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    नया गोरखपुर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया हुई तेज, इन 25 गांवों को मिलेगा पूरा मुआवजा

    Updated: Thu, 26 Dec 2024 12:32 PM (IST)

    Naya Gorakhpur Land Acquisition नए गोरखपुर के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज हो गई है। जीडीए ने समझौते के आधार पर जमीन लेने के साथ ही अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस पूरी प्रक्रिया में छह-सात माह का समय लगेगा। जानिए पूरी प्रक्रिया और मुआवजा वितरण की जानकारी। अब तक बालापार और मानीराम राजस्व ग्राम में 175 एकड़ जमीन क्रय की जा चुकी है।

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    Gorakhpur Land Acquisition: जुलाई अगस्त तक मिलने लगेगा मुआवजा। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। Naya Gorakhpur Land Acquisition: मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत नया गोरखपुर बसाने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने समझौते के आधार पर जमीन लेने के साथ ही अनिवार्य अधिग्रहण की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यद्यपि, अभी इस पूरी प्रक्रिया में छह से सात माह का समय लग जाएगा।

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    गोरखपुर-कुशीनगर रोड पर चौरीचौरा तहसील क्षेत्र के माड़ापार में 151.261 हेक्टेयर और सदर तहसील क्षेत्र के तकिया मेदनीपुर में 44.706 व कोनी में 56.482 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत की जाएगी। इसके लिए चयनित एजेंसी की ओर से समाघात सामाजिक अध्ययन की रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के बाद अब प्रशासन ने 30 दिसंबर को जनसुनवाई की तिथि तय की है।

    सुबह 10.30 बजे से चौरीचौरा तहसील सभागार में माड़ापार की अधिगृहीत की जा रही भूमि के लिए जनसुनवाई होगी जबकि दोपहर दो बजे से चार बजे तक सदर तहसील सभागार में तकिया मेदनीपुर और कोनी की सुनवाई होगी। नया गोरखपुर के लिए 25 गांवों की करीब छह हजार एकड़ भूमि आपसी समझौते और अनिवार्य अधिग्रहण के आधार पर ली जाएगी।

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    Naya Gorakhpur Land Acquisition: सीएम योगी के निर्देश पर अधिकारियों ने दिखाई तेजी। जागरण


    यह है प्रक्रिया

    प्रशासन की ओर से चयनित एजेंसी एग्रीमा संस्थान की ओर से समाघात समाजिक अध्ययन की रिपोर्ट पर 30 दिसंबर को जनसुनवाई होने के बाद एजेंसी दस दिन के भीतर अपनी आखिरी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के अध्ययन के लिए बहुसाखीय समूह का गठन किया जाएगा। इस समूह में दो अर्थशास्त्रीय, दो समाजशास्त्री, एक तकनीकी सदस्य जैसे अभियंता, प्रभावित पंचायतों में से दो प्रधान होंगे।

    बहुसाखीय समूह की बैठक में एजेंसी को अपना प्रस्तुतीकरण देना होगा। इसके बाद समूह, शासन को अपनी रिपोर्ट भेजेगा। शासन इसे अपनी अनुमति देने के साथ ही धारा 11 के प्रकाशन के लिए प्रस्ताव मांगेगा। इसके बाद अधिसूचना जारी होगी, पेपर में गजट प्रकाशन होगा और साथ ही मुनादी कराई जाएगी। इसके बाद कोई भी काश्तकार अधिसूचित भूमि को बेच या खरीद नहीं सकेगा।

    पेपर में प्रकाशन के 60 दिन के भीतर आपत्ति मांगी जाएगी। सुनवाई होगी और फिर आपत्तियों का निस्तारण होगा जिसके बाद धारा 19 का प्रकाशन करने के साथ अधिगृहीत जमीन के लिए मुआवजा वितरण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

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    जीडीए यहां समझौते के आधार पर क्रय कर रहा भूमि

    मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना में विकास प्राधिकरण राजस्व ग्राम बालापार, मानीराम, रहमतनगर, सोनबरसा, महराजगंज, परमेश्वरपुर, बैजनाथपुर, विशुनपुर, देवीपुर, रामपुर गोपालपुर, ठाकुरपुर नंबर-1 व ठाकुरपुर दोयम में करार के आधार पर भूमि अर्जन की कार्यवाही कर रहा है। तीन हजार करोड़ की इस परियोजना के लिए प्राधिकरण की ओर से अब तक बालापार और मानीराम राजस्व ग्राम में 175 एकड़ जमीन क्रय की जा चुकी है।

    जमीन क्रय करने के साथ ही जोनल प्लान भी कर रहे तैयार

    नया गोरखपुर के लिए समझौते के आधार पर जमीन क्रय करने के साथ ही प्राधिकरण ने यहां के सुनियोजित विकास के लिए जोनल प्लान बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। चयनित फर्म ड्रोन सर्वे के माध्यम से इस क्षेत्र का जोनल प्लान तैयार कर रही है। प्रथम चरण में मानीराम, बालापार समेत चार गांव, जहां प्राधिकरण की ओर से जमीन क्रय की जा रही है, उसका जोनल प्लान तैयार कराया जा रहा है।

    प्लान तैयार होते ही उसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। इसी तरह जैसे-जैसे चार से छह गांवों में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होती जाएगी, वहां का जोनल प्लान भी तैयार होता जाएगा। इसके जरिये यह तय हो सकेगा कि कहां की भूमि आवासीय होगी, कहां व्यावसायिक और कहां स्कूल, अस्पताल व अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।