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    सबरंग: गोरखपुर शहर की शान बढ़ा रहे शादी के परिधान, बजट के हिसाब से होगी खरीदारी

    Wedding dresses सबरंग गोरखपुर शहर में शादी-विवाह के लिए अब आपको बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। यहां के ब्रांडेड शोरूम में आपको हर बजट के हिसाब से शानदार परिधान मिल जाएंगे। दूल्हे के लिए शेरवानी कुर्ता-पायजामा सदरी साफा दुपट्टा और जूते वहीं दुल्हन के लिए लहंगा साड़ी इंडो-वेस्टर्न पैटर्न वाले परिधान क्रॉप टॉप और आकर्षक आभूषण उपलब्ध हैं।

    By Prabhat Pathak Edited By: Vivek Shukla Updated: Sun, 01 Dec 2024 11:48 AM (IST)
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    लगन लग गई: शो रूम में युवती को शादी वाले फैंसी लहंगा को पहनाती शोरूम की कर्मचारी। अभिनव राजन चतुर्वेदी

    फैंसी लहंगे और शेरवानी खरीदने के लिए अब बड़े शहरों की दौड़ लगाने की जरूरत नहीं है। अपना शहर गोरखपुर भी इनकी ब्रांडेड दुकानों से समृद्ध हो चुका है। अगर यहां सामान्य वर्ग के लोगों के अनुसार सस्ते और खूबसूरत शादी-विवाह के परिधान मौजूद हैं तो वहीं, उच्च वर्ग की मांग पर खरा उतरने वाले परिधान भी खूब हैं।

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    पांच हजार से लेकर एक लाख से अधिक तक के परिधानाें की दुकानों पर उपलब्धता इसका प्रमाण है। दूल्हा हो या दुल्हन दोनों ही इस मौके को और खास और यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। ऐसे में इसकी तैयारी भी पहले से शुरू कर दी जाती है।

    इस बार शादियों में लड़कों को शेरवानी के साथ-साथ जहां ओपन जोधपुरी स्टाइल भी खूब भा रहा है, वहीं लड़कियां ब्रांडेड ब्राइडल और नान ब्राइडल लहंगों की अधिक मांग कर रहीं हैं। ज्यादातर लोग सगाई के लिए ओपन जोधपुरी स्टाइल की ही मांग कर रहे हैं। इसके अलावा शादी वाले दिन के लिए आज भी बंद गले की शेरवानी भी दूल्हों की पहली पसंद है। लग्न में दुल्हे-दुल्हन के कपड़ों के बदलते ट्रेंड व मांग पर प्रस्तुत है प्रभात कुमार पाठक की रिपोर्ट।

    दूल्हों की पसंद बने जोधपुरी सूट तो दुल्हन को भा रहा लहंगा

    शादी का दिन हर लड़का-लड़की के लिए बेहद खास होता है। यह न केवल उनके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक होता है, बल्कि यह उनकी फैशन समझ व प्राथमिकताओं का भी परिचय देता है। खासकर भारतीय समाज में, जहां पारंपरिक परिधान पहनने का विशेष महत्व है वहीं, हर दुल्हन की अलमारी में कुछ विशेष कपड़े होने चाहिए, जो न केवल मौके के हिसाब से सही हों बल्कि पारंपरिक और फैशन के अनुरूप लगें।

    शो रूम में युवती को शादी वाले फैंसी लहंगा को पहनाती शोरूम की कर्मचारी। अभिनव राजन चतुर्वेदी


    दुल्हा भी इस दिन सबसे अलग दिखने के लिए विशेष तैयारी करते हैं। इनमें परिधान पर इनका विशेष जोर होता है। पहले की अपेक्षा शादी में परिधानों के ट्रेंड बदले हैं। दुल्हाें की पसंद जहां इंडो वेस्टर्न पैटर्न के परिधान व जोधपुरी सूट बन गया हैं वहीं दुल्हन को ब्राइडल तथा नान ब्राइडल लहंगा व क्राप टाप भा रहा है। यदि एक ही छत के नीचे शादी के सभी परिधान मिल जाए तो फिर क्या कहने कुछ इसी को ध्यान में रखकर प्रतिस्पर्धा के इस दौड़ में कई ब्रांडेड कंपनियों ने सिर्फ शादी-विवाह से जुड़े परिधान व सेट बाजार में उतारे हैं।

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    गोरखपुर शहर में भी दुल्हा के लिए साफा, दुपट्टा, सदरी, माला, जूता तथा दुल्हन के लिए लहंगा, साड़ी, इंडो वेस्टर्न पैटर्न वाले परिधान, क्राप टाप जैसे आकर्षक व खूबसूरत परिधान उपलब्ध हो चुके हैं जिसे खरीदने के लिए कभी यहां के लोगों को कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली व बेंगलुरु आदि शहरों की दौड़ लगानी पड़ती थी।

    दिल्ली व कोलकाता नहीं अब गोरखपुर में ही खरीदें शादी के परिधान

    लग्न के समय में शहर में मौजूद शादी-विवाह के ब्रांडेड परिधानों के एक से बढ़कर एक शोरूम दुल्हा-दुल्हन को उनकी सभी जरूरतें पूरी करने को तैयार है। पार्क रोड स्थित परिधान के एक ब्रांडेड शो-रूम के संचालक गौतम सिंह बताते हैं कि अब बीते दिनों की बात हो गई जब लोग इस शहर छोड़कर शादी-विवाह के परिधान लेने लखनऊ, दिल्ली व कोलकाता जाते थे।

    पुतले को सजाती कर्मचारी। जागरण


    इन दिनों ऐसा कोई भी परिधान नहीं है जो यहां उपलब्ध नहीं है। साड़ी से लेकर सूट तक तो शेरवानी से लेकर लहंगा तक सभी लोगों को उनकी बजट के अनुसार उपलब्घ है। इस बार सबसे अधिक इंडो वेस्टर्न पैटर्न के बंद गले के सूट लोग खूब पसंद कर रहे हैं। जबकि दुल्हन के लिए ब्राइडल लहंगा जिसकी कीमत 10 से 80 हजार है तथा 30 हजार से लेकर एक लाख 10 हजार के नान ब्राइडल लहंगों की लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं। दुल्हे के परिधान के कंपलीट रेंज न्यूनतम जहां 30-40 हजार में उपलब्ध है वहीं, अधिकतम 50 से डेढ़ लाख रुपये में मिल जाएंगे।

    हल्दी के लिए हैं पीले डिजाइनर कुर्ता-पायजामा की मांग

    रेडीमेड कपड़ा कारोबारी आकाश अग्रवाल ने बताया कि हल्दी के रस्म के लिए डिजाइन कुर्ता-पायजामा की इस बार अधिक डिमांड है। घर के सभी सदस्य इस रस्म के लिए एक साथ इसकी खरीदारी कर रहे हैं। कुर्ता-पायजामा एक से तीन हजार तक में बिक्री के लिए उपलब्ध है। इसके साथ ही सिलेब्रिटीज जैसे परिधान की भी लोग डिमांड करते हैं।

    कई लोग फोटो लेकर आ रहे हैं और बिल्कुल उसी डिजाइन और कलर की ड्रेस डिजाइन करवाते हैं। नवंबर-दिसंबर की खरीदारी के साथ ही बहुत से लोग जनवरी-फरवरी में होने वाली शादी के लिए भी अभी से खरीदारी करने लगे हैं। ताकि उस समय उन्हें अपने मनपसंद परिधान के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े।

    दुल्हे के इंडियन वेस्टर्न पोषाक से पुतले को सजाता कर्मचारी। अभिनव राजन चतुर्वेदी


    शादी में आर्ट सिल्क का बढ़ा क्रेज, वाराणसी साड़ी का जलवा अब भी कायम

    शादी में अन्य परिधान के साथ-साथ साड़ी की खरीदारी भी खूब होती है। इसके बिना दुल्हन का परिधान अधूरा माना जाता है। बदले जमाने के साथ साड़ियों तरह-तरह की वैरायटी की साड़ियां बाजार में आ चुकी है। इनमें सबसे अधिक क्रेज आर्ट सिल्क का है। यह वाराणसी पैटर्न पर आधारित है।

    गोलघर के साड़ी कारोबारी श्रेयांस टेकड़ीवाल बताते हैं कि भारी होने, हमेशा उपयोग में न आने तथा रख-रखाव अधिक होने के चलते वाराणसी साड़ियों की बिक्री घटी जरूर है लेकिन इसका जलवा अभी भी कायम है। डाल की साड़ी खरीदते समय कम से एक वाराणसी साड़ी लोग दुल्हन के लिए जरूर खरीदते हैं। हर नई दुल्हन अपनी अलमारी में हर तरह के कपड़े रखना पसंद करती है, जो उन्हें ससुराल में सबसे खूबसूरत दिखा सके।

    इसी को ध्यान में रखकर साड़ी के साथ-साथ लोग तरह-तरह की आकर्षक व साड़ियाें की इस बार खरीदारी कर रहे हैं। यह साड़ियां वाराणसी व जयपुर से आती हैं। साड़ियों की बिक्री की बात कर तो पहले की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत साड़ियों की बिक्री बढ़ी है। प्योर सिल्क व कांजीवरम सिल्क की साड़ियां लोग खूब पसंद कर रहे हैं।

    दुल्हे के पोषाक से पुतले को सजाता कर्मचारी। अभिनव राजन चतुर्वेदी


    आठ से 20 हजार रुपये की ये साड़ियां बेंग्लुरु से आती है। शादी में पहनने के लिए युवतियां सिफान की साड़ी ले रहीं हैं, जो दो से पांच हजार रुपये में बिक रही है। लेनदेन के लिए ज्यादातर लोग पांच सौ से लेकर 1500 रुपये तक साड़ियां ले रहे हैं।

    बरातियों के लिए सदाबहार हैं कोट पैंट

    बरातियों और दूल्हों के दोस्तों के लिए तो कोट-पैंट सदाबहार रहता है। इस बार भी इसकी ठीक-ठाक मांग है। इसके अलावा दूल्हे के कुछ करीबी दूल्हे की तरह ही ड्रेस स्टाइल कराते हैं, लेकिन उनकी ड्रेस पर काम थोड़ा हल्का रहता है। इससे दूल्हा अलग दिखता है।

    डबल-ट्रिपल पल्ले की शेरवानी भी ट्रेंड में है। ज्यादातर लोग डिजाइनर एम्ब्रायडरी के काम वाले कोट-पैंट बनवा रहे हैं। कांट्रस्ट वाले ब्लेजर की भी अच्छी डिमांड है और इसके साथ ही इंडो-वेस्टर्न और ट्रिपल पल्ला श्रग भी खूब चल रहा है।

    दुल्हन के गले की शोभा बढ़ा रही लाग सेट हार व गले का चोकर

    शादी की बात हो और आभूषण की खरीदारी न हो यह तो हो ही नहीं सकता है। पुराने व परंपरागत आभूषण की जगह अब नए और अलग-अलग वैरायटी के आभूषण ने ले ली है। आभूषण विक्रेता व परंपरा जेम्स एंड ज्वेल्स के निदेशक संजय अग्रवाल बताते हैं कि शादी में दुल्हन के आभूषण की ही अधिक खरीदारी होती है।

    शो रूम में पुतले को सजाती कर्मचारी। जागरण


    इस बार गले का हार लाग सेट का प्रचलन अधिक बढ़ा है। इसके अलावा गले का चोकर भी लोग खूब पसंद कर रहे हैं। सामान्य की तुलना में कलर स्टोन वाले आभूषण की अधिक मांग है। इसके साथ ही डायमंड के नथ व नेकलेस भी खूब बिक रही है। डायमंड का नेकलेस जहां दो से 12 लाख तक में उपलब्ध है वहीं गले का चोकर 30 से 100 ग्राम में है। जिसकी खरीदारी लोग अपने बजट के अनुसार कर रहे हैं।

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    डाल के आभूषण के लिए आमतौर पर लोग चूड़ी, गले का हार, अंगूठी, नथ व मांगटीका लेते हैं। पांच थान के यह सेट कम से कम तीन लाख और अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। सोने की कीमत बढ़ने के कारण लेनदेन में चांदी का गिफ्ट का प्रचलन बढ़ा है। अधिकांश कम बजट में भड़कीले उपहार देना अधिक पसंद कर रहे हैं।

    विवाह के परिधान और उनकी कीमत

    परिधान
    कीमत (रुपये हजार में)
    आर्ट सिल्क की साड़ी 2500 से 5000
    वाराणसी साड़ी 5000 से 50,000
    सूरत की साड़ी 500 से 1500
    शेरवानी 15000 से 70000
    कुर्ता डिजायनर 3000 से 20,000
    सदरी 4000 से 15000
    इंडो वेस्टर्न 12,000 से 30,000
    साफा 25,00 से 10,000
    दुपट्टा 25,00 से 10,000
    जूता 25,00 से 10,000
    लहंगा 8,000 से 1,10000
    ब्राइडल लहंगा 10,000 से 80,000
    क्राप टाप 15,000 से 40,000
    दुल्हन के लिए पोटली बैंग 2000 से 5000

    गोलघर में दुल्हे को शादी के परिधान से सजाता कर्मचारी। जागरण


    डिजायनर लहंगे, दुपट्टे व वेस्टर्न परिधान का बढ़ा प्रचलन

    फैशन डिजाइनर अंजली लिलारियां ने बताया कि आजकल शादी-विवाह में डिजायनर लहंगे, दुपट्टे व वेस्टर्न परिधान का प्रचलन बढ़ा है। रस्म के अनुसार भी परिधान बदला है। हल्दी के लिए जहां लोग पीले रंग के परिधान ले रहे हैं वहीं मेंहदी के लिए हरे रंग का परिधान लेना पसंद कर रहे हैं।

    दुल्हा-दुल्हन को मैंचिंग परिधान खूब भा रहा है। रंग की बात कों तो इनमें खासकर लाल, पर्पल तथा आइवरी आदि रंग लोगों को खूब भा रहे हैं। बाजार में उपलब्ध फैशन के अनुसार भी लोग परिधान की खरीदारी कर रहे हैं।