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    दारोगा ने मृत महिला के नाम पर दर्ज किया बयान, सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो आरोपियों को दे दी क्लीनचिट

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 10:39 PM (IST)

    बाबूगढ़ में सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठे हैं। जांच अधिकारी ने मृत महिला के बयानों के आधार पर आरोपियों को क्लीनचिट दे दी। पीड़िता की मां की मृत्यु तीन साल पहले हो चुकी है फिर भी उनका बयान दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

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    दारोगा ने मृत महिला के नाम पर दर्ज किया बयान, सामूहिक दुष्कर्म मामले में दो आरोपियों को दे दी क्लीनचिट

    ठाकुर डीपी आर्य, बाबूगढ़। सामूहिक दुष्कर्म के गंभीर मामले में भी जांच कर रहे दरोगा ने खेल कर दिया। दुष्कर्म के तीन आरोपितों में से दो को चार्जशीट में क्लीनचिट दे दी गई। जिन गवाहों के बयान पर यह क्लीनचिट दी गई है, उनमें दुष्कर्म पीड़िता की मां भी शामिल है जबकि उनकी मौत तीन साल पहले ही हो चुकी है। दरोगा ने मृत महिला के बयानों के आधार पर सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर मामले के आरोपितों को भी बचा दिया। चर्चा है कि इसके लिए लाखों का लेनदेन हुआ है और पीड़िता के स्वजन को धमकाया जा रहा है। मामला संज्ञान में आने पर पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मचा है। पुलिस अधीक्षक ने इसमें जांच के आदेश दिए हैं।

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    नवरात्र में पुलिस चला रही महिला सशक्तिकरण अभियान

    नवरात्र के पावन दिनों को पुलिस महिला सशक्तिकरण के रूप में मना रही है। ऐसे में महिला की सुरक्षा को संकल्प के रूप में लिया जा रहा था। छात्राओं को एक दिन में थानाध्यक्ष बनाकर सम्मान दिया जा रहा है। महिलाओं-युवतियों को आत्मिक रूप से बलिष्ठ बनाने को आयोजन हो रहे हैं। उनको अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना सिखाया जा रहा है।

    महिला उत्पीड़न के आरोपितों को कड़ा दंड दिलाने का दावा वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं। इसके लिए थाना स्तर पर कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं। प्रत्येक थाने ने महिलाओं की सुनवाई के लिए अलग से पटल बनाए गए हैं। यह खाकी का वह सकारात्मक चेहरा है, जिसको बनाने का प्रयास आला अधिकारी कर रहे हैं।

    जुलाई में सामूहिक दुष्कर्म किया गया

    उधर, पुलिस का एक दूसरा चेहरा भी है, जिससे पीड़िताओं को आए दिन दो-चार होना पड़ता है। ऐसा ही नया मामला बाबूगढ़ थाने का सामने आया है। इसका अभियोग 16 जुलाई को अपराध संख्या 184 पर दर्ज किया गया था। इसने पुलिस की मनमानी की कलई खोलकर रख दी हैं। थानाक्षेत्र के एक गांव की महिला के साथ जुलाई में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।

    नामजद आरोपितों को क्लीनचिट दे दी

    इसमें गाजियाबाद के मसूरी थानाक्षेत्र के गांव नाहल के रहने वाले परवेज, जुबैर व रिजवान को नामजद किया गया था। मेडिकल कराने के बाद एसआई सांत्वना गौतम ने पीड़िता के न्यायालय में बयान कराए थे। इस मामले की जांच एसआई अनोद कुमार को साैंपी गई थी। इस मामले में पिछले दिनों जांच अधिकारी ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें दो नामजद आरोपितों को क्लीनचिट दे दी गई है।

    आरोप-फर्जी बयान दर्ज किए

    आरोप है कि इनको क्लीचिट देने के लिए जांच अधिकारी ने लोगों के फर्जी बयान दर्ज किए हैं। घटनास्थल के आसपास रहने वालों और प्रभाव साक्षियों के बयान नहीं लिए गए हैं। जिन लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, उनमें पीड़िता की मां भी है। पीड़िता की मां के बयान दर्ज करके आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया गया है।

    सीओ सिटी को मामले की जांच सौंपी

    वहीं, पीड़िता की मां का इंतकाल घटना से दो साल पहले दो अगस्त 2023 को हो गई थी। अब क्षेत्र में चर्चा है कि जांच अधिकारी जन्नत में जाकर बयान लेकर आए या मृत महिला को बयान देने के लिए थाने पर बुलाया। पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की है। उन्होंने सीओ सिटी को मामले की जांच सौंपी है।

    गलती को ठीक कर लिया जाएगा

    "सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले का मैं जांच अधिकारी हूं। पीड़िता की मां के बयान मेरे द्वारा दर्ज किए गए हैं। अब सामने आया है कि उसकी मौत हो साल पहले हो गई थी। हालांकि यह बयान पीड़िता के पक्ष में ही लिखे गए हैं, लेकिन गलती हुई है। मुझसे महिला को पहचाने में भूल हुई है। लेनदेन के आरोप गलत हैं। अब इस गलती को ठीक कर लिया जाएगा।"

    -एसएसआई अनोद कुमार, जांच अधिकारी, थाना बाबूगढ़।

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