CM योगी के शहर में बच्चे का अपहरण कर मांगी पांच लाख रुपये फिरौती, पुलिस ने दो घंटे में आरोपी को दबोचा
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक तीन वर्षीय बच्चे का अपहरण कर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने दो घंटे के भीतर आरोपी को दबोच लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया। आरोपी पहले पीड़ित महिला की चाय की दुकान पर काम करता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। नौकायन पर चाय की दुकान लगाने वाली महिला के तीन वर्षीय बेटे का सोमवार की शाम को अपहरण कर लिया गया। गोंडा जिले का आरोपित, जो पहले दुकान पर काम करता था, ने फोन पर पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी और पैसे न मिलने पर जान से मारने की धमकी देने लगा। रामगढ़ताल थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सर्विलांस की मदद से दो घंटे के भीतर अपहर्ता को रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया और बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
सोमवार की शाम साधना गौड़ अपने चाय के ठेले पर बैठी थीं, तभी सूचना मिली की बेटा प्रशांत घर पर नहीं है।कुछ देर बाद साधन के पास गोंडा जिले के कौड़िया बाजार स्थित अहियाचेत गांव के रहने वाले सुरेश यादव का फोन आया।
उसने बताया कि प्रशांत उसके पास है।अगर बेटे को सकुशल पाना चाहती हो तो पांच लाख रुपये का इंतजाम करो, बात न मानने पर इसकी हत्या कर दूंगा। इसके बाद भागते हुए साधना नौकायन पुलिस चौकी पर पहुंची और पुलिसकर्मियों को घटना की जानकारी दी।
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थानेदार को जानकारी हुई तो एसपी सिटी व सीओ कैंट को बताया।हरकत में आयी पुलिस ने सर्विलांस की मदद से छानबीन शुरू की तो पता चला कि फोन कर फिरौती मांगने वाले का लोकेशन रेलवे स्टेशन के पास है।
जीआरपी की मदद से घेराबंदी कर रामगढ़ताल थाना पुलिस ने दो घंटे के भीतर बच्चे का अपहरण करने वाले सुरेश यादव को दबोच लिया।पूछताछ में पता चला कि बच्चे को वह बंगाल ले जाने की तैयारी में था।
आरोपित की नह थी फोटो,पहचान के लिए मां को साथ ले गई थी पुलिस
धुरियापार के भवानीपुर की साधना के पति राजेंद्र गौड़ हैदराबाद में मजदूरी करते हैं। अपनी तीन बेटियों व तीन वर्षीय बेटे के साथ चिलमापुर में किराए पर कमरा लेकर रहती है। प्रशांत, जो सबसे छोटा है, वह पूरे परिवार का दुलारा है। दुकान पर काम करने वाला गोंडा जिले का सुरेश यादव परिवार के सभी सदस्यों के साथ घुलमिल गया था।
हालांकि कुछ समय से उनके बीच मनमुटाव हो गया था, जिसके चलते उसने चाय की दुकान पर काम करना छोड़ दिया था। जब सुरेश ने प्रशांत का अपहरण किया, तो कुछ देर बाद साधना को फोन किया। पुलिसकर्मियों के कहने पर साधना ने करीब एक घंटे तक सुरेश को अपनी बातों में उलझाए रखा।
इस बीच वह भरोसा देती रही कि रुपये का इंतजाम करने में जुटी है। सर्विलांस व सीसी कैमरों फुटेज की मदद से तलाश में जुटी पुलिस को आरोपित की लोकेशन मिल गई। साधना के पास सुरेश की कोई फोटो नहीं थी, लोकेशन मिलने पर पहचान के लिए पुलिस उसे अपने साथ रेलवे स्टेशन ले गई, इस बीच सुरेश ने मोबाइल फोन बंद कर दिया।
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एसपी सिटी ने बच्चे को सुरक्षित बरामद करने के लिए तीन टीम गठित की। स्टेशन पर खोजबीन के दौरान लिफ्ट के पास बच्चे के साथ सुरेश मिल गया। जिसके बाद उसे तुरंत हिरासत में ले लिया गया। छानबीन में पता चला कि सुरेश नौकायन पर सुरहिया टोला के पास किराए पर कमरा लेकर रह रहा था।उसके आपराधिक रिकार्ड की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
मां के साथ बढ़ती रही पुलिस की बेचैनी
दो घंटे तक साधना की बेचैनी बढ़ती रही। पुलिस भी यह सोचकर चिंतित थी कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। बच्चे के सकुशल बरामद होने तक साधना के साथ ही पुलिस की बेचैनी बढ़ती रही। अंततः जब प्रशांत को सकुशल बरामद किया गया, तो एसपी सिटी ने थानेदार के साथ ही पूरी टीम की पीठ थपथपाई जिसने बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
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