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    UP News: बिना फार्म भरे और परीक्षा पास किए मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में बन गए 'फिटर', फर्जीवाड़े से मचा हड़कंप

    रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर कार्यालय की लापरवाही से बिना फॉर्म भरे और परीक्षा पास किए दो युवक फर्जी तरीके से रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में फिटर बन गए। रेलवे बोर्ड ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारों का कहना है कि तकनीशियन भर्ती 2018 के पैनल की गहनता से जांच हो तो फर्जी नियुक्ति के कई मामले सामने आएंगे।

    By Prem Naranyan Dwivedi Edited By: Vivek Shukla Updated: Wed, 11 Dec 2024 07:44 AM (IST)
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    मामले की गहन जांच शुरू हो गई है।

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। माडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) रायबरेली में बिना फार्म भरे व परीक्षा पास किए फर्जी ढंग से दो युवाओं के 'फिटर' बनने का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर कार्यालय ने ही नियुक्ति के लिए पैनल जारी की थी। बिना फार्म भरे व परीक्षा पास किए पैनल में शामिल दोनों युवाओं को नियुक्ति भी दे दी गई। फिलहाल, प्रकरण रेलवे बोर्ड तक पहुंच गया है। मामले की गहन जांच शुरू हो गई है।

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    जानकारों का कहना है कि माडर्न कोच फैक्ट्री के कार्मिक अधिकारी ने संदेह होने पर फर्जीवाड़ा का मामला पकड़ा है। फर्जी ढंग से नियुक्ति पाए युवाओं ने छह माह नौकरी भी कर ली है। इन युवाओं ने भर्ती प्रक्रिया के लिए न फार्म भरा था और न परीक्षा दी थी। गलत ढंग से डोजियर बनाकर अभिलेखों का सत्यापन और मेडिकल कराकर अपना नाम पैनल में शामिल करा लिया।

    इसमें रेलवे भर्ती बोर्ड कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इन्कार नहीं किया जा सकता। रेलवे परिसर में यह प्रकरण चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि तकनीशियन भर्ती 2018 के पैनल की गहनता से जांच हो तो फर्जी नियुक्ति के कई मामले प्रकाश में आएंगे।

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    फर्जीवाड़ा का आलम यह है कि वर्ष 2018 की नियुक्ति की प्रक्रिया 2024 तक पूरी नहीं हो पाई है। एक तरफ वेटिंग के अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए विभागों का चक्कर लगा रहे हैं। वह पैनल जारी करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संबंधित अधिकारी उनकी सुनते ही नहीं हैं।

    वहीं, दूसरी तरफ पैसे लेकर फर्जी ढंग से नियुक्ति की जा रही है। तकनीशियन और सहायक लोको पायलट के पदों पर भर्ती के नाम पर मनमाने ढंग से धन उगाही की गई है। जानकारों का कहना है कि मामला प्रकाश में आने के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष ने कार्यालय के दो कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया है।

    फिलहाल, मामला प्रकाश में आने के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड गोरखपुर के अध्यक्ष नुरुद्दीन अंसारी ने माडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में फिटर पद पर नियुक्ति पाए दो कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी को भेजे गए पत्र में अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2023 और उसके बाद हुए चयन की समीक्षा हो रही है।

    26 अप्रैल 2024 को हुई नियुक्ति में दो कर्मचारी ऐसे हैं, जिनका नाम पैनल से हटा दिया गया है। यह दोनों उम्मीदवार यदि कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं, तो उन्हें धोखाधड़ी से पैनल में शामिल होने में लिप्त होने के कारण तत्काल सेवा से मुक्त किया जाए। इस कार्यालय से सूचना मिलने तक पैनल के अन्य उम्मीदवारों पर कार्रवाई रोकी जाए।

    रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष के पत्र के अनुसार 26 अप्रैल को टेक्निकल ग्रेड थर्ड फिटर के पद पर हुई नियुक्ति की समीक्षा में पाया गया कि क्रमांक संख्या छह पर सौरभ कुमार और सात पर राहुल प्रताप के नाम गलत तरीके से शामिल कर दिए गए हैं। इसलिए इन दोनों उम्मीदवारों सौरभ कुमार और राहुल प्रताप के नाम पैनल से हटा दिए गए हैं। पैनल में शामिल अन्य नामों की समीक्षा की जा रही है। नया पैनल जल्द ही जारी होगा। रेलवे भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि वह अपना पक्ष रेलवे बोर्ड के समक्ष भी रख चुके हैं।

    दो वर्ष पहले भी हो चुकी है भर्ती में अनियमितता पर कार्रवाई

    रेलवे भर्ती बोर्ड, गोरखपुर में तकनीशियन और सहायक लोको पायलट की भर्ती में अनियमितता पर दो वर्ष पहले भी कार्रवाई हो चुकी है। मामले की शिकायत पर नौ नवंबर 2022 को दिल्ली की विजिलेंस (सतर्कता) टीम ने कार्यालय में छापेमारी की थी। टीम ने चेयरमैन का कार्यालय खुलवाकर एक-एक फाइलों को खंगाला था।

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    रेलवे भर्ती बोर्ड ने लखनऊ और वाराणसी में रिक्त पदों के सापेक्ष डेढ़ गुना अधिक 1681 अभ्यर्थियों की परीक्षा लेकर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी थी। वर्ष 2018 में शुरू हुई भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में उत्तीर्ण होने के बाद भी उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए भटकते रहे।

    रेलवे बोर्ड ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए उन्हें दूसरे जोन भेज दिया था। प्रयागराज स्थित रेलवे भर्ती बोर्ड के चेयरमैन को गोरखपुर की भी जिम्मेदारी दी गई थी।