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    Delhi Election: PM मोदी ने की चार रैलियां, राजनाथ-शाह ने नहीं छोड़ी कोई कसर, जानें AAP-कांग्रेस ने कितना लगाया जोर

    दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए प्रचार सोमवार शाम छह बजे थम गया। वोटिंग 5 फरवरी को सुबह 7 बजे से शुरू होगी। भाजपा आप और कांग्रेस सहित सभी दलों ने जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। इस बार का चुनाव त्रिकोणीय है और सभी पार्टियां घर-घर जनसंपर्क और अपने पक्ष में अधिकाधिक मतदान कराने की तैयारियों में जुट गई हैं।

    By sanjeev Gupta Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 03 Feb 2025 10:27 PM (IST)
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    दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार का शोर थमा।

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। चुनावी सरगर्मियों, तीखे आरोप- प्रत्यारोप एवं जीत हार के तमाम दावों के बीच विधानसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार सोमवार शाम छह बजे थम गया। आखिरी दिन भाजपा, आप और कांग्रेस के साथ-साथ अन्य उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। शाम छह बजे प्रचार का शोर बंद हो गया। अब सभी पार्टियों घर-घर जनसंपर्क और अपने पक्ष में अधिकाधिक मतदान कराने की तैयारियों में जुट गई हैं।

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    दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा। एक करोड़ 56 लाख 14 हजार मतदाता ईवीएम का बटन दबाकर भाजपा, आप, कांग्रेस सहित दिल्ली के चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे 699 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के अनुसार मतदान सप्ताह होने के निर्धारित समय से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद करना होता है।

    तीनों पार्टियों ने लगाया एड़ी चोटी का जोर

    इस बार का चुनाव थोड़ा अलग हटकर है। लहर किसी के भी पक्ष में नहीं है। कांग्रेस ने मजबूती से मैदान में उतर कर मुकाबले को दिलचस्प ही नहीं, त्रिकोणीय भी बना दिया है। तीनों ही पार्टियों के सभी प्रमुख नेताओं सहित स्टार प्रचारकों ने मोर्चा संभाला। नुक्कड़ सभाओं, जन सभाओं और रैली से लेकर रोड शो तक हुए। अखबारों, एफएम रेडियो और इंटरनेट मीडिया के साथ- साथ ही बैनर, पोस्टर एवं होर्डिंग का भी खूब सहारा लिया गया। कांग्रेस बीच में थोड़ी ढीली जरूर पड़ी। वरिष्ठ पार्टी नेता राहुल गांधी के अस्वस्थ होने के कारण वह दो सप्ताह प्रचार से दूर रहे। सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी 28 जनवरी से ही मैदान में उतरे।

    भाजपा

    भाजपा ने तीन हजार से अधिक नुक्कड़ सभाओं के साथ ही, युवा चौपाल, महिला ड्राइंग रूम मीटिंग का आयोजन कर छोटे-छोटे समूहों से संपर्क किया।

    छोटी जनसभाओं के साथ ही बड़ी रैली की गई। प्रधानमंत्री की चार रैली हुई। राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान सहित अन्य केंद्रीय मंत्रियों की चुनावी सभाएं आयोजित हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा सहित अन्य भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री दिल्ली में चुनावी सभाएं व रोड शो आयोजित हुआ।

    आम आदमी पार्टी

    दिल्ली विधानसभा के चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रचार अभियान में छोटी सभाओं पर अधिक जोर रहा है। आप ने 6200 बैठकें रेवड़ियों पर चर्चा के तहत की हैं। आप के कार्यकर्ता घर-घर रेवड़ियों की चर्चा के तहत गए हैं और उन्हें मिल रहीं इन सुविधाओं के बारे में जानकारी दी है इसके अलावा आप ने सबसे पहले प्रत्याशी घोषित किए जिससे उनके लगभग सभी प्रत्याशी पांच पांच बार अपने विधानसभा क्षेत्र में डोर टू डोर कर लोगों से मिल चुके हैं।

    आप की अगर बड़ी सभाओं की बात करें तो चुनाव में आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री व उनकी सरकार के अन्य प्रमुख मंत्रियों के अलावा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, फिल्म अभिनेता व टीएमसी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा जैसे नेताओं ने दिल्ली आकर आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार किया है। मगर सबसे प्रमुख रूप से केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का ही चुनाव प्रचार आगे रहा है। तमाम बैठकें एवं रोड शो इन नेताओं ने किए हैं।

    केजरीवाल ने जिन सीटों पर जरूरत समझी है वहां पर उन्होंने अपनी सभाएं की हैं रोड शो किए हैं कुछ ऐसी विधानसभा सीटें भी हैं जहां पर उन्होंने दो-दो बार जनसभाएं तक की हैं। आपके अन्य नेताओं में राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, राघव चड्ढा, हरभजन सिंह ने भी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में जनसभाएं और रोड शो किए हैं।

    कांग्रेस

    कांग्रेस ने सबसे पहले एक माह लंबी न्याय यात्रा निकाल दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। इस चुनाव में पहली बार पार्टी ने अपने आधे से अधिक प्रत्याशी चुनाव की अधिसूचना से भी पहले दिसंबर में घोषित कर दिए। हर विधानसभा क्षेत्र में ब्लॉक एवं बूथ स्तर पर कई सौ बैठकें की गईं। पिछले एक माह से हर रोज पत्रकार वार्ता कर आप और भाजपा का कठघरे में खड़ा किया।

    पार्टी के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मल्लिकार्जुन खरगे ने 21 कार्यक्रम किए। इसके अलावा पार्टी के 40 स्टार प्रचारकों ने भी विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार किया। हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, तेलंगाना के सीएम रेवंथ रेडडी, राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कांग्रेस प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार किया।

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