हापुड़ में ठेकेदार की मनमानी PWD पर भारी, जलभराव से उखड़कर बिखर गई सड़क
हापुड़ में प्राधिकरण के ठेकेदार की लापरवाही से पुराने हाईवे पर जलभराव हो गया है जिससे पीडब्ल्यूडी को भारी नुकसान हो रहा है। ठेकेदार द्वारा टेंडर की शर्तों का पालन नहीं करने के कारण जल निकासी बाधित है। लगातार जलभराव से सड़क उखड़कर बिखर गई है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। पीडब्ल्यूडी ने ठेकेदार को नोटिस जारी किया है लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। हापुड़ में प्राधिकरण के ठेकेदार की मनमानी पीडब्ल्यूडी पर भारी पड़ रही है। टेंडर शर्त के मुताबिक, ठेकेदार नाले का पानी पाइप से निकलवाकर दूसरी ओर नहीं डाल रहा है। इससे पुराने हाईवे पर जलभराव हो गया है।
दो महीने से पानी भरा रहने से जहां लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है, वहीं पीडब्ल्यूडी की करीब डेढ़ किमी की सड़क उखड़कर बिखर रही है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने दो बार ठेकेदार को पत्राचार किया है। उसका उत्तर तक नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार की मनमानी से पहले भी शहर विधायक को उपेक्षा का शिकार होना पड़ा था।
पुराने दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर प्राधिकरण द्वारा जल निकासी के लिए नाले का निर्माण कराया जा रहा है। इस नाले के निर्माण से शहर की दर्जनभर कालोनियों को जलभराव से राहत मिल सकेगी। करीब दो किमह लंबाई वाला यह नाला डेढ़ किमी शहर के अंदर आ रहा है। इसके बराबर में पुराने हाईवे की पीडब्ल्यूडी की सड़क है। इसके एक साइड में नाला बनाया जा रहा है।
वहीं, दूसरी साइड में नाला बनवाने के लिए अभी पालिका के पास पर्याप्त बजट नहीं है। बजट की व्यवस्था हो जाने पर दूसरी दिशा में भी नाला बनवाया जाएगा। इससे शहर के बड़े भाग को जलभराव से राहत मिल सकेगी।
यह है मामला
प्राधिकरण ने नाला निर्माण का टेंडर अपने पंजीकृत ठेकेदार को दिया है। प्राधिकरण के अनुसार इस नाले का टेंडर आठ करोड़ रुपये का है। वह जल निकासी की धनराशि भी जुड़ी हुई है। ठेकेदार द्वारा मानकों का पालन नहीं करने के चलते जल निकासी नहीं की जा रही है। दिन में कुछ देर के लिए पंप लगाकर पानी जरूर खींचा जा रहा है, लेकिन ज्यादातर समय पंप बंद रहता है। इससे डेढ़ महीने से हाईवे पर जलभराव की स्थिति है। लगातार पानी भरा रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उखड़कर बिखर गई सड़क
हाईवे पर लगातार जलभराव रहने से सड़क को नुकसान हो गया है। पानी के बीच से वाहनों के निकलने के कारण सड़क उखड़कर बिखर गई है। इससे करीब डेढ़ किमी तक सड़क का पत्थर चारों ओर फैल गया है। अब नाला निर्माण के बाद ठेकेदार अपना मुनाफा लेकर बाहर निकल जाएगा। उसके बाद सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी को कराना होगा।
पीडब्ल्यूडी के अनुसार, करीब 50 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। पीडब्ल्यूडी की ओर से तीन बार पत्र भेजकर आपत्ति जताई जा चुकी है। विडंबना यह है कि प्राधिकरण की ओर से इसका संज्ञान तक नहीं लिया जा रहा है। आरोपित ठेकेदार ने न तो जल निकासी की व्यवस्था कराई है और न ही पीडब्ल्यूडी के नोटिस का उत्तर दिया है।
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प्राधिकरण के सचिव अमित कादियान का कहना है कि हमारी ओर से ठेकेदार को जलभराव नहीं होने देने को आदेशित किया गया है। यदि वह मानकों का पालन नहीं कर रहा है कि कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में ठेकेदार को कई बार काल की गई, लेकिन उन्होंने उत्तर नहीं दिया।
हमारी डेढ़ किमी की सड़क उखड़कर बिखर रही है। तीन बार प्राधिकारण को नोटिस जारी किया जा चुका है। ठेकेदार व उसके कर्मचारियों से व्यक्तिगत संपर्क भी किया गया है। वह गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस सड़क के निर्माण का खर्च ठेकेदार से लिया जाएगा। उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी। - शैलेंद्र सिंह - एक्सईएन-पीडब्ल्यूडी
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