सिस्टम पर सवाल: हमसफर पर रेलवे का 'हैवी फॉग', अन्य ट्रेनों के लिए 'मौसम साफ'
रेलवे ने कोहरे के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। गोरखपुर से आनंदविहार जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस भी रद्द कर दी गई है जबकि अन्य ट्रेनें चल रही हैं। यात्री सवाल उठा रहे हैं कि केवल हमसफर पर ही कोहरे का असर क्यों है। इस निर्णय से यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दिल्ली के निजी फर्म में कार्य करने वाले अभय कुमार ने गोरखपुर से आनंदविहार जाने के लिए हमसफर एक्सप्रेस में कन्फर्म टिकट लिया था। यात्रा से एक दिन पहले उनके मोबाइल पर अचानक मैसेज आया कि 'हैवी फाग' के चलते ट्रेन कैंसिल कर दी गई है। उनका सिर घूम गया।
अभी तो सामान्य फाग (कोहरा) भी नहीं पड़ रहा। उनकी समझ में नहीं आ रहा क्या करें। कहने लगे, आखिर हमसफर पर ही रेलवे का हैवी फाग क्यों गिरा है। गोरखपुर सहित बिहार की अन्य प्रमुख ट्रेनें तो चल ही रही हैं, उनके लिए तो मौसम साफ है।
अभय ही नहीं दिल्ली जाने वाले हजारों लोग कन्फर्म टिकट के लिए परेशान हैं। किसी भी ट्रेन का कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा। अब तो पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर-आनंदविहार के बीच प्रतिदिन चलने वाली हमसफर को सप्ताह में पांच दिन निरस्त कर दिया है। अब यह ट्रेन सिर्फ दो दिन शुक्रवार और शनिवार को ही चल रही है।
गुरुवार को सप्ताह में एक दिन चलने वाली गोरखपुर-आनंदविहार एक्सप्रेस भी निरस्त कर दी गई है। इसके चलते गोरखधाम एक्सप्रेस का लोड बढ़ गया है। 25 दिसंबर को ही एसी थर्ड में 100 वेटिंग है। 27 और 28 को चलने वाली हमसफर में भी 60 से ऊपर वेटिंग चल रहा है।
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गोरखपुर के रास्ते बिहार से दिल्ली रूट पर चलने वाली ट्रेनें पहले से ही फुल रहती हैं। गोरखपुर पहुंचने पर उनकी जनरल बोगियों में पैर रखने की जगह नहीं होती। यात्री गैलरी, गेट और टायलेट में खड़ा होकर यात्रा को मजबूर हैं। लेकिन सवाल यह है कि पूर्वांचल और बिहार के लोगों को कबतक खड़ा होकर यात्रा करनी पड़ेगी।
कबतक कन्फर्म टिकट के लिए भटकना पड़ेगा। क्षेत्रीय रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति (जेडआरयूसीसी) के सदस्य अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि पूर्वोत्तर रेलवे यात्री प्रधान रेलवे है। इसके बाद भी रेलवे प्रशासन यात्रियों पर ध्यान नहीं दे रहा और अभी भी अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही व्यवस्था पर कार्य कर रहा है।
हैवी फाग का हवाला देते हुए एक दिसंबर से ही हमसफर सहित दर्जनों ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं। जबकि, अभी तक कोहरा ही नहीं पड़ा। रात 12 बजे के बाद कुछ घंटे के लिए कहीं-कहीं सामान्य कोहरा दिख रहा है। दिल्ली ही नहीं पंजाब, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और बेंगलुरु जाने वाले लोग वर्ष पर्यंत कन्फर्म टिकट के लिए भटकने को मजबूर हैं।
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मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय कहते हैं कि 200 मीटर तक दृश्यता नहीं होने पर ही घना कोहरा माना जाता है।200 से 500 मीटर तक दृश्यता नहीं होने पर मध्यम और 500 मीटर से अधिक दृश्यता नहीं होने पर सामान्य कोहरा होता है। जबकि, रेलवे स्टेशनों पर तो सामान्य कोहरा है।
रेलवे के नियमों की माने तो स्टेशन के बीच से दोनों तरफ 400 मीटर की दूरी तक दृश्यता नहीं होने पर ही कोहरा माना जाता है। ऐसे में गोरखपुर जंक्शन पर रात में कुछ समय के लिए ही सामान्य ही कोहरा पड़ रहा है। जबकि, घने कोहरे में भी ट्रेनों के परिचालन का प्रविधान है।
चक्रवात और तूफान आने पर ही ट्रेन को रोकने की व्यवस्था है। पूर्वोत्तर रेलवे की सभी ट्रेन के इंजनों में फाग सेफ डिवाइस लगने लगी हैं। फाग सेफ डिवाइस लगने से ट्रेनों की गति अधिकतम 75 किमी प्रति घंटे हो गई है।
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