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    तिनकोनिया बना उत्तर प्रदेश का पहला 'जल अर्पण' गांव, हर घर में 24 घंटे नल से जल

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 02:35 PM (IST)

    गोरखपुर का वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन, उत्तर प्रदेश का पहला 'जल अर्पण' गांव बन गया है। यह उपलब्धि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मिली है, जहाँ हर ...और पढ़ें

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    वनटांगिया गांव जंगल तिनकोनिया में चौबीस घंटे हर घर नल से जल की हो रही आपूर्ति। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। सौ साल तक उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर रहा वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के नाम एक और उपलब्धि जुड़ी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रतिवर्ष दिवाली मनाने के लिए भी विख्यात यह गांव अब प्रदेश का पहला और देश का दूसरा जल अर्पण गांव बन गया है। इसका आधिकारिक शुभारंभ शुक्रवार (26 दिसंबर) को गांव में जल अर्पण कार्यक्रम मनाने के साथ हो जाएगा।

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    जल जीवन मिशन के अंतर्गत वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन राज्य का ऐसा पहला गांव बन गया है जहां प्रत्येक घर में चौबीस घंटे नल से जल की आपूर्ति हो रही है। इस कारण इस गांव को जल अर्पण गांव का दर्जा दिया जा रहा है। जल निगम ग्रामीण की तरफ से शत प्रतिशत घरों में नल से जलापूर्ति का ट्रायल तीन महीने से चल रहा था।

    ट्रायल की सफलता के बाद शुक्रवार को जल अर्पण कार्यक्रम का आयोजन कर पाइप्ड वाटर सप्लाई के संचालन की व्यवस्था ग्राम पंचायत को सौंप दी जाएगी। मुख्य अतिथि के रूप में सांसद रविकिशन शुक्ला मौजूद रहेंगे।

    अगले दस वर्षों तक यहां की पेयजल परियोजना का रख रखाव, क्वालिटी मानिटरिंग कार्यदायी संस्था के जिम्मे होगी। सीडीओ शाश्वत त्रिपुरारी के अनुसार जंगल तिकोनिया नंबर तीन में ग्रामीणों को निर्बाध जलापूर्ति मिलेगी।

    राष्ट्रीय स्तर पर भी वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के नाम उपलब्धि दर्ज हुई है। यह देश का दूसरा जल अर्पण गांव बन गया है। पहला जल अर्पण गांव मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का कुंडीबेह है।

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    मुख्यमंत्री ने किया वनटांगिया गांव का कायाकल्प
    जिस गांव के लोग राजस्व अभिलेख में नागरिक का दर्जा हासिल करने से वंचित थे, उस वनटांगिया गांव जंगल तिकोनिया नंबर तीन के कायाकल्प का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को है। इस गांव को अब अति विशिष्ट गांव के रूप में जाना जाता है।

    इसकी वजह है मुख्यमंत्री योगी का इस गांव के प्रति विशेष अनुराग। योगी यहां वर्ष 2009 से ही बतौर सांसद यहां दिवाली मनाते हैं और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी उन्होंने खुद द्वारा शुरू की गई परंपरा में रुकावट नहीं आने दी। उन्होंने वनटांगियों की बदहाली, खुशहाली में बदल दिया है। बतौर सांसद योगी आदित्यनाथ लोकसभा में वनटांगिया अधिकारों के लिए लड़कर 2010 में अपने स्थान पर बने रहने का अधिकार पत्र दिलाया।

    2017 में मुख्यमंत्री बने तो वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर उन्हें शासन प्रदत्त सभी सुविधाओं का हकदार बना दिया। उन्होंने वनटांगिया गांवों को आवास, सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, जैसे संसाधनों के साथ ही यहां रहने वालों को जनहित की सभी योजनाओं से आच्छादित कर दिया है।