UP Voter List: पंचायत मतदाता सूची में दर्ज होंगे दो लाख से अधिक नए वोटरों के नाम, बस 29 सितंबर तक है मौका
गोरखपुर में पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य जारी है। दो लाख से अधिक नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए आवेदन आए हैं जबकि 82 हजार नाम काटे जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने डुप्लीकेट वोटरों को पकड़ने के लिए यूनिक स्टेट वोटर नंबर (एसवीएन) आवंटित किया है। अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी को प्रकाशित होगी।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचक नामावली के वृहद पुनरीक्षण अभियान के तहत 19 अगस्त से लेकर शुक्रवार तक नए वोटर बनाने के लिए दो लाख से अधिक आवेदन आ चुके हैं तो वहीं करीब 82 हजार नाम काटे जाएंगे। 29 सितंबर तक वोटर बनने का आखिरी मौका है।
इसके बाद ही मतदाता सूची में बढ़ने वाले नए नामों और कटने वाले मतदाताओं के नामों की वास्तविक संख्या पता चल सकेगी। फिलहाल शुक्रवार तक सबसे अधिक कैंपियरगंज में 22,261, ब्रह्मपुर में 19302, खजनी में 15,356 और चरगांवा में 13,908 लोगों ने आवेदन किया है। वहीं सबसे कम पिपरौली से 4,454 लोगों ने वोटर बनने के लिए आवेदन किया है।
पुनरीक्षण कार्यक्रम के अनुसार 30 से छह अक्टूबर तक निर्वाचक गणना पत्रक के आधार पर परिवर्धन, संशोधन एवं विलोपन की तैयार हस्तलिखित पांडुलिपि सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी कार्यालय में जमा किया जाएगा। सात अक्टूबर से 24 नवंबर तक ड्राफ्ट नामावलियों की कंप्यूटरीकृत पांडुलिपि तैयार की जाएगी।
पांच दिसंबर को अनंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। छह दिसंबर से 12 दिसंबर तक दावे एवं आपत्तियां मांगी जाएंगी। 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक आपत्तियों का निस्तारण और 15 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
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सभी मतदाताओं को मिला यूनिक नंबर
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में डुप्लीकेट वोटरों के नाम पकड़ने के लिए इस बार राज्य निर्वाचन आयोग ने एक नई व्यवस्था लागू की है। प्रदेश के प्रत्येक वोटर को यूनिक स्टेट वोटर नंबर (एसवीएन) आवंटित किया गया है। छह अक्षरों वाला यह नंबर मतदाता सूची में उनके नाम के सामने अंकित है, जिससे न केवल डुप्लीकेसी की पहचान होगी बल्कि मतदाता को भी अपना नाम ढूंढना आसान रहेगा।
एसवीएन में अंग्रेजी के छह अक्षर होते हैं। पहले तीन अक्षर संबंधित ब्लाक के नाम से जुड़े रहते हैं। चौथा अक्षर मतदाता के लिंग को दर्शाता है। एफ है तो महिला और एम है तो पुरुष। पांचवें और छठवें अक्षर के रूप में डबल ए अंकित किया गया है। इसके बाद मतदाता का सीरियल नंबर लिखा गया है।
इस तकनीक की मदद से यदि किसी मतदाता का नाम और उसके पिता का नाम समान पाया जाता है, तो भी सिस्टम डुप्लीकेसी को आसानी से पकड़ सकेगा। सभी बीएलओ को जो मतदाता सूची उपलब्ध कराई गई है, उसमें आखिरी से तीसरे कालम में एसवीएन अंकित है। इस सूची के जरिए मतदाता स्वयं भी अपना नाम सर्च कर सकते हैं।
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