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    UP News: गोरखपुर AIIMS की इमरजेंसी में महिला की मौत पर जमकर हंगामा, परिजनों ने लगाया ऐसा आरोप; सुनकर होगी हैरानी

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 01:38 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां गोरखपुर एम्स की इमरजेंसी में महिला की मौत के बाद हंगामा होने लगा। परिजनों ...और पढ़ें

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    एम्स की इमरजेंसी के बाहर बिलखते स्वजन। फोटो: स्वजन

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स की इमरजेंसी में बुधवार देर शाम महिला की मृत्यु के बाद हंगामा हो गया। आरोप है कि जूनियर डाक्टरों ने वेंटिलेटर पर रखने के दौरान गलत तरीके से गले में नली डाल दी। इससे महिला का दम घुट गया और मृत्यु हो गई। स्वजन ने डायल 112 पर फोन कर पुलिस भी बुलाई।

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    उन्होंने डाक्टरों की लापरवाही के खिलाफ एम्स थाने में तहरीर देने के साथ ही सदर सांसद रविकिशन शुक्ल से भी शिकायत की है। स्वजन का कहना है कि सांसद की पहल पर महिला को इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। एम्स की इमरजेंसी में जगह न होने की जानकारी देकर कई रोगियों को लौटा दिया गया है।

    बेलीपार के मलाव की 65 वर्षीय सोना देवी सांस लेने समेत अन्य दिक्कत थी। मंगलवार को उन्हें एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। स्वजन का कहना है कि इमरजेंसी में डाक्टर नहीं भर्ती कर रहे थे तो सांसद के कार्यालय से फोन कराया गया था।

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    एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डा. आराधना सिंह ने कहा कि पल्मोनरी मेडिसिन, मेडिसिन, ट्रामा इमरजेंसी के डाक्टरों ने देखा था। वह गंभीर थीं। लापरवाही नहीं हुई है।

    गले में पाइप डालते ही निकलने लगा दादी के मुंह से खून

    मलाव निवासी सियाराम सैनी ने पुलिस और सांसद को भेजे गए शिकायती पत्र में लिखा है कि दादी सोना देवी को सोमवार सुबह 10 बजे एम्स की इमरजेंसी में लेकर पहुंचा। बताया गया कि बेड नहीं खाली है। भटकने के बाद सांसद रविकिशन शुक्ल के कार्यालय में फोन किया तो दोपहर 12 बजे पर्चा बना। दादी को अंदर ले गए लेकिन उपचार नहीं शुरू किया गया।

    बस पर्चा पर दवा लिखी जाती रही। बुधवार सुबह उन्हें बेड दिया गया लेकिन उपचार नहीं हुआ। कोई सीनियर डाक्टर नहीं आया। सिर्फ जूनियर डाक्टर ही आए। सीनियर के बारे में पूछने पर डांटा जाता था। उपचार न मिलने से दादी की हालत बिगड़ने लगी तो फिर सांसद कार्यालय में फोन किया। वहां से बुधवार सुबह आइसीयू में शिफ्ट करने को कहा गया लेकिन शाम तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। उस समय बेड भी खाली थे।

    शाम को दादी की सांस तेजी से फूलने लगी तो उन्हें वेंटिलेटर पर ले जाने की बात कही गई। इसके बाद एक जूनियर डाक्टर ने गले में पाइप डाली। पाइप पड़ते ही दादी के मुंह से खून आने लगा। इसके तत्काल बाद उनकी मृत्यु हो गई। इससे पहले हर बात पर डाक्टर डांटते रहे।

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    सभी डाक्टरों के सामने गिड़गिड़ाया लेकिन कोई कुछ सुनने को तैयार नहीं था। कहा कि लापरवाह डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है। आरोप है एबीजी मशीन खराब होने से खून की जांच के लिए बार-बार बाहर भेजा जा रहा था।

    सांसद के पीआरओ पवन दुबे ने कहा कि शिकायती पत्र मिला है। सांसद को पूरी जानकारी दे दी गई है। वह बहुत नाराज हैं। मंत्रालय में शिकायत की जाएगी। रोगी के उचित उपचार के लिए सहयोगी श्याम दुबे को भी इमरजेंसी भेजा गया था। लापरवाही हुई है।

    इमरजेंसी के बाहर जमीन पर लिटाया गया रोगी। फोटो- स्वजन


    दो वृद्धा व युवक की हुई मृत्यु

    सिवान की 70 वर्षीय प्रभावती देवी को पेट दर्द की शिकायत पर मंगलवार शाम एम्स की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। पौत्र हिमांशु का आरोप है कि डाक्टरों ने उपचार में लापरवाही बरती। इस कारण बुधवार रात नौ बजे उनकी मृत्यु हो गई। सिवान के रजतपुरा की 68 वर्षीय सुधा देवी को सोमवार रात इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था। बुधवार को सुधा की मृत्यु हो गई। स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाया। बिहार से आए धर्मेंद्र नाम के युवक की मृत्यु के बाद स्वजन ने जमकर हंगामा किया। आरोप था कि डाक्टरों ने उपचार ही नहीं किया।

    गोवा से आया था, वापस किया गया

    महराजगंज के पनियरा निवासी 25 वर्षी शैलेश गुप्ता ढाई महीने पहले गोवा में सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया था। कई जगह उपचार के बाद स्वजन उसे लेकर बुधवार शाम एम्स की इमरजेंसी में पहुंचे थे। यहां बेड खाली न होने की बातकर उसे लौटा दिया गया। देवरिया से आए एक रोगी को इमरजेंसी में नहीं भर्ती किया गया तो एंबुलेंस चालक स्ट्रेचर पर लेटे रोगी को फर्श पर छोड़ दिया। समाचार लिखे जाने तक उसे भर्ती नहीं किया गया था।