माफिया रात में कर रहे बड़ा खेल, सफेदपोश और अधिकारी मूंद लेते हैं आंखें; हैरान कर देगी हापुड़ की ये रिपोर्ट
हापुड़ जिले में अवैध खनन का धंधा तेजी से फलफूल रहा है खासकर गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र में। माफिया गंगा की तलहटी में रात-दिन खनन कर रहे हैं जिससे सरकारी राजस्व और पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। आरोप है कि इस खेल में कुछ सफेदपोश और अधिकारी भी शामिल हैं जो रिश्वत लेकर आंखें मूंद लेते हैं।

केशव त्यागी, हापुड़। हापुड़ जिले में अवैध खनन का धंधा तेजी से फैल रहा है। यह न सिर्फ सरकारी राजस्व को चूना लगा रहा है बल्कि पर्यावरण को भी तबाह कर रहा है।
गढ़मुक्तेश्वर तहसील क्षेत्र, जो गंगा की तलहटी से घिरा हुआ है, खनन माफिया का सुरक्षित ठिकाना बन चुका है। यहां रात के अंधेरे में बुलडोजर व पोकलेन मशीनें धरती का सीना चीर रही हैं। डंपर मिट्टी और रेत लादकर भाग रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, यह खेल सफेदपोश व जिम्मेदारों की मिलीभगत से चल रहा है।
गढ़मुक्तेश्वर, जो तीर्थ नगरी के रूप में जाना जाता है, अब खनन माफियाओं का स्वर्ग बन चुका है। यहां गांव रझैटी, हसूपुर, सलौनी, पलवाड़ा, चित्तौड़ा, अल्लाबख्शपुर समेत अन्य गांवों में अवैध खनन जोरों पर है। माफिया ठेकेदारों को अवैध ठेके देते हैं, जो बुलडोजर और पोकलेन मशीन से मिट्टी-रेत निकालकर ठिकानों पर पहुंचाते हैं।
बताया गया कि रात के समय यह खेल चरम पर होता है, जब पुलिस की गश्त कम होती है। 16 सितंबर को सदर एसडीएम इला प्रकाश ने मतनौरा जंगल में छापा मारकर मिट्टी से भरे तीन डंपर पकड़े, लेकिन माफिया मौके से फरार हो गए। यह घटना दर्शाती है कि यह धंधा चल रहा है।
खनन को लेकर वर्चस्व की लड़ाई
एक दिलचस्प बात यह भी है कि माफिया गुटों में वर्चस्व की लड़ाई भी चल रही है। कुछ गुट सफेदपोश के करीबी, रिश्तेदार और परिचितों द्वारा संचालित हैं, जो चुनावी मदद या सीधा लाभ पहुंचाते हैं। जून 2025 में एक भाजपा नेता पर अवैध खनन में लिप्त होने और ग्रामीणों से अभद्रता करने का आरोप लगा।
वहीं, घटना के दौरान गांव वालों ने उन्हें दौड़ाकर पीटा। इसी तरह, मेरठ के एक ठेकेदार ने आरोप लगाया कि गढ़मुक्तेश्वर में उसकी पोकलेन मशीन जबरन कब्जा कर अवैध खनन में इस्तेमाल की गई।
फैला हुआ है रिश्वत का जाल
इस कारोबार का सबसे चौंकाने वाला पहलू रिश्वत का सिस्टम है। माफिया हर महीने चौकी, थानों और संबंधित अधिकारियों के दफ्तरों तक रिश्वत पहुंचाते हैं। पिकेट से लेकर अधिकारी तक, सबकी जेबें गर्म होती हैं। इससे जिम्मेदार न सिर्फ आंखें मूंद लेते है बल्कि खनन मार्गों की सुरक्षा भी करते हैं। चौकी से लेकर थाने के सामने से बेधड़क गुजरते मिट्टी से भरे वाहन इस गठजोड़ का सबूत हैं।
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कार्रवाई दिखावा या असली इरादा
पिछले कुछ दिनों में प्रशासन ने कुछ कदम उठाए हैं, जो शायद दबाव के कारण हैं। 16 सितंबर को एसडीएम के छापे में तीन डंपर पकड़े गए। चार दिन पहले गढ़मुक्तेश्वर में दो डंपर और एक बुलडोजर सीज किया गया। गंगा तलहटी में रेत खनन करती दस बुग्गियां पकड़ी गईं। मगर, किसी भी खनन माफिया पर कार्रवाई नहीं की गई।
निरंतर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मिट्टी के कई डंपर सीज किए गए हैं। आगे भी कार्रवाई होगी। - प्रशांत कुमार, खनन अधिकारी
अवैध खनन की सूचना पर सक्षम अधिकारी के साथ पुलिस बल भेजकर कार्रवाई की जाती है। मिलीभगत की जांच होगी, दोषियों पर कार्रवाई तय होगी। - ज्ञानंजय सिंह, एसपी
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