UP के इस शहर में बिजली गुल होने से मचा हाहाकार, गर्मी और उमस में जागकर बितानी पड़ी रात
गोरखपुर के सूर्य कुंड क्षेत्र में केबल कटने से 1500 घरों की बिजली गुल हो गई जिससे लोग गर्मी और पानी की समस्या से जूझते रहे। जियो ग्रुप के कर्मचारियों द्वारा ऑप्टिकल फाइबर के लिए खुदाई करते समय केबल कट गई थी। फाल्ट ढूंढने और ठीक करने में पूरी रात लग गई। वहीं रानीबाग और लालडिग्गी में भी बिजली संबंधी समस्याएँ आईं।

जागरण संवाददाता, गाेरखपुर। सूर्य कुंड क्षेत्र के 1500 उपभोक्ताओं के घरों की बिजली गुरुवार की रात आठ बजे कट गई। पुन: बिजली शुक्रवार की सुबह पांच से 8:30 बजे के बीच आई। पूरी रात उपभोक्ता गर्मी व उमस से परेशान रहे। पानी का भी संकट खड़ा हो गया था।
उपकेंद्र के एसडीओ एसपी रस्तोगी ने बताया कि जीयो ग्रुप की कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने गुरुवार को सूर्यकुंड उपकेंद्र की 11 केवी की भूमिगत केबल काट दिया और मौके से भाग गए। आप्टिकल फाइबर का तार डालने के लिए खोदाई कर रहे थे।
फाल्ट की तलाश करने में करीब चार घंटे लगे। रात में ही दूसरे स्रोत से उपभोक्ताओं को बिजली देने का प्रयास किया गया लेकिन फीडर ट्रिप हो जा रहा था। पूरी रात केबल को दुरुस्त करने का कार्य चलता रहा। कुछ उपभोक्ताओं के घरों की बिजली सुबह पांच बजे बहाल हुई तो कुछ की सुबह 8:30 बजे।
इसके अलावा रानीबाग उपकेंद्र से जुड़े कजाकपुर न्यू कालोनी में गुरुवार देर रात एक बिजली के पोल में आग लग गई। रुस्तमपुर उपकेंद्र के एसडीओ ने बताया कि पोल पर इंटरनेट और डिस केबल बांधे गए थे, जिनमें गुरुवार की देर रात आग लग गई।
इसकी वजह से 15 मिनट के लिए क्षेत्र की बिजली काटी गई थी। आग को बुझाकर बिजली बहाल कर दी गई। शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे बरहुआ बिजली घर से लालडिग्गी उपकेंद्र की बिजली ट्रिप कर गई जिसकी वजह से उपकेंद्र बंद हो गया। लालडिग्गी उपकेंद्र के एडीओ ने बताया कि करीब डेढ़ घंटे बाद बिजली बहाल कर दी गई।
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अष्टमी से दशमी तक निर्बाध बिजली देने की तैयारी
शारदीय नवरात्र में अष्टमी से विजयादशमी तक शहर में मेले का माहौल होता है। इस दौरान विभाग ने निर्बाध बिजली देने की तैयारी की है। अधीक्षण अभियंता शहरी इं. लोकेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि बिजली निगम के अभियंताओं को ज्यादा सक्रिय रहने की हिदायत दी है।
18 ट्राली ट्रांसफार्मर व 789 नए व 91 मरम्मत किए गए विभिन्न पावर के ट्रांसफार्मर स्टोर में रखे गए हैं। ताकि अचानक जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके। जेई व एसडीओ अपने-अपने क्षेत्रों में पंडाल सहित बिजली आपूर्ति की निगरानी रखेंगे। इन तीन दिनों में लगभग पांच प्रतिशत लोड पंडालों की वजह से होगा, इसे देखते हुए तैयारी की गई।
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