जेल की दीवारों के पीछे की क्रूरता, बंदी की बेरहमी से पिटाई, रातभर मांगता रहा पानी, सुबह मौत
हमीरपुर जेल में एक विचाराधीन कैदी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। परिजनों ने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। घायल कैदी रात भर पानी मांगता रहा पर उसे दिया नहीं गया। शव न दिखाने पर परिजनों ने जेल के बाहर जाम लगा दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोटों के निशान मिले हैं और मामले की जांच जारी है। मृतक की पत्नी ने थाने में तहरीर दी है।

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। जेल में निरुद्ध विचाराधीन बंदी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है। जिसके शरीर की चोटें जेल के अंदर दी गई प्रताड़ना की गवाही दे रही हैं। इतना ही नहीं रातभर घायल बंदी पानी मांगता रहा। लेकिन उसे पानी तक नही दिया गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना से स्वजन ही नही बल्कि जेल के अंदर निरुद्ध कैदियों व बंदियों में भी आक्रोश है। शव न दिखाने से नाराज स्वजन ने सोमवार को जेल के बाहर जाम लगा दिया।
मौके पर पहुंचे सदर विधायक डा.मनोज प्रजापति ने स्वजन को न्याय दिलाने की बात कहते हुए जाम खुलवाया। वहीं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संस्थापक व सेवानिवृत्त डीआइजी जुगुल किशोर तिवारी भी पीड़ित परिवार से मिले और हर संभव मदद का भरोसा दिया। इस घटना के बाद से मृतक के स्वजन बेहाल हैं। वहीं पीएम रिपोर्ट में मृतक के शरीर में पांच से छह चोटों के निशान मिले हैं। इसके साथ ही मौत का कारण स्पष्ट न होने पर मृतक का दिल और बिसरा सुरक्षित कर जांच को भेजा गया है।
सदर कोतवाली के सूरजपुर मुहल्ला निवासी 33 वर्षीय अनिल कुमार तिवारी पुत्र श्रीकृष्ण तिवारी के खिलाफ वर्ष 2015 में पड़ोसी के साथ हुए विवाद के मामले में पुलिस ने मारपीट, गालीगलौज और एससीएसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। विवाद के बाद से अनिल दिल्ली में रहकर गार्ड की नौकरी कर रहा था। वहीं उसके पिता भी मजदूरी करते थे। दिल्ली में रहने के कारण अनिल कई तारीखों में कोर्ट में हाजिर नही हो पाया।जिसके चलते उसका वारंट जारी हो गया।
घटना से बेसुध मृतक की पत्नी पूजा। जागरण
अनिल की पत्नी पूजा ने बताया कि बीते 10 सितंबर को उसका पति दिल्ली से आया था और 11 सितंबर को उसने स्वयं अधिवक्ता की मदद से पति को कोर्ट में हाजिर करवाया था। जिसे वहां से जेल भेज दिया गया। 12 सितंबर को वह अपने पति से मिलने जेल पहुंची। जहां पर उसका हालचाल जाना और खर्चे के लिए 6500 रुपये भी दिए। जिसके बाद वह वापस आ गई।
पत्नी ने बताया कि शनिवार को उसके रिश्तेदार राहुल पांडेय जेल से रिहा होकर आए। जिन्होंने पति अनिल की हालत खराब होने की जानकारी दी। जिस पर वह रविवार को पति से मिलने के लिए जेल पहुंची। लेकिन उसे मिलने नही दिया और दोपहर करीब तीन बजे पति की मौत की खबर जेल प्रशासन द्वारा दी गई। पिता के दिल्ली में होने के कारण रविवार को कोई भी शव देखने नही गया।
वहीं सोमवार की सुबह जब स्वजन मोर्च्युरी पहुंचे तो पुलिस कर्मियों के द्वारा शव दिखाने से मना कर दिया गया। जिस पर स्वजन आक्रोशित हो गए और उन्होंने जेल के बाहर दोपहर करीब 12 बजे जाम लगा दिया। इस दौरान वहां से गुजर रहे सदर विधायक डा.मनोज प्रजापति ने स्वजन को समझाकर जाम खुलवाया। इस दौरान करीब पौन घंटे जेल रोड जाम रहा। जिसमें कई एंबुलेंस और वाहन फंसे रहे।
पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे स्वजन ने जब मृतक के शरीर में चोटें देखी तो वह फिर आक्रोशित हो गए और उन्होंने जेल प्रशासन पर पीट-पीटकर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया और दोबारा फिर से जेल के सामने महिलाओं ने जाम लगा दिया। इतना ही नही महिलाएं जेल परिसर के अंदर भी घुस गईं और वहां हंगामा शुरू कर दिया। जिस पर पुलिस कर्मियों ने उन्हें वहां से समझाकर हटाया।
सूचना पर फिर दोबारा सदर विधायक डा. मनोज प्रजापति ने पहुंचकर महिलाओं को समझाया और फोन से जिलाधिकारी से वार्ता कर पैनल में पोस्टमार्टम कराते हुए मामले की न्यायिक जांच कराने की बात कही। जिसके बाद स्वजन शांत हुए और पोस्टमार्टम शुरू हो सका। मृतक की पत्नी पूजा ने इस घटना को लेकर थाने में तहरीर भी दी है। जिसमें उसने जेल अधिकारियों के साथ साथ पुलिस कर्मियों व अन्य लोगों को दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की है।
वहीं मुकदमा न लिखे जाने से नाराज स्वजन ने मृतक का शव लेने से इंकार कर दिया है।घटना को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पांच से छह चोटें पीठ में पाई गई हैं। इसके अलावा मृतक का दिल और बिसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम करने वालों में डा.राजेश, डा.महेंद्र, डा.सुनील जायसवाल व डा.शिवमिलन शामिल रहे।
कैंटीन से गुटखा खरीदने को लेकर हुआ था विवाद
मृतक अनिल की पत्नी पूजा ने बताया कि कैंटीन से गुटखा खरीदने को लेकर जेल में विवाद हुआ था। जिसके बाद उसके पति को पीट-पीटकर मार डाला गया। पत्नी ने आरोप लगाया कि जेल में दो कैंटीन संचालित हैं। उसके पति ने लंबरदार से गुटखा मंगवाया। जिस पर अधिक रुपये मांगे गए। रुपये न देकर उसका पति स्वयं गुटखा लेने चला गया। जिससे दूसरा कैंटीन वाला नाराज हो गया और उसने वहां तैनात पुलिस कर्मी से शिकायत कर दी। जिसके बाद पुलिस कर्मी ने उसके साथ अभद्रता की और फिर लंबरदारों से खड़े होकर पिटवाया गया। जिससे उसके पति की जान चली गई। पत्नी ने आरोप लगाया कि उसका पति पानी मांगता रहा। लेकिन किसी ने पानी तक नही दिया।
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शनिवार को अवकाश न होता तो शायद हो जाती बेल और बच जाती जान
मृतक की पत्नी ने बताया कि शनिवार को अवकाश होने के कारण उसके पति की बेल नही हो पाई आगामी 17 सितंबर को बेल की अगली तिथि निर्धारित की गई थी। यदि शनिवार को अवकाश न होता तो शायद उसके पति की बेल हो जाती और उसके साथ यह घटना न होती।
पीड़ित परिवार से मिले अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संस्थापक
घटना की जानकारी होने पर अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के संस्थापक व सेवानिवृत्त डीआइजी जुगुल किशोर तिवारी भी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर उनका दुखड़ा सुना और हर संभव मदद का भरोसा दिया। इस दौरान उनके साथ भाजपा नेता राजीव शुक्ला, रमाकांत शुक्ला, जिलाध्यक्ष नरेंद्र बाजपेई, बालजी पांडेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
सदर विधायक व अधिकारियों के कोट
घटना को लेकर जिलाधिकारी से बात हुई है चार डाक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है साथ ही वीडियोग्राफी भी हो रही है। मामला गंभीर है जिसकी मजिस्ट्रेट और पुलिस से जांच करवाई जाएगी और दषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
डा.मनोज प्रजापति, सदर विधायक हमीरपुर।
चार डाक्टरों के पैनल से मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मामले की न्यायिक जांच होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घनश्याम मीना, जिलाधिकारी हमीरपुर।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। मौजूदा समय में मै अवकाश पर हूं। जानकारी पर पता चला है कि बंदी के द्वारा जेल में हंगामा किया जा रहा था। जिस पर बैरक में कुछ लोगों से विवाद हो गया। वह शराब का लती थी। मामले की विभागीय जांच कराई जाएगी।
मंजीव विश्वकर्मा, जेल अधीक्षक हमीरपुर।
मामला जेल प्रशासन से जुड़ा हुआ है। मृतक की मौत के बाद स्वजन ने जाम लगाया था। जिस पर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। शव का पीएम होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सुरक्षा के दृष्टिगत पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है।
डा.दीक्षा शर्मा, पुलिस अधीक्षक, हमीरपुर।
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