Gorakhpur News: एयरपोर्ट पर अव्यवस्था का शिकार हुए केंद्रीय मंत्री, विमान में कैद रहे यात्री; इस वजह से मचा हड़कंप
गोरखपुर एयरपोर्ट पर विमानों में देरी और अव्यवस्था से केंद्रीय मंत्री भी प्रभावित हुए। इंडिगो की उड़ान से दिल्ली जाने वाले मंत्री को दो घंटे इंतजार करना पड़ा वहीं दिल्ली से आए यात्री विमान में ही फंसे रहे। एयरपोर्ट पर एप्रेन की कमी के कारण यह समस्या हो रही है। जुलाई तक नए एप्रेन बनने से यात्रियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता,गोरखपुर। गोरखपुर एयरपोर्ट पर उड़ानों में लगातार हो रही देरी और अव्यवस्था की मार अब केंद्रीय राज्य मंत्री तक को झेलनी पड़ी। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री को इंडिगो की उड़ान से दिल्ली जाना था, लेकिन उड़ान करीब दो घंटे की देरी से रवाना हुई। मंत्री नियत समय शाम 4:30 बजे एयरपोर्ट पहुंच गए थे, मगर उन्हें डेढ़ घंटे तक एयरपोर्ट निदेशक के कमरे में इंतजार करना पड़ा।
वहीं, उसी विमान से दिल्ली से आए यात्री करीब डेढ़ घंटे तक विमान में ही कैद रहे, क्योंकि टैक्सी वे पर विमान को खड़ा कर दिया गया था। एप्रेन खाली न होने की वजह से यात्रियों को उतरने की अनुमति नहीं मिली।यह कोई एक दिन की समस्या नहीं है। बीते एक माह से गोरखपुर एयरपोर्ट पर उड़ानों के समय में लगातार फेरबदल और विलंब की शिकायतें मिल रही हैं।
शुक्रवार को ही कई उड़ानें देरी का शिकार रहीं। सुबह 9:30 बजे दिल्ली से आने वाला इंडिगो का विमान एक घंटे की देरी से रवाना हुआ। दोपहर 1:50 बजे हैदराबाद जाने वाला विमान 47 मिनट और 2:50 बजे दिल्ली जाने वाली अकासा एयरलाइन की उड़ान 47 मिनट बाद 3:37 बजे रवाना हुई।
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दिल्ली से आने वाला इंडिगो का विमान अपराह्न 3:15 बजे के बजाय शाम 4:58 बजे गोरखपुर पहुंचा, और दो घंटे की देरी से शाम 6:04 बजे वापस दिल्ली रवाना हुआ। मुंबई और बेंगलुरु जाने वाली उड़ानों में भी क्रमश: एक घंटे और 42 मिनट की देरी हुई, जबकि दिल्ली से आने वाली स्पाइस जेट की उड़ान रद्द कर दी गई।
उड़ान में हुई देरी। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)
विमान में बैठे रहने को मजबूर हुए यात्री :
सबसे चिंताजनक स्थिति तब देखी गई जब दिल्ली से आए यात्रियों को विमान से बाहर उतरने की अनुमति तक नहीं मिली। वे लंबे समय तक टैक्सी वे में खड़े विमान में बैठे रहे, जिससे यात्रियों में नाराजगी साफ दिखी। कुछ यात्रियों ने एयरपोर्ट स्टाफ से नाराजगी जताई और इंटरनेट मीडिया पर इस संबंध में शिकायतें साझा की।
जुलाई तक यात्रियों को मिलेगी राहत, तीन नए एप्रेन निर्माणाधीन
गोरखपुर एयरपोर्ट पर विमानों की बढ़ती आवाजाही और सीमित संसाधन के चलते उड़ानों में देरी की समस्या लगातार बनी हुई है। वर्तमान में एयरपोर्ट पर कुल दो एप्रेन हैं इसमें एक बड़े विमान (बोइंग) के लिए और दूसरा छोटे विमानों के लिए। ऐसे में यदि एक साथ दो बड़े विमान एयरपोर्ट पर पहुंचते हैं, तो एक विमान को टैक्सी वे में खड़ा रहना पड़ता है, जब तक कि दूसरा टेकआफ न कर जाए।
यह तकनीकी बाधा केवल उड़ानों में देरी का कारण नहीं बन रही है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, जिन्हें विमान में ही लंबे समय तक बैठकर इंतजार करना पड़ता है। फिलहाल गोरखपुर एयरपोर्ट से रोजाना 12 उड़ानें संचालित होती हैं और आने वाले समय में पांच नई उड़ानों के शुरू होने की उम्मीद है।
ऐसे में एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या में और वृद्धि होना तय है, जिससे मौजूदा एप्रेन की क्षमता और अधिक प्रभावित होगी। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए एयरफोर्स की ओर से तीन नए एप्रेन का निर्माण कराया जा रहा है।
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पहले उम्मीद की जा रही थी कि यह कार्य मई के पहले सप्ताह तक पूरा हो जाएगा, लेकिन अब निर्माण कार्य में देरी के चलते जुलाई से पहले इनके पूरा होने की संभावना नहीं है। जब तक ये नए एप्रेन तैयार नहीं हो जाते, तब तक विमानों को टैक्सी वे में खड़ा रखने की समस्या बनी रहेगी और उड़ानों की समयसारिणी प्रभावित होती रहेगी।
यात्रियों को राहत की उम्मीद जुलाई से
एयरपोर्ट निदेशक आरके पाराशर का कहना है कि जैसे ही नए एप्रेन निर्माण पूर्ण होंगे, विमानों की पार्किंग और संचालन सुचारु रूप से हो सकेगा, जिससे देरी और असुविधा की स्थिति में काफी हद तक सुधार आएगा।
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