पर लोगों ने अवैध बाजार शिफ्ट कर लिया है। विद्युत पोल से उनको अतिक्रमण करने में मदद मिल रही है।
इसके साथ ही अब नाला निर्माण में भी खेल किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार और इंजीनियर ने दुकानदारों व मार्केट वालों से मिलीभगत कर ली है। लोगों का आरोप है कि ऐसे में नया नाला पुराने नाले से पांच-सात फिट सड़क की ओर को बनाया जा रहा है। ऐसे में दुकानदारों को अपने सामने ज्यादा खाली जमीन मिल गई है।
इस पर उन्होंने अभी से कब्जा जमाना आरंभ कर दिया है। इससे स्टेट हाईवे की इस सड़क की चौड़ाई और कम हो जाएगी। जिससे वाहनों के सुचारू आवागमन में समस्या होगी।
नहीं बनने दिया सड़क की ओर नाला
वरिष्ठ भाजपा नेता व भट्ठा कारोबारी सुधीर गोयल की बुलंदशहर रोड पर मार्केट है। वहां दुकानों के बराबर में दशकों पहले का बना हुआ नाला है। अब नया नाला उससे आठ-दस फिट सड़क की ओर को बनाया जाने लगा। उन्होंने इसका विरोध किया कि सड़क की चौड़ाई कम हो जाएगी, लेकिन ठेकेदार व इंजीनियर मानने को तैयार नहीं हुई।
इस पर उन्होंने शहर विधायक विजयपाल आढ़ती से शिकायत की। विधायक ने ठेकेदार और इंजीनियर को फटकार लगाई। तब जाकर नए खोदे गए नाले वाले स्थान पर मिट्टी भर दी गई है। वहीं अब पुराने नाले में ही मिलाकर ही नया बनाया जा रहा है। जबकि चितौली रोड के सामने हाईवे की विपरीत दिशा में दूसरा नाला सड़क में मना दिया गया है।
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नाला निर्माण दुकानों के बराबर ही किया जाता है। यहां पर ठेकेदार नया खेल कर रहा है। हमने अपने बाजार के सामने दूसरा नाला नहीं खुदने दिया है। अन्य स्थान पर गलत स्थान पर नाला बनाने के बारे में विधायक से शिकायत की जाएगी। इसके बाद हम पीडब्ल्यूडी और डीएम से शिकायत करेंगे। - सुधीर गोयल, भाजपा नेता व कारोबारी
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दुकानों के बराबर में स्थान छोड़कर सड़क पर नाला नहीं बनाया जा सकता है। वहां पर यूटीलिटी डक्ट बनाया जाना प्रस्तावित था। जिसमें बिजली-टेलीफोन की केबिल डाली जा सकें। हो सकता है उसको ही नाला समझा जा रहा हो। मैं एक बार टीम भेजकर जांच कराता हूं। यदि नाला गलत स्थान पर बनवाया जा रहा है तो उसको ठीक कराया जाएगा। - मुकुल नागपाल- एसडीओ पीडब्ल्यूडी
जागरण के पांच सवाल
- एसबीआइ के सामने सहित ज्यादातर स्थानों पर दूसरा नाला क्यों बनाया गया है?
- यदि यह यूटीलिटी डक्ट है तो सुधीर गोयल के विरोध के बाद उसको नाले में क्यों मिलाया गया?
- यूटीलिटी डक्ट है तो चुतौली मार्ग के सामने उसमें नाले का पानी क्यों छोड़ा गया है?
- नाले को जगह-जगह से आड़ा-तिरछा क्यों किया जा रहा है?
- लाेगों की शिकायत पर संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर ध्यान क्यों नहीं दे रहे?
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