साइबर अपराधियों के खौफ से ढाई माह तक घर में कैद रहे दंपती, मोबाइल की घंटी बजते ही कांप जाता था शरीर
साइबर अपराधियों के खौफ से एक दंपती करीब ढाई महीने तक घर में कैद रहा। मोबाइल की घंटी बजते ही उनका शरीर कांप जाता था। साइबर अपराधियों ने उन्हें धमकाया था कि अगर उन्होंने किसी को इस बारे में बताया तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दंपती ने साइबर अपराधियों के बताए गए खाते में 3.80 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। कालिंदीपुरम में रहने वाले दंपती को साइबर अपराधियों ने किस कदर धमकी दी थी, उसका पता इसी से चलता है कि वह करीब ढाई माह तक घर में कैद थे। मोबाइल की घंटी बजते ही उनका शरीर कांप जाता था। जरूरी काम से ही वह डर-डर कर घर से बाहर निकलते थे। कहीं भी पुलिसकर्मी दिख जाएं तो खुद को छिपाने की कोशिश करते थे।
कांलिंदीपुरम निवासी रतन कुमार कुलश्रेष्ठ ने धूमनगंज थाने में 3.80 लाख रुपये की ठगी का मुकदमा दो दिन पहले दर्ज कराया है। इंस्पेक्टर अमरनाथ राय को बताया कि तीन सितंबर की दोपहर उनके मोबाइल पर अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को हैदराबाद का सीबीआइ कमिश्नर कबीर सिंह बताया।
इसके बाद बोला कि उनके आधारकार्ड का गलत गतिविधियों में उपयोग किया गया है। सीबीआइ के अधिकारी गिरफ्तारी को पहुंच रहे हैं। बचने के लिए रुपये देने होंगे। दूसरे दिन रतन कुमार अपनी पत्नी के साथ बैंक पहुंचे और साइबर अपराधी के बताए गए खाते में 3.80 लाख रुपये आरटीजीएस कर दिया था। इसके बाद साइबर अपराधी ने धमकाया कि अगर यह बात किसी और को बताई तो सीधे गिरफ्तारी होगी।
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इंस्पेक्टर अमरनाथ राय ने बताया कि दंपती को साइबर अपराधियों ने इस कदर धमकाया कि उन्होंने किसी से इसका जिक्र ही नहीं किया। अगर यह बात समय पर किसी को बता देते तो शायद रुपये बच जाते।
रतन कुमार ने यहां तक बताया कि खौफ के चलते घर से निकलना ही बंद कर दिया था। बेहद जरूरी काम होने पर ही निकलते थे। मोबाइल की घंटी बजते ही उनका शरीर कंपाने लगता था। हालांकि, अब मुकदमा दर्ज कर साइबर अपराधियों के बारे में पता लगाया जा रहा है।
ऐसे रहें सतर्क
- अंजान नंबर से फोन आने पर सावधान हो जाएं।
- कोई किसी प्रकार की धमकी दे तो तत्काल पुलिस को जानकारी दें।
- किसी भी सूरत में रुपये अंजान व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर न करें।
- धमकी भरा मैसेज आने पर पुलिस को जानकारी दें।
एपीके फाइल भेजकर छात्र का वाट्सएप एकाउंट किया हैक
आपके वाट्सएप पर पीएम किसान योजना की एपीके (एंड्रायड पैकेज किट) फाइल आए तो उसे ओपन न करें। इसे खोलते ही आपका वाट्सएप एकाउंट हैक हो जाएगा और फिर आपके मोबाइल से गोपनीय जानकारी चुराकर उसका दुरुपयोग किया जाएगा।
साइबर अपराधियों ने बेली में रहने वाले छात्र अनुज यादव के साथ किया। उसके वाट्सएप पर पीएम किसान योजना एपीके फाइल भेज वाट्सएप एकाउंट हैक कर लिया गया। उसके वाट्सएप से जुड़े लोगों को भी वही फाइल भेज ठगी की कोशिश की गई।
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इसी तरह ब्वायज हाईस्कूल बीएचएस के शिक्षक जोएल जैकब लारेंस से कोचिंग लेने के लिए उन्हें काल किया गया। फिर धोखे से एक लिंक भेजकर उनका भी वाट्सएप एकाउंट हैक कर लिया गया। हैकरों ने शिक्षक के संपर्क में रहने वालों लोगों को बीमारी का झांसा देकर पैसे की मांग शुरू कर दी।
घटना की शिकायत मिलने पर पुलिस की साइबर सेल ने छात्र और शिक्षक का वाट्सएप डाटा रिकवर कराकर ठगी से बचाया। यदि कोई व्यक्ति पीएम किसान योजना एपीके फाइल को ओपन करके मोबाइल एप डाउनलोड करता और उसमें बैंक एकाउंट सहित अन्य जानकारी भरता है तो साइबर ठगी का शिकार हो सकता है।
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