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    Gorakhpur News: गूंजेगी परमहंस योगानंद की वाणी, सजाएं जाएंगे दुर्लभ चित्र, अध्यात्म केंद्र विकसित करने पर मंथन

    Updated: Wed, 14 May 2025 01:29 PM (IST)

    गोरखपुर में परमहंस योगानंद की जन्मभूमि योगभूमि को योगदा सत्संग सोसाइटी अंतरराष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय और पुस्तकालय बनाकर उनकी यादों को संजोएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिलान्यास के बाद यहाँ योगानंद के दुर्लभ चित्र ऑडियो-वीडियो और पुस्तकें उपलब्ध होंगी। यह स्थल योगानंद के जीवन दर्शन को प्रदर्शित करेगा जिससे भक्तों और पर्यटकों को उनके बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

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    ऐसी होगी परमहंस योगानंद की यादों को संजोने वाली 'योगभूमि'

    डॉ. राकेश राय, जागरण, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों शिलान्यास के बाद एक ओर पर्यटन विभाग ने परमहंस योगानंद की जन्मभूमि को 'योगभूमि' का स्वरूप देने का कार्य शुरू कर दिया है तो दूसरी ओर योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया ने वहां योगानंद की यादों को संजोने की तैयारी शुरू कर दी है। भवन बनकर तैयार होने के बाद उसे अध्यात्म केंद्र के रूप में विकसित करने की जरूरतों को पूरा करने पर मंथन शुरू कर दिया है।

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    प्राथमिक योजना के अनुसार जन्मभूमि पर स्मृति स्थल के रूप में बनाए जा रहे 'योगभूमि' में एक अंतरराष्ट्रीय स्थल का संग्रहालय विकसित किया जाएगा, जिसमें योगानंद के दुर्लभ चित्रों को सजाया जाएगा। प्रदर्श के रूप में उनके जीवन से जुड़े बहुमूल्य सामान को सजाकर स्मृति स्थल को जीवंत बनाया जाएगा।

    इतना ही नहीं, 'योगभूमि' में एक आडियो-वीडियो सेंटर भी विकसित किया जाएगा, जिसमें योगानंद की वाणी को सुनने और उन्हें योग को लेकर संदेश देते हुए देखने का अवसर भक्तों व शिष्यों को मिलेगा। शार्ट फिल्में भी दिखाई जाएंगी, जिसके जरिये पर्यटकों को योगानंद के जीवन-दर्शन को जानने का अवसर मिलेगा।

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    'योगभूमि' में एक पुस्तकालय भी विकसित किया जाएगा, जिसमें योगानंद व योग से जुड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की पुस्तकों को पढ़ने का अवसर लोगों को मिलेगा। योगदा सत्संग सोसाइटी स्मृति स्थल को समृद्ध बनाएगी। इसके लिए दुनिया भर के हर उस स्थल से प्रदर्श व पुस्तक जुटाएगी, जहां योगानंद का प्रवास रहा है या उनका जाना हुआ है। योगदा सत्संग सोसाइटी रांची से इसमें विशेष मदद ली जाएगी।

    योगमुद्रा में परमहंस योगानंद


    11 मई 2026 को लोकार्पण का तय किया लक्ष्य

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'योगभूमि' के शिलान्यास कार्यक्रम में पर्यटन विभाग को लक्ष्य दिया कि इसका निर्माण डेढ़ साल में हर हाल में पूरा करा लिया जाए। जिससे कि योगानंद के शिष्यों व भक्तों को जल्द से जल्द अपने आराध्य की जन्मभूमि पर उन्हें याद करने का अवसर मिल जाए। पर्यटन विभाग ने मुख्यमंत्री की मंशा को गंभीरता से लिया है।

    'योगभूमि' को डेढ़ वर्ष की जगह एक वर्ष में पूरा कराने का संकल्प लिया है। विभाग के उप निदेशक रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 11 मई 2025 को 'योगभूमि' का शिलान्यास किया है, हमने इसके ठीक एक वर्ष बाद 11 मई 2026 को इसे लोकार्पण की तिथि निर्धारित की है।

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    इसी लक्ष्य के साथ कार्य पूरा करने का निर्देश कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस को दिया गया है। 31 करोड़ की लागत से चार तल के 'योगभूमि' का निर्माण कराया जाएगा। हर तल पर अलग-अलग तरीके से योगानंद की यादों कों संजोया जाएगा। उप निदेशक ने बताया कि इसके लिए योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया के पदाधिकारियों से आश्वासन प्राप्त हो चुका है।

    परमहंस योगानंद के शिष्यों व भक्तोंं के लिए यह उल्लास का विषय कि उनके जन्मस्थल को आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह आध्यात्मिक केंद्र योगानंद के भक्तों व शिष्यों की भावना व भक्ति को भी संतुष्ट करे, इसके लिए योगदा सत्संग सोसाइटी इसे समृद्ध करने की जिम्मेदारी संभालेगी। योगानंद से जुड़ी वस्तुओं, उनके दुर्लभ चित्रों और पुस्तकों को 'योगभूमि' मेंं सजाएगी। योगानंद का आडियो-वीडियो भी उपलब्ध कराएगी। - प्रो. आरसी श्रीवास्तव,स्थानीय समन्वयक, योगदा सत्संग सोसाइटी आफ इंडिया।